अवधेश कुमार मिश्र। साल 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में नवनिर्मित भारतीय जनता पार्टी को महज दो सीटें हांसिल हुईं थी। 1980 में जनसंघ से भारतीय जनता पार्टी के रूप में नव आकार लेने वाली पार्टी शून्य से अपनी शुरुआत कर आज देश के शिखर पर विराजमान है। केंद्र के साथ ही देश के 21 राज्यों में या तो उसकी सरकार है या फिर उसके सहारे सरकार चल रही है। लेकिन भाजपा यूं ही शून्य से शिखर तक नहीं पहुंच गई है। यहां तक के सफर में पुराने से लेकर नए नेताओं की दिन-रात की मेहनत शामिल है। देश में पहली बार ऐसा कोई प्रधानमंत्री बना जिसकी पृष्ठभूमि कांग्रेस की नहीं रही तो वो इसी पार्टी के वयोवृद्ध नेता अटल विहारी वाजपेयी थे।
मुख्य बिंदु
भारतीय जनता पार्टी आज मना रही है अपना 38वां स्थापना दिवस!
1980 में बनी भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है!
1984 में पहली बार लोक सभा चुनाव में भाजपा को मिली थी दो सीटें!
कब और क्यों बनी भाजपा?
सन 1975 में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगा दिया। उस दौरान भारतीय जनसंघ के नाम से पार्टी थी। भारतीय जनसंघ के नेताओं ने देश के अन्य समाजवादी पार्टियों के साथ मिलकर आपातकाल की निंदा की और उसके खिलाफ राजनीतिक लड़ाई का आह्वान किया। बाद में आपातकाल के खिलाफ जयप्रकाश ने संपूर्ण आंदोलन का विगुल फूंका। जिसका हिस्सा भारतीय जनसंघ भी बना। आपातकाल और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरागांधी के खिलाफ सभी ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसी फैसले के तहत कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए सभी महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों ने मिलकर एक पार्टी बनाई जनता पार्टी। आपातकाल और इंदिरा गांधी की नीतियों के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ने का परिणाम भी काफी सुखद रहा। पहली बार बनी जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में जीत मिली और वह सत्ता में आई।
मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ। उसी सरकार में पहली बार अटल विहारी वाजपेयी को विदेश मंत्री बनाया गया था, जो बाद में विदेश में भारत की शाख बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हुआ। पहली बार भारतीय विदेश मंत्री के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी ने यूएन में हिंदी में अपना भाषण दिया। था। लेकिन जनता पार्टी की सरकार महज तीन साल ही चल पाई। आंतरिक कलह और और इंदिरा गांधी सफल कूटनीति के कारण वह सरकार गिर गई। सरकार गिरने के बाद भारतीय जनसंघ जनता पार्टी से अलग होकर 6 अप्रैल 1980 में भारतीय जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी बनाई गई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इस नई पार्टी के पहले अध्यक्ष बने।
पहली बार वाजपेयी के नेतृत्व में पार्टी को केंद्र में मिली सत्ता!
वैसे तो अलग-अलग समय में अलग-अलग राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती रही है लेकिन केंद्र में पहली बार वाजपेयी के नेतृत्व में पार्टी को सत्ता मिली। वाजपेयी और आडवाणी की सफल जोड़ी ने पार्टी को पूरे देश में फैलाने का काम किया, जिसे आज मोदी और शाह की जोड़ी उसे शीर्ष से शीर्षतर की ओर ले जा रहे हैं।
भाजपा का संसदीय चुनाव का सफरनामा
* 1984 लोक सभा चुनाव 2
* 1989 लोक सभा चुनाव 85
* 1991 मध्यावधि चुनाव 120
* 1996 लोक सभा चुनाव 161
* 1998 मध्यावधि चुनाव 182
* 1999 मध्यावधि चुनाव 182 (भाजपा नेतृत्व वाली सरकार)
* 2004 लोक सभा चुनाव 138
* 2009 लोक सभा चुनाव 116
* 2014 लोक सभा चुनाव 282 (भाजपा की पूर्ण वहुमत की सरकार)
URL: BJP Foundation Day, Journey from zero to peak
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