अयोध्या राम मंदिर मामले की सुनवाई की तारीख तय हो चुकी है। 29 जनवरी से पांच जजों की संविधान पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। देश के इतने महत्वपूर्ण मामले को लेकर देश भर की जनता में काफी उत्सुकता है। इसी के मद्देनजर भाजपा नेता तथा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से इस सुनवाई का लाइव प्रसारण करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। उन्होंने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को अयोध्या मामले की सुनवाई का लाइव प्रसारण करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।
उपाध्याय ने इस संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट से लिखित अनुरोध किया है। उन्होंने अपने अनुरोध पत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 26 सेप्टेंबर 2018 को जब सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट में महत्वपूर्ण मामले की होने वाली सुनवाई को जीवंत प्रसारण करने को लेकर जो ऐतिहासिक फैसला दिया है उसका देश के जनमानस पर गहरा असर पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट के इसी आदेश के आलोक में लोगों में राम मंदिर जैसे महत्वपूर्ण मामले पर होने वाली सुनवाई को लाइव देने की उत्सुकता काफी बढ़ गई है।
मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट को यह सलाह देश के एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने दी थी। उन्होंने कहा था कि कोर्ट के महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई के जीवंत प्रसारण के लिए निर्धारित दिशानिर्देश जारी करने को कहा था। कोर्ट के आदेश के बाद इसकी व्यवस्था करने का काम भी शुरू हो गया है। लेकिन यह चरणबद्ध तरीके से पूरा होगा। लेकिन इस समय सुप्रीम कोर्ट के पास राम मंदिर मामले की सुनवाई के रूप में एक सुनहरा अवसर सामने है। इस मामले की सुनवाई का जीवंत प्रसारण एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जा सकता है। उपाध्याय ने कहा है कि राम मंदिर जैसे जनमानस से संबिधत महत्वपूर्ण मामला दूसरा हो भी नहीं सकता है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को इस मामले की सुनवाई का लाइव प्रसारण की अनुमति देनी चाहिए।
अश्विनी उपाध्याय ने अपने अनुरोध पत्र में कहा है कि कोर्ट प्रोसिडिंग्स के बारे में बाहर गलत धारणा फैलाई जाती है। कई बार टीवी डिवेट के दौरान वक्ता कोर्ट प्रोसिडिंग्स को मिस कोट करते हैं। अयोध्या का मसला एक ऐसा संवेदनशील मसला है कि थोड़ी सी चूक बड़ी घटना का कारण बन सकती है। लेकिन इस मामले की सुनवाई का सीधा प्रसारण हो गया तो फिर लोगों को कोर्ट प्रोसिडिंग्स को मिस कोट करने का मौका ही नहीं मिलेगा।
अंत में उन्होंने कहा है कि जब तक कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलो की सुनवाई का जीवंत प्रसारण की पूरी व्यवस्था बनती है उससे पहले सुप्रीम कोर्ट सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को अयोध्या मामले की सुनवाई का दूरदर्शन के माध्यम से लाइव प्रसारण की व्यवस्था करने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दे सकता है। क्योंकि एक तो दूरदर्शन चैनल फ्री है तथा उसकी उपलब्धता देश में हर जगह है। उन्होंने कहा है कि कोर्ट दूसरे चैनलों को भी दूरदर्शन के माध्यम से इसका प्रसारण करने का अधिकार दिया जा सकता है।
URL : BJP leader urged to supreme court for live streaming of hearing on ayodhya!
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