बालासोर ट्रेन दुर्घटना
भ्रष्टाचार बढ़ाने वाला , भारत का अब्बासी – हिंदू ;
चरित्रहीनता का पुतला है , जिम्मी – सेक्युलर ये हिंदू ।
भ्रष्टाचार का जहर भयानक , बुद्धि भ्रष्ट कर देता है ;
कोई कार्य ठीक न होता , केवल जेबें भरता है ।
नब्बे – प्रतिशत नेता – अफसर , चरित्रहीन व भ्रष्ट हैं ;
अपनी ड्यूटी ठीक न करते , पूरे – पूरे नष्ट हैं ।
इसी वजह दुर्घटनायें होतीं , ट्रेनें तक लड़ती रहती हैं ;
लाखों-लाख मर चुके अब तक , मानवता रोती रहती है ।
बालासोर ट्रेन – दुर्घटना , ताजी – ताजी घटना है ;
जिम्मेदार कितने अधिकारी ? पर उन सबको बचना है ।
भ्रष्टाचार का गंदा – पैसा , सबसे ऊपर तक जाता है ;
इसी वजह से कुछ न होता , हर दोषी बच जाता है ।
अब तो कुछ भी नहीं असंभव, कहीं भी कुछ हो सकता है ;
भ्रष्टाचार की महिमा न्यारी, हर जगह हादसा हो सकता है ।
महामूर्ख वो जनता होती , भ्रष्टाचार स्वीकार करे ;
वरना उसकी वोट की ताकत , दुष्टों का संहार करे ।
असमय अगर नहीं मरना है और सुरक्षित रहना है ;
एकमात्र बस यही मार्ग है , अच्छी सरकार बनाना है ।
अच्छी सरकार किसे कहते हैं ? सत्यनिष्ठ – कर्तव्यनिष्ठ ;
ये दोनों गुण तब आते हैं , जब वो होगा धर्मनिष्ठ ।
वर्तमान जितने भी दल हैं , कोई नहीं है सत्यनिष्ठ ;
पर अब आया एक नया दल , पूरा – पूरा धर्मनिष्ठ ।
अंधकार में ज्वाला फूटी , ” एकम् सनातन भारत” की ;
अंधकार की खैर नहीं है , किस्मत जागी है भारत की ।
सदियों तरस रहा था हिंदू , अब जाकर उसको पाया ;
धर्म – सनातन का जो रक्षक , एकमात्र दल अब आया ।
धर्मनिष्ठता – कर्तव्यनिष्ठता – सत्यनिष्ठता , का संगम है ;
गंगा – यमुना – सरस्वती सम , तीनों-वेणी का संगम है ।
हर हिंदू डुबकी मारेगा , अच्छी सरकार बनायेगा ;
भ्रष्टाचार करता दुर्घटना , उससे मुक्ति पायेगा ।
भ्रष्टाचार के इस राक्षस से , हर – हिंदू को बचना है ;
भ्रष्टाचार का जो है रक्षक , अब्बासी – हिंदू को हटना है ।
सत्यमेव-जयते का विकल्प है , हिंदू ! इसको अपनाओ ;
भ्रष्टाचार नहीं बचना है , “एकम् सनातन भारत” लाओ ।