प्रेस क्लब बना गुंडों का अड्डा! रवीश का नया संपादक शाहिला और कन्हैया! पत्रकार कलम-कैमरे से नहीं लात-घूंसों से करेंगे बात!
एक पत्रकार होने के नाते अपनी ही बिरादरी के लोगों को सार्वजनिक रूप से भला-बुरा कहना ठीक नहीं है। लेकिन गौरी लंकेश की हत्या के बाद जो कुछ हुआ, उसमें चुप रहना भी गुनाह...