संदीप देव:-
अभी सितंबर 2022 में #NEET में 1200 मुस्लिम छात्र निकले थे, जो मदरसा में अपने मजहबी किताब पढ़ने वाले विद्यार्थी थे। अधिकांश बंगाल और आसाम के केवल तीन कोचिंग सेंटर से निकले थे, इनके नाम थे अल-अमीन, अजमल फाउंडेशन और शाहीन। इन कोचिंग सेंटरों को केंद्र सरकार अर्थात मोदी सरकार से करोड़ों का अनुदान मिलता है ‘पसमांदा तृप्तीकरण’ के नाम पर। सच्चर कमेटी को जोर-शोर से लागू कर मोदी सरकार ने बहुसंख्यक समाज की नींब खोद दी है! पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों के तुष्टिकरण के लिए जो कहा था, वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले 10 साल में उसे पूरी तरह से लागू कर चुके हैं!
जब मैंने इस पर सवाल उठाया तो मोदी सरकार के चाटुकार मास्टरस्ट्रोकवादी, सरकारी यूट्यूबर और सोशल इंफ्लूएंसरों ने हिंदुओं को गुमराह करने के लिए मुझ पर हमला किया था कि मैं झूठ फैला रहा हूं, जबकि खबर अखबारों में भी छपी थी। मूढ़ हिंदू इन चापलूसों को सुनकर मुझसे सवाल तक पूछने आ गये थे!
अभी दक्षिण भारत के कोचिंग सेंटरों का विज्ञापन वहां के अखबारों में छपा है। NEET, JEE आदि के सफल उम्मीदवारों की सूची नीचे देख लीजिए और चिंतन कीजिए।
योग्यता से अल्पसंख्यक चुने जाएं, इससे मेरा विरोध नहीं है, मेरा विरोध हिंदुओं के पैर में बेड़ी डालकर अल्पसंख्यकों को अनुदान देकर आगे बढ़ाने को लेकर है। इससे हिंदू समाज और देश एक गहरे संकट में फंस रहा है!
मोदी सरकार ने हिंदुओं के भविष्य पर और उनकी आने वाली पीढ़ी पर जो आघात किया है, उसका परिणाम अगले 10-15 साल में निकल कर सामने आने लगेगा, तब ये मास्टरस्ट्रोकवादी और सरकारी यूट्यूबर आपको ढूंढने पर भी नहीं मिलेंगे!
हिंदुओं से ही नोट कमा कर हिंदू समाज को धोखा देने वाले ये इंफ्लूएंसर मोदी सरकार की म्लेच्छ परस्ती में बराबर के साझीदार हैं।
ये आपको म्लेच्छों की किताब आधारित बातें बताकर केवल आपको भाजपा और संघ का गुलाम बनाने की योजना में लगे हैं। म्लेच्छों को संघ/भाजपा ने इन 10 सालों में कैसे मजबूत किया है, उसे छिपाकर यह आपको तबाह करने में जुटे हुए हैं। सचेत होइए इन नमकहरामों से।