अर्चना कुमारी । शुक्रवार को जुमे की नमाज होती है । इस दौरान मस्जिद में काफी लोग जमा हो जाते हैं और नमाज के बाद नमाजी कब पत्थरबाजी करना शुरू कर दे, यह किसी को मालूम नहीं होता। पिछले दिनों विभिन्न राज्यों में इस तरह की कई घटनाएं हुई और इसके बाद से सुरक्षा बल काफी सतर्क दिखाई देती है।
पहले तो आतंकी भी शुक्रवार को ही ज्यादातर बम फोड़ा करते थे, जिसे ब्लैक फ्राईडे के तौर पर जाना जाता था। अलबत्ता, उत्तर प्रदेश में योगी का प्रशासन काफी सख्त माना जाता है लेकिन यूपी के कानपुर में इसी तरह हिंसा हुई लेकिन इस हिंसा के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस सतर्क दिखाई देती है। कानपुर हिंसा के बाद कानपुर कमिश्नरेट पुलिस और जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद नज़र आया लेकिन एक बार फिर आज शुक्रवार को जुमे की नमाज होनी है।
जुमे की नमाज के लिए पुलिस ने बृहस्पतिवार रात से ही तैयारियां शुरू कर दी थी, जिसके बाद हिंसा प्रभावित इलाकों में सीपी, ज्वाईंट सीपी और भारी संख्या में पुलिस बल ने पैदल मार्च किया, इसके साथ ही मस्जिदों के आसपास कैमरे भी लगाए गए हैं। सूत्रों का दावा है कि सावधानी बरतते हुए पुलिस अधिकारियों ने सभी धार्मिक मुस्लिम उलेमाओं के साथ बैठकें भी कीं हैं ,जिसके बाद पुलिस और खुफिया तंत्र अलर्ट मोड पर है।
वहीं, युवा मित्र और वॉलिटिंयर्स की भी तैनाती की गई है। गौरतलब है कि कानपुर हिंसा के 20 दिन बीत चुके हैं। फिलहाल शहर के हालात काबू में हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। जुमे की नमाज को लेकर साइबर सेल एक्टिव मोड में है। सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए कानपुर कमिश्नरेट पुलिस ने खास इंतजाम किए हैं। पुलिस सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी, भ्रामक खबरें चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।
बताया जाता है कि कानपुर के बेकनगंज के यतीमखाना में जुमे की नमाज पर शहर में सबसे ज्यादा भीड़ होती है। यतीमखाना में जुमे की नमाज सबसे देर में होती है और इस वजह से वहां पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखी गई है।