विपुल रेगे। महेश मांजरेकर वीर सावरकर पर फ़िल्म बना रहे हैं। इसे देख कई राष्ट्रवादी सुध-बुध खो बैठे हैं। ऐसा होना ही था। द कश्मीर फाइल्स से जन्मा उन्माद लोगों को इस तरफ ले जाएगा, निश्चित था। आपको मालूम होना चाहिए कि बॉलीवुड एक निश्चित ट्रेंड के पीछे भागता है।
इस समय उसे मालूम है कि ट्रेंड क्या चल रहा। अब आप कहेंगे कि मांजरेकर तो अच्छा काम करने निकला है। इस व्यक्ति के राष्ट्रवाद पर मुझे गहरा संदेह है। मांजरेकर विगत तीन वर्ष से सलमान कैम्प को सेवाएं देते आ रहे हैं। और सलमान कैम्प में आपको एक राष्ट्र्वादी मिल जाए, बहुत मुश्किल है। फ़िल्म का निर्माता वही संदीप सिंह है, जो सुशान्त सिंह राजपूत हत्याकांड में सबसे बड़ा संदेही था।
इसने ही सबसे पहले सुशान्त के कमरे का दरवाजा खुलवाया था। फ़िल्म निर्माता संदीप सिंह पोस्टमार्टम के समय भी संदेहास्पद तरीके से अस्पताल में पाया गया था। इसने ही मोदी पर फ़िल्म भी बनाई है। अब आपकी कठिन अग्नि परीक्षा है। निर्देशक सलमान कैम्प से, निर्माता ने मोदी पर फ़िल्म बनाई है। बॉलीवुड का समर्थन करेंगे या नहीं करेंगे, ये आपका विवेक है।
बॉलीवुड कभी प्रचंड राष्ट्रवाद का समर्थन नही करेगा। भूतो न भविष्यति।हमारे युगपुरुष दीनदयाल जी उपाध्याय पर एक फ़िल्म बन रही है। दीनदयाल एक युगपुरुष नामक फ़िल्म में उनका चरित्र इमरान हसनी निभा रहे हैं। इमरान नाम से मुझे आपत्ति नहीं है लेकिन ये व्यक्ति सुशांत केस में बॉलीवुड का समर्थन कर रहा था। टीवी की बहसों में बॉलीवुड की ओर लड़ने वाला ये मुख्य प्रवक्ता हुआ करता था।
अब ऐसा आदमी दीनदयाल बन पर्दे पर आने वाला है। अपितु मुझे पक्का मालूम है कि संदीप सिंह को यहां भरपूर समर्थन मिलेगा। कौन देगा और क्यो देगा और कैसे इस काम को अंजाम देगा, वह मुझे बताने की आवश्यकता नहीं है। आप अच्छी तरह जानते हैं। बस बॉलीवुड के बहिष्कार पर कायम रहना। क्या मालूम आपकी ये मानसिकता कब बदल दी जाएगी। आत्म विवेक कितना है और कितनों के पास, अब पता चलेगा।