अर्चना कुमारी। देश को टुकड़े-टुकड़े करने की मंसूबा पालने वाले तथा भड़काऊ भाषण देने के मामले में आरोपी शरजील इमाम को साकेत कोर्ट ने जमानत दी। हालांकि इसके बावजूद वह जेल से बाहर निकल नहीं पाएगा और उसे अभी भी जेल में ही रहना पड़ेगा क्योंकि उस पर कई और मामले चल रहे हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि भड़काऊ भाषण दिए जाने को लेकर करीब 31 माह पहले आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था और इससे पहले भी अगस्त 2021 में साकेत कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी।
इसके बाद हाल ही में हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को जमानत याचिका पर दोबारा विचार करने के लिए कहा था। गौरतलब है कि यह मामला न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज शिकायत का है, जिसमें शरजील इमाम पर सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। मूल तौर पर बिहार के रहने वाले सरजील के खिलाफ भारतीय संहिता की धारा 124 ए और 153a के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था और वह करीब 2 साल पहले हुए दिल्ली दंगे का भी प्रमुख आरोपी बताया गया है। हालांकि शरजील को अभी दिल्ली दंगा मामले में राहत नहीं मिली है ।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और दिल्ली दंगे तथा भड़काऊ भाषण के कई मामलों में आरोपी शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह दो समुदायों के बीच वैमनस्यता फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोप लगाया था कि 2019 में दिल्ली के जामिया नगर में हुई हिंसा इमाम के भाषण की वजह से हुई थी।
साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनुज अग्रवाल की अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इस तथ्य को ध्यान में रखा की इमाम के ऊपर लगाई गई धारा 153 ए के तहत अपराध के लिए अनिवार्य कैद की अवधि को आधे से अधिक समय के लिए गुजार चुके हैं वहीं देशद्रोह का मामला सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थगित किया जा चुका है। ऐसे में इमाम को शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है।
इससे पहले वर्ष 2021 में साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था । गौरतलब है कि नागरिक संहिता कानून के विरोध में 15 दिसंबर 2019 को पुलिस को सूचना मिली कि न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी इलाके में कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी हैं और इस मामले में जांच के दौरान यह साफ हुआ कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने जामिया इलाके में एक भड़काऊ भाषण दिया था, जिसके बाद 15 दिसंबर को प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन किया। जिसके बाद शरजील इमाम के खिलाफ पुलिस ने देशद्रोह और दो समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद आरोपी पकड़ा भी गया था