यदि आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो आवेदन देने से पहले फर्जी वेबसाइट से बचिए नहीं तो आपकी मेहनत की कमाई पर डाका लग सकता है। दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम यूनिट ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो स्वास्थ्य एवं जन कल्याण संस्थान नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर एक माह के दौरान करीब 27 हजार युवाओं से ठगी कर चुका है। पुलिस का दावा है कि इस संबंध में मास्टर माइंड समेत पाच लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि दूसरा मास्टरमाइंड फरार है।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस गैंग ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत दो फर्जी वेबसाइट( www.sajks.org, www.sakjs.com) बनाकर 13 हजार सरकारी नौकरियां निकाली। इसके लिए देशभर में करीब 15 लाख युवाओं को एसएमएस भेजे गए। लेकिन जल्दी वेबसाइट के फर्जी होने का पता चल गया। इसके बाद एक अभ्यर्थी की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई कर पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
छानबीन में पाया गया है कि गैंग का मास्टर माइंड 12वीं कक्षा पास है और दिल्ली के मुंडका में अपने पार्टनर के साथ ऑन लाइन एग्जाम का सेंटर चलाता है। पकड़े दो आरोपियों में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर व दूसरा सॉफ्टवेयर डिप्लोमा होल्डर है। पुलिस उपायुक्त अनीश रॉय का कहना हैै कि एक अभ्यर्थी ने पुलिस से सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि स्वास्थ्य एवं जन कल्याण संस्थान नामक फर्जी वेबसाइट बनाकर कुछ लोग युवाओं से ठगी कर रहे हैं। दावा यह किया गया नौकरी के लिए आवेदन के लिए बकायदा वेबसाइट पर सरकारी लोगो का इस्तेमाल कर एलडीसी, यूडीसी, एंबुलेंस ड्राइवर व नर्स समेत अन्य पदों के लिए 13 हजार पोस्ट निकाली गई हैं।
इसके लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से 500/400 रुपये ऑन लाइन वेबसाइट पर गेटवे के जरिये लिये जा रहे हैं। सूचना के बाद पुलिस की टीम ने वेब साइट की जांच की तो दोनों ही वेबसाइट (www.sajks.org, www.sajks.com) फर्जी मिली। पुलिस ने इसके बाद एक टीम का गठन कर मामले की जांच शुरू की। पुलिस को जांच से पता चला कि अभ्यर्थी जिस गेटवे के जरिये पैसे ट्रांसफर कर रहे थे उनकी गेटवे से कुछ खाते जुड़े हैं,
उन खातों से हिसार के कुछ एटीएम में रुपये निकाले जा रहे हैं। इस तरह की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम ने हिसार से , जींद हरियाणा निवासी अमनदीप (27) को एटीएम से कैश गिरफ्तार किया। इसके बाद पुलिस ने अभियान चलाकर इसके बाद अलग-अलग इलाकों से खेड़ी बारखी, बरवाला, हिसार निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर जोगिंदर सिंह (35), मास्टर माइंड सिसाई कालीराम, हांसी, हिसार निवासी रामधारी (50), अमनदीप कालोनी, कार्मी रोड, हिसार निवासी संदीप कुमार (32) और गांव जीता खेड़ी, पपोसा भिवानी निवासी सुरेंद्र (50) को गिरफ्तार कर लिया गया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खातों में कुल 49 लाख रुपये बरामद होने के अलावा तीन लैपटॉप और सात मोबाइल बरामद हुए। जबकि गैंग ने महज एक माह के भीतर देशभर के करीब 27 हजार युवाओं से 1.09 करोड़ रुपये ठग लिये। ठगी के 60 लाख रुपये आरोपी आपस में बांटकर हज्म कर चुके हैं। पूछताछ में मास्टर माइंड रामधारी ने दिल्ली पुलिस को बताया कि वह अपने पार्टनर विष्णु शर्मा के साथ मिलकर दिल्ली के मुंडका इलाके में एकलव्य नाम से ऑन लाइन टेस्ट का सेंटर चलाते हैं।
उसका यह भी कहना था कि कई निजी कंपनियां व सरकारी विभाग इनके सेंटर की सेवाएं लेते हैं। इन लोगों ने करीब 550 अभ्यर्थियों के टेस्ट कराने का इंतजाम किया हुआ है। टेस्ट कराने के दौरान दोनों को नौकरी के लिए टेस्ट देने वाले देशभर के हजारों युवाओं का डाटा मिल गया।
इसके बाद वहीं से दोनों के दिमाग में फर्जीवाड़ा करने का आइडिया आया। इसी साल अगस्त में रामधारी व विष्णु ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर जोगिंदर की मदद से बिल्कुल सरकारी वेबसाइट से मिलती जुलती दो वेबसाइट बनवाई। उस पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का लोगो इस्तेमाल किया गया।
यहां तक उनका एड्रेस में .org, .com का इस्तेमाल किया गया। ताकि किसी को उन पर शक ना हो । दिल्ली पुलिस का कहना है कि इस गिरोह के लिए जोगिंदर ने दो वेबसाइट बनाई। जबकि संदीप इन दोनों वेबसाइट की देखरेख करता था। अमनदीप का काम ठगी की रकम को अलग-अलग एटीएम से निकालना था। वहीं सुरेंद्र सिंह के बैंक खातों और उसके मोबाइल का इस्तेमाल ठगी में किया गया। फिलहाल पुलिस दूसरे मास्टरमाइंड विष्णु शर्मा की तलाश में है।