अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन ने शनिवार को रिपब्लिकन पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को कड़े मुकाबले में हरा दिया। जीत के बाद बाइडेन ने पहली बार अमेरिका की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं ऐसा राष्ट्रपति बनूंगा, जो लोगों को बांटने नहीं जोड़ने का काम करेगा। उन्होंने ट्रंप को कहा कि आप मेरे दुश्मन नहीं हैं।
नतीजे घोषित होते ही डोनाल्ड ट्रंप की प्रेस कॉन्फ्रेंस स्थगित कर दिया गया। अमेरिका के 46 में राष्ट्रपति के तौर पर Joe Biden जनवरी 2121 में शपथ लेंगे, हालांकि डोनाल्ड ट्रंप अभी भी उन पर चुनावी धांधली का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कह रहे हैं। ज्ञात हो कि अमेरिका में पहले भी ऐसा हो चुका है कि जो जीता है, उसे सुप्रीम कोर्ट में हार हाथ लगी।
2000 में डेमोक्रेटिक पार्टी के अल गोर को राष्ट्रपति निर्वाचित किया गया था, परंतु केवल 37 दिनों के बाद ही USA के सुप्रीम कोर्ट ने उनके निर्वाचन को गैर संवैधानिक करार दिया था। उसके बाद रिपब्लिकन पार्टी के जॉर्ज बुश जूनियर राष्ट्रपति घोषित किए गते थे। आज भी इतिहास उसी मोड़ पर खड़ा है।
वैसे डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति जो बाइडन का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है। शपथ लेते वक्त 78 साल की उम्र में अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे। आपको याद होगा कि पूर्व डेलावेयर सीनेटर जो बाइडन को 2008 में राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में 47वें अमेरिकी उपराष्ट्रपति चुना गया था और 2012 में फिर से निर्वाचित किया गया।
बाइडन यानी जोसेफ रॉबिनेट बाइडन जूनियर का जन्म साल 1942 में पेनसिल्वेनिया राज्य के स्क्रैंटन में हुआ था। बताया जाता है कि वह अपने बचपन में ही डेलावेयर चले गए थे। जो बाइडन ने राजनीति में आने से पहले कुछ दिनों तक एक वकील के रूप में काम किया। वह इतिहास में पांचवे सबसे कम उम्र के अमेरिकी सीनेटर और डेलावेयर के सीनेटर के रूप में सबसे लंबे समय तक सेवारत रह चुके हैं।
डेलावेयर से छह बार सीनेटर रह चुके बाइडन राष्ट्रपति चुनाव की रेस में तीसरी बार उतरे हैं। उन्होंने पहली कोशिश 1988 के चुनाव में की थी, तब उन्हें साहित्यिक चोरी के आरोप में पीछे हटना पड़ा था।
उन्होंने अपनी दूसरी कोशिश 2008 के चुनाव के लिए की। लेकिन सफलता नहीं मिली ।बाइडन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का करीबी माना जाना है और वह ओबामा के कार्यकाल में 2008 से 2016 तक दो बार उपराष्ट्रपति भी रह चुके हैं। 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन की जीत के लिए ओबामा ने एक एक मतदाता को फोन तक किया, और उनका ऐसा वीडियो वायरल भी खूब हुआ। ओबामा ने ही 2017 में अपने प्रशासन के करीबी जो बाइडन को राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तुत किया। दो साल बाद बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए अपना अभियान शुरू किया।
1972 में बाइडन सीनेट के लिए चुने गए सबसे कम उम्र के लोगों में से एक थे। कुछ ही हफ्तों बाद, बाइडन के परिवार में एक त्रासदी हुई, जब एक कार एक्सीडेंट में उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नाओमी की मौत हो गई, जबकि उनके बेटे हंटर और ब्यू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बाइडन अपने बेटों को देखने के लिए विलमिंगटन और वॉशिंगटन डीसी के बीच रोजाना एमट्रैक ट्रेन से सफर करते थे। जिसके बाद वह ‘एमट्रैक जो’ नाम से लोकप्रिय हो गए थे।
पांच साल तक, बाइडन ने अपनी बहन वैलेरी और उनके परिवार की मदद से ब्यू और हंटर को सिंगल फादर के तौर पर पाला था।
पत्नी नीलिया की मौत के पांच साल बाद बाइडेन ने जिल से शादी की। उनकी एश्ली नाम की एक बेटी है, जिसका जन्म 1981 में हुआ था। उनकी तीन बड़ी प्राथिमकताएं हैं जिनमें हेल्थ केयर से जुड़े ढांचे का विस्तार करना, शिक्षा में ज्यादा निवेश करना और सहयोगी देशों के साथ संबंधों को नई दिशा देना शामिल है।
जहां तक भारत के अमरीका से संबंध की बात है तो भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो भारत के सामने मौजूद खतरों से निपटने में उसके साथ खड़े रहेंगे।
बाइडन ने कहा था कि ‘मैं 15 साल पहले भारत के साथ ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते को मंजूरी देने की कोशिशों की अगुवाई कर रहा था। मैंने कहा कि अगर भारत और अमेरिका करीबी दोस्त और सहयोगी बनते हैं, तो दुनिया ज्यादा सुरक्षित हो जाएगी।’ उन्होंने यह भी कहा था कि वह दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर काम करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने Joe Biden को राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर ट्वीट कर बधाई दी है।