विपुल रेगे। निर्देशक ओम राउत की ‘आदिपुरुष’ को नए सिरे से चमकाकर पेश करने की कोशिश नाकाम रही है। मंगलवार को फिल्म का नया ट्रेलर रिलीज हुआ लेकिन उत्साह के बदले निराशा देकर चला गया। विगत एक वर्ष से आदिपुरुष के प्रेजेंटेशन को लेकर भयंकर विवाद की स्थितियां बनी रही थी। नया ट्रेलर रिलीज होते ही भाड़े के मीडिया ने प्रशंसाओं के पुल बाँध दिए हैं। हालाँकि नए ट्रेलर से फिल्म को स्वीकार्यता मिलेगी, ऐसा बिलकुल नहीं लग रहा है।
जब पिछले साल ‘आदिपुरुष’ को लेकर विवाद शुरु हुआ तो फिल्म निर्माताओं ने कहा कि वे दर्शकों की मांग पर सुधार करेंगे। राम-लक्ष्मण और रावण का लुक देखकर दर्शक भड़क गए थे। बिना मूंछो वाले हनुमान को लेकर दर्शकों ने निर्माताओं की आलोचना की थी। हालाँकि सुधार कभी होना ही नहीं था। 19 January 2021 को फिल्म की शूटिंग शुरु हुई और 10 नवंबर 2021 को समाप्त हो गई। इसके बाद फिल्म के प्रोमो आए, जिनकी बहुत आलोचना हुई।

फिल्म के गीतकार मनोज मुंतशिर ने निर्माताओं की ओर से दर्शकों को कई प्रलोभन दिए। इन सबके बीच एक बात निर्माता छुपा गए कि फिल्म के बहुत से हिस्सों को रीशूट करना संभव ही नहीं था। दर्शकों की मांग थी कि मुख्य कैरेक्टर्स का लुक बदल दिया जाए क्योंकि ये कैरेक्टर्स रामायण का ‘फ़ील’ ही नहीं दे रहे थे। यदि निर्देशक दर्शकों की मांग मानता तो नए सिरे से शूटिंग करनी पड़ती और निर्माता भूषण कुमार इसके लिए तैयार नहीं होते क्योकि फिल्म का बजट लगभग दोगुना हो सकता था। नया ट्रेलर कुछ ख़ास उम्मीद नहीं जगाता।
राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान को उसी पुराने लुक में दिखाया गया है। प्रभास की मूंछे गायब नहीं हुई और हनुमान की मूंछे उगाई नहीं गई। रावण के कैरेक्टर से दर्शकों को खासी दिक्कत थी तो निर्माताओं ने ट्रेलर में उसे छुपा दिया है। ट्रेलर में कहीं भी रावण दिखाई नहीं दिया है। मतलब साफ़ है कि सुधार के नाम पर फिल्म में कुछ नहीं किया गया है। निर्देशक कोई बदलाव कर ही नहीं सकता था। जैसे ही ट्रेलर रिलीज हुआ, भाड़े के मीडिया ने इसकी प्रशंसाओं की बाढ़ लगा दी।
स्पष्ट है कि फिल्म निर्माता को प्रचार पर अधिक पैसा खर्च करना पड़ रहा है और आजकल बॉलीवुड में पैड ख़बरों की परंपरा चल रही है। राम वीर पुरुष थे लेकिन सौम्यता उनका विशिष्ट गुण था। फिल्म में प्रभास का एक भी लुक हमें भगवान् राम की याद नहीं दिलाता है। कृति सेनन को सीता के रुप में चयन करना बहुत ही बड़ी गलती है। कृति की रील लाइफ और रियल लाइफ को देखे तो उनके लिए दर्शक पहले से एक इमेज बना चुका है। उनकी ये इमेज सीता के कैरेक्टर के लिए तकलीफदायक है।
हनुमान और राम के बीच की केमेस्ट्री एक पल को किसी दृश्य में दिखाई नहीं देती। नए ट्रेलर का स्वागत नहीं किया गया है। मीडिया के माध्यम से ऐसा झूठ फैलाया जा रहा है कि नए ट्रेलर को दर्शकों ने पसंद किया है। ट्रेलर की शुरुआत में वाइस ओवर में एक लाइन आती है। इसमें कहा जाता है ‘ये कहानी है प्रभु श्रीराम की, जो मानव से भगवान् बन गए।’ इस एक लाइन से फिल्म निर्माता और निर्देशक की विकृत सोच को समझा जा सकता है।
राम अवतार थे इसलिए मानव से भगवान बनने की बात उनके लिए कहना मूर्खता नहीं तो और क्या है ? जब फिल्म निर्माता ऐसा कर सकते हैं तो सोचने वाली बात है कि रामायण का मूल स्वरुप उन्होंने कैसे बिगाड़ा होगा।