मंदिर बनाने के नाम पर तीस बरस तक राजनीति नहीं, मंदिर निर्माण का रोज़ाना प्रचार नहीं, मंदिर बनाने के लिये दुनियाँ भर से हज़ारों करोड़ का चंदा माँगना नहीं , घर- घर शिला पूजन जैसे आये दिन होने वाली नौटंकियाँ नहीं, “राम लला हम आएँगे मंदिर वहीं बनायेंगे”
जैसे उत्तेजक नारे भी नहीं -बल्कि धर्म में आस्था का प्रमाण चुपचाप हज़ारों करोड़ ₹ के सरकारी धन से सनातन धर्म के एक के बाद एक भव्य मंदिरों का निर्माण । ये हैं अंतर असली भक्ति और नौटंकी का।
‘भारत राष्ट्र समिति’ के प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की हनुमान भक्ति जिन्होंने कोंडागट्टु ( तेलंगना) में अंजनेय स्वामी मंदिर विकास के लिए 1000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। तेलंगाना सरकार इसके साथ ही एक वैदिक विद्यालय की योजना भी बना रही है। हनुमान जी का ये मंदिर विश्व में उनके हर मंदिर से बड़ा होगा।
इससे पहले मात्र चार वर्षों में उन्होंने यादगिरी गुट्टा में पौराणिक श्री लक्ष्मी नरसिंहदेव का 18,00 करोड़ ₹ का मंदिर और वैदिक नगर बनाया है।
जय सनातन धर्म ! जय बजरंगबली !