राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी जानकारियां रखने वाला राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर NIC) में साइबर हमला किया गया। सूत्रों की माने तो शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि बेंगलुरु बेस्ड एक फर्म की तरफ से किए गए साइबर हमले में हैकरों के तार अमेरिका से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की साइबर यूनिट ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने आशंका जताई है कि साइबर हमले में कई कंप्यूटरों को निशाना बनाया गया और कई संवेदनशील जानकारियों को लीक करने की कोशिश की गई। हैकर के द्वारा देश की सबसे बड़ी डाटा एजेंसी पर साइबर हमले की बात उजागर होने से सनसनी फैल गई।
दरअसल राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) का मुख्यालय है लेकिन पिछलेे दिनों बेंगलुरू स्थित सेंटर में कार्यरत कई अधिकारियों के ऑफिशियल मेल आईडी पर एक मेल आया था जिस पर जैसे ही क्लिक किया गया। उस कंप्यूटर पर कुछ विशेष संदेश आने लगे।
बताया जाता है कि देखते ही देखते कई अधिकारियों के कंप्यूटर से डाटा अचानक चोरी हो गई। जिसके बाद मामले की जानकारी तत्काल दिल्ली स्थित मुख्यालय को दी गई।
इसके बाद दिल्ली में मौजूद वरिष्ठ अधिकारी हरकत में आए और इस मामले से संबंधित जानकारियां दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को बता कर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद आनन-फानन में जांच शुरू कर दी गई।
इसके बाद राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र में काम करने वाले कर्मचारियों से कहा गया कि वह कोई भी अज्ञात मेल आईडी को क्लिक नहीं करें और इस जानकारी को दिल्ली स्थित मुख्यालय से देश के सभी राज्यों में भी भेजी गई। दावा किया गया है कि इस तरह की बरती गई सतर्कता से एक बड़े साइबर हमले से बचा लिया गया, लेकिन अभी तक इस साइबर हमले में कितना नुकसान हुआ, या फिर कितना डाटा चोरी हुआ है इसकी कोई पुष्टि नहीं की गई है।
वैसे सूत्रों ने दावा किया कि एनआईसी ने अभी इस बात की आकलन कर रही है कि कितना डाटा चोरी हुआ। ऐसे शुरूआती आकलन के बाद एनआईसी में डाटा चोरी की आशंका को खारिज किया। दिल्ली पुलिस ने भी कहा है की डाटा चोरी नहीं हुआ बल्कि चोरी की कोशिश जरूर की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के चलते इस बारे में कुछ भी खुलासा किए जाने से बचा जा रहा है, लेकिन यह भी सच है की देश की महत्वपूर्ण सेंटर में साइबर हमला होने से बचने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं थे।
इस मामले में शुरुआती दौर की तफ्तीश में यह पता चला है कि संदिग्ध मेल आईडी का आईपी एड्रेस अमेरिका का था। इससे साफ पता चलता है कि साइबर हमले करने वाले का संबंध अमेरिका से है। लिहाजा इस मामले में आगे की तफ्तीश से ही इस बारे में विस्तार से खुलासा हो पाएगा।
सनद रहे कि पिछले कुछ समय से भारत में लगातार कई संस्थानों और व्यक्ति विशेष के खिलाफ साइबर हमला जैसी घटना में तेजी आई है और इस तरह के हमले से बचने के लिए लगातार जागरूक भी किया जा रहा है, लेकिन इस तरह की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है।
साइबर हमले के शिकार बने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र जहां सभी तरह की सूचनाओं को एक स्थान पर सुरक्षित रखने का केंद्र है। इस पर साइबर हमला होना एक गंभीर मामला माना जा सकता है क्योंकि इस संस्थान के द्वारा ही देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सहित देश के अति महत्वपूर्ण नागरिकों समेत देश के कई अति विशिष्ठ अधिकारियों और प्रमुख संस्थाओं की इंटरनेट पर मौजूद डाटा को सुरक्षित रखा जाता है, जो सरकार के लिए पूर्ण तौर पर हर संभव मदद प्रदान करते हैं। इसके अलावा देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश से जुड़े महत्वपूर्ण संस्थाओं के डेटा नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर के माध्यम से ही सुरक्षित रखा जाता है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के करीब देशभर में 720 शाखा हैं। बताया जाता है कि इस सेंटर में छोटी से लेकर बड़े सरकारी डाटा को इक्ट्ठा किया जाता है। इसके बाद उस डाटा को इक्ट्ठा करना और उस डाटा को सुरक्षित रखना इसी संस्थान की जिम्मेवारी है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार के लिए ये संस्थान बड़े स्तर पर कई मुद्दों पर डिजिटल के तरीकों पर शोध करके उसका समाधान के उपाय भी बताने का काम करती है।
गौरतलब है कि एनआईसी इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री के तहत आता है और केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों, जिला और दूसरे सरकारी संस्थाओं को नेटवर्क और ई-गवर्नेंस सुविधा उपलब्ध कराता है।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि NIC ने हाल ही में शिकायत की थी कि उन्हें आधिकारिक ईमेल अकाउंट को एक्सेस करने में दिक्कत हुई, जिसे कुछ सप्ताह से इस्तेमाल नहीं किया गया था। एनआईसी ने पाया कि यह साइबर तत्वों की ओर से सेंधमारी का प्रयास था। यह साइबर स्पेश में एक तरह की रेग्युलर एक्टिविटी है। हालांकि, मजबूत साइबर सिक्यॉरिटी से इसे डिटेक्ट कर लिया गया।
आशंका है कि करीब 100 कंप्यूटर्स में हैकर्स ने सेंधमारी की कोशिश की एनआईसी से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को कुछ दिनों पहले शिकायत मिली कि उसके लॉगिन पर एक ईमेल आया, जिसमें एक अटेचमेंट था, उस अटैचमेंट को जैसे ही क्लिक किया, उसका सारा का सारा डाटा डिलीट हो गया. और देखते ही देखते जो कंप्यूटर आपस में जुड़े हुए थे, उनका डाटा डिलीट हो गया। एनआईसी ने बताया कि यह सभी बेहद संवेदनशील जानकारियां थीं।
साइबर अटैक को लेकर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि डाटा का नुकसान इस हमले में नहीं हुआ है। दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि मैलवेयर एक विशेष कंप्यूटर पर सेट किया गया था और केवल वही कंप्यूटर प्रभावित हुआ। दिल्ली पुलिस ने स्रोत की पहचान की है। पुलिस अभी आगे भी जांच कर रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस की स्पेशल सेल संदिग्ध मैलवेयर हमले की जांच कर रही है।