पहली पुस्तक कविता का संग्रह, दूसरी पुस्तक पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए, इसके बाद कहानियों का संग्रह, फिर नरेंद्र मोदी के विचारों पर “मोदी मंत्र”। इसके बाद मेरी पांचवीं पुस्तक में शायद उपन्यास का नंबर था। लेकिन मेरी पांचवीं किताब “मोदी सूत्र” एक बार फिर नरेंद्र मोदी पर ही आधारित है। ऐसे में, कई लोग मुझसे ये सवाल पूछते हैं कि आखिर एक ही शख्सियत पर मैंने क्यों दूसरी पुस्तक भी लिखना पसंद किया। दुनिया के सबसे बड़े प्रकाशक ब्लूम्सबरी से प्रकाशित मेरी पुस्तक “मोदी सूत्र” में मैंने इस बात का जवाब दिया है और विस्तार से दिया है। कई ऐसे वाकयों का भी खुलासा किया है, जो आपको चौंकने के लिए मजबूर कर देगा। लेकिन आज मैं दावे के साथ कहता हूं कि मेरा ये फैसला सही था।
जब ये मेरी पुस्तक प्रकाशित हुई है तो ये समय देश के संक्रमण का काल है। ऐसा काल है जो पीढ़ियों में कभी किसी को देखने को मिलता है और वो खुशनसीब होते हैं, जो इतने बड़े संक्रमण काल के साक्षी होते हैं। सदियों से ऐसा लोग सुनते आ रहे हैं कि भारत कभी सोने की चिड़िया थी! अब नहीं है। साथ ही ये भी सुनते आ रहे हैं कि अगली सदी भारत की होने वाली है,लेकिन सच बोलूं तो कभी लगा ही नहीं कि वाकई ऐसा होगा। फिर ऐसी बात क्यों बार-बार हमारे जेहन के अंदर भरी जाती है? क्या कभी आपके जेहन में ये सवाल आया है? एक बार फिर सोचिए! अब तक के जीवन में आपने कितनी बार ये बातें सुनी हैं। यकीन मानिए मुझे अपनी जिंदगी में होश संभालने के बाद कभी उतनी गर्व की अनुभूति इतनी नहीं हुई, जितनी आज होती है। पिछले ढाई साल में नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद मुझे पहली बार लगा कि एक बार फिर ये देश सोने की चिड़िया बनेगी। अगर सूरत-ए-हाल ऐसा ही रहा एक दशक में ही पूरी दुनिया में भारत का डंका बजने लगेगा।
जानते हैं क्यों? क्योंकि इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ नरेंद्र मोदी हैं। ये मैं दावे के साथ इसलिए कह रहा हूं कि नरेंद्र मोदी ने एक भरोसा पैदा किया है, जिस भरोसे को मीडिया ने खौफ बनाकर पेश किया, नरेंद्र मोदी की दुनिया उससे बिल्कुल अलग है।
* नरेंद्र मोदी विश्वास का दूसरा नाम हैं।
* नरेंद्र मोदी विकास का पर्यायवाची शब्द बन चुके हैं।
* नरेंद्र मोदी इस बात की गारंटी है कि उनके मंत्रिमंडल का कोई सदस्य भ्रष्टाचार की हिमाकत नहीं करेगा।
* नरेंद्र मोदी इस बात की मिसाल है कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य को उनके प्रधानंत्री बनने से भी कभी कोई फायदा नहीं मिला और न मिलेगा।
* नरेंद्र मोदी इस बात का भरोसा हैं कि जब वो 7RCR छोड़कर जाएंगे तो अपने साथ कुछ लेकर नहीं जाएंगे।
* नरेंद्र मोदी इस बात के प्रतीक हैं कि वो कभी किसी को इग्नोर नहीं करते और जैसे ही मौका मिलता है वो मदद को तत्पर दिखते हैं।
* नरेंद्र मोदी इस देश के लोगों के लिए आत्मविश्वास के प्रतीक हैं।
* नरेंद्र मोदी दुनिया के हर कोने में रहने वाले भारतीयों के लिए गर्व करने का सबब हैं।
* नरेंद्र मोदी गरीबों के मसीहा के तौर पर सामने आए हैं।
* नरेंद्र मोदी पिछड़े-दलितों के लिए मानवता की मिसाल बनकर उभरे हैं।
* नरेंद्र मोदी लड़कियों, महिलाओं के विकास के लिए एक बड़ी वजह बनकर सामने आए हैं।
* नरेंद्र मोदी इस बात की गारंटी हैं कि सरकार के किसी भी फैसले के पीछे एक सच्चे हिन्दुस्तानी की नीयत छिपी है। और अगर इसमें कोई भी गलत करने की हिमाकत करेगा, तो वो बचकर नहीं निकलेगा।
ये सब बातें कहने के पीछे दरअसल मैं नरेंद्र मोदी को डिकोड करना चाहता हूं। इस बहाने ये दिखाना चाहता हूं कि इस देश के विकास के पीछे कितनी मजबूत शख्सियत पैर जमाए खड़ी है। नरेंद्र मोदी जिस तरीके का सिस्टम देश में स्थापित करना चाहते हैं, अगर वो सफल हो गए तो फिर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर वो रहें या न रहें। इस देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक पाएगा। सवाल ये है कि नरेंद्र मोदी में ऐसा क्या है? जो सामान्य तौर पर इस देश के बाकी या फिर ज्यादातर नेताओं में नहीं है। दरअसल नरेंद्र मोदी घोर राष्ट्रवादी विचारधारा में पले बढ़े शख्स हैं। उनकी नीयत में एक बात साफ है कि इस देश को और यहां के लोगों को बस फायदा मिलना चाहिए। जहां तक मैं उनकी शख्सियत को डिकोड कर पाया। उनकी कुछ विशेष मान्यताएं हैं, जिस पर वो काम करते दिखते हैं –
* उनका मानना है कि जब देश के लोग आगे बढेंगे, विकास करेंगे तो देश भी विकास कर जाएगा।
* उनका मानना है कि इस देश का युवा भीख मांगना नहीं चाहता, बल्कि अपने पैरों पर खड़ा होना चाहता है। इसलिए लोभ लालच की जगह उनको अगर अपने पैरों पर खड़ा होने का सामर्थ्य दे दें तो न सिर्फ युवाओं का भला होगा बल्कि ये देश भी आगे बढ़ जाएगा।
* उनकी नजर में अमीर होना पाप नहीं है, बस नियम कायदे से चलते रहें और देश के विकास में भी अपना हाथ बढ़ाएं। फिर चाहे उद्योगपति हों या फिर आम आदमी! वो हर किसी का ब्रांड अंबेसडर बनने को तैयार हैं। और ऐसा वो खुद भी कई बार कह चुके हैं।
* नरेंद्र मोदी छोटी-छोटी और प्रतीकात्मक चीजों को भी सूक्ष्मता से पकड़ते हैं। इसलिए अक्सर वो कहते हैं कि अगर इस देश का हर युवा एक-एक कदम भी आगे बढ़ाए तो ये देश सवा सौ करोड़ कदम आगे बढ़ जाएगा।
* नरेंद्र मोदी ये जानते हैं कि कोई नया काम करना बेहद मुश्किल है और पुराने काम को ध्वस्त करना बेहद आसान। इसलिए वो अक्सर विवादों से बचने के लिए चुपचाप अपना काम करने और उसे आम लोगों तक पहुंचाने में यकीन रखते हैं।
जाहिर तौर पर जिस मंत्र को लेकर नरेंद्र मोदी चल पड़े हैं, वो सवा सौ करोड़ लोगों के लिए गर्व का विषय है। लेकिन सवाल ये है कि हम इस मंत्र का आत्मसात करने के लिए कितने तैयार हैं। अगर हम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से खुद को मैच नहीं कर पाएं तो सारी कोशिशें व्यर्थ चली जाएंगी। इन्हीं परिस्थितियों का आकलन करते हुए मैंने देखा कि जो बात वो अपने लिए मंत्र बनाकर काम करते हैं। आम लोगों के लिए वो सूत्र की तरह है। ऐसे सूत्र जिससे आम आदमी अपना विकास करता है! लेकिन जो आखिरकार देश के विकास में सहायक होता है। ये सोच, उन्होंने आम लोगों में पैदा की है। मसलन आप बिजली अपने घर में बचाते हैं! आखिरकार इससे देश का भी भला होता है। स्वच्छता रखने या फिर अपने घर में टॉयलेट बनाने से किसका फायदा होता है! सिर्फ आपका! लेकिन अब ऐसा लगता है कि आखिरकार इससे देश का भी फायदा होगा। आप स्टार्ट अप तो अपने लिए करते हैं लेकिन इससे जब आप कुछ लोगों को रोजगार देते हैं तो देश का भी भला होता है। नरेंद्र मोदी की ये सोच अदभुत है! यही वो सोच है, जिसे मैंने ‘मोदी सूत्र’ का नाम दिया है। जब मैंने ‘मोदी सूत्र’ को समेटना शुरू किया तो ऐसा लगा कि ये किसी की भी जिंदगी बदलने में इसलिए सक्षम है क्योंकि इन सूत्रों से आपकी पूरी सोच ही बदल जाएगी।
मेरी गुजारिश है कि आप एक बार मेरी लिखी पुस्तक मोदी सूत्र जरूर पढ़ें। मेरा दावा है कि आप नरेंद्र मोदी के कितने भी विरोधी होंगे, तब भी मोदी को देखने का आपका नजरिया तो बदल ही जाएगा। मोदी सूत्र पुस्तक पढ़ने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें: http://www.amazon.in/Modi-Sutra-Harish-Burnwal/dp/9386141507
लेखक से संपर्क करने के लिए उनके वेबसाइट पर जाएं –
www.harishburnwal.com