पुस्तक The Lobbyists के जरिए यह खुलासा हुआ है कि यूपीए सरकार के पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी के इशारे पर अरविंद केजरीवाल ने मुकेश अंबानी और नरेंद्र मोदी का नाम लेकर झूठ बोला और फर्जी कागजात हवा में लहराकर जनता को बरगलाने का प्रयास किया! जिस जयपाल रेडडी ने गैस का दाम बढ़ाने का सुझाव पेश किया था, उसी जयपाल रेडडी को वह ईमानदार बताते रहे और यह झूठ बोलते रहे कि यदि मोदी प्रधानमंत्री बन गए तो रिलायंस को मनमाने तरीके से गैस का दाम बढ़ाने की छूट मिल जाएगी! पुस्तक के अनुसार, गैस का दाम बढ़ाने के लिए जयपाल रेडडी के सुझाव पर ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रंगराजन कमेटी का गठन किया था, जिसके सुझाव पर गैस का दाम दोगुना कर दिया गया था! तो क्या अरविंद केजरीवाल लोकसभा चुनाव से पूर्व नरेंद्र मोदी को रोकने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर पर्दे के पीछे काम कर रहे थे और जनता से झूठ बोल रहे थे?
अमर उजाला के वरिष्ठ बिजनस एडिटर राजीव जयसवाल की हाल ही में प्रकाशित पुस्तक ‘द लॉबिस्ट’ में हुए खुलासे यह दर्शाते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए कांग्रेस के पक्ष में जनता से झूठ बोला! किताब के अनुसार लोकसभा चुनाव से पूर्व गैस विवाद को लेकर केजरीवाल नीरा राडिया का जो टेप बजाया करते थे, दरअसल वह बेहद पुराना (2011-12) टेप था, जो पहले ही आउटलुक पत्रिका में छप चुका था। इस टेप के जरिए वह रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ बोल-बोल कर जनता को भड़काते थे, जबकि गैस का दाम जयपाल रेडडी के कहने पर बढाया गया था! केजरीवाल ने कागज लहराते हुए अंबानी के साथ-साथ यूपीए सरकार के पूर्व पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा और विरप्पा मोइली को भी इसमें घसीटा, लेकिन कभी भी पेट्रोलियम मंत्री रहे जयपाल रेड्डी का नाम नहीं लिया! क्यों? केजरीवाल का आरोप होता था कि मोदी यदि प्रधानमंत्री बन जाएंगे तो अंबानी के हित में गैस का दाम बढ़ा देंगे! जबकि जिस रेडडी ने गैस का दाम दोगुना कराया, उसे वह ईमानदारी का सर्टिफिकेट थमा रहे थे!
किताब के अनुसार, यूपीए सरकार में पेट्रोलियम मंत्री रहे मुरली देवड़ा या विरप्पा मोइली ने नहीं, बल्कि जयपाल रेडडी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास यह प्रस्ताव भेजा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज को गैस की कीमत बढ़ाने की अनुमति दी जाए! पाठको को याद होगा कि जब जयपाल रेडडी को मंत्रालय से हटाया गया था तो अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि मुकेश अंबानी के दबाव में रेडडी को हटाया गया है! लेकिन दस्तावेज बताते हैं कि जयपाल रेडडी तो मंत्री रहते हुए गैस बढ़ाने का सुझाव अपनी सरकार को दे रहे थे तो फिर सवाल उठता है कि रिलायंस के हित में गैस की कीमत बढ़ाने का सुझाव देने वाले जयपाल रेडडी को मुकेश अंबानी क्यों हटवाना चाहेंगे? इसका मतलब यही है कि मुकेश अंबानी का नाम लेकर अरविंद केजरीवाल झूठ बोल रहे थे और जयपाल रेडडी के इशारे पर काम कर रहे थे?
पुस्तक बताती है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमामोहन सिंह ने जयपाल रेडडी के कहने पर ही गैस का दाम तय करने के लिए रंगराजन कमेटी का गठन किया था। यह रेडडी ही थे, जिसके सुझाव पर इस कमेटी ने गैेस का दाम करीब 4 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़ाकर 8.40 डॉलर प्रति यूनिट करने का सुझाव दिया। पुस्तक के अनुसार, तत्कालीन पीएम ने अपने नोटिफिकेशन में साफ-साफ लिखा है कि जयपाल रेडडी के सुझाव पर ही रंगराजन कमेटी का गठन किया जा रहा है!
तात्पर्य यह कि जिस जयपाल रेडडी ने गैस का दाम बढ़ाने के लिए कमेटी बनवाया, केजरीवाल ने उसे ही ईमानदार बनाकर जनता में पेश कर दिया! यही नहीं, केजरीवाल ने प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए जिस नरेंद्र मोदी का नाम बेवजह इस मामले में उछाला, उनकी सरकार के कार्यकाल में तो उल्टा केजी बेसिन रिलायंस के हाथ से निकल कर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ONGC के पास पहुंच गई है! यही नहीं, इस मामले में रिलायंस पर जुर्माना भी लगाया गया है! यह प्रत्यक्ष उदाहरण है कि केजरीवाल मोदी को रोकने के लिए किसी भी हद तक जाकर जनता में भ्रम उत्पन्न करने के लिए केवल झूठ बोल रहे थे!
ज्ञात हो कि अभी हाल में झूठ के एक अन्य मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने लताड़ लगाई है। विमुद्रीकरण से बौखलाए केजरीवाल दस्तावेज का पुलिंदा लिए यहां-वहां आरोप लगाते फिर रहे थे कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने व्यावसायिक घराने बिड़ला से 25 करोड़ की रिश्वत खाई! जनता को बरगलाने के लिए जिस कागज को लिए वह और उनके पुराने वकील साथी प्रशांत भूषण घूम रहे थे, सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत को फटकार लगाते हुए कहा कि यह कागज कूड़ा के अलावा और कुछ नहीं है! कोर्ट ने पूरे मामले को ही रद्द कर दिया। इसी कागज पर बीबीसी के रिपोर्टर ने जब सवाल उठाया था कि आप बिना सबूत किसी पर कुछ भी आरोप लगाते हैं तो मुख्यमंत्री पद की मर्यादा को भूलते हुए अरविंद केजरीवाल ने BBC व उसके रिपोर्टर के लिए ‘नीच’ जैसी अभद्र भाषा का उपयोग किया!
सवाल उठता है कि आखिर केजरीवाल झूठे कागज का पुलिंदा लेकर क्यों हवा में लहराते और दूसरों पर कीचड़ उछालते रहते हैं! केजरीवाल ने अपने राजनीतिक जीवन में आज तक एक भी आरोप को भारत के किसी अदालत में साबित नहीं किया है! एक भी तथ्यपरक दस्तावेज किसी अदालत में पेश नहीं किया है! लेकिन बेबुनियाद आरोप लगाने में वह महारत हासिल कर चुके हैं! Bloomsbury India द्वारा प्रकाशित राजीव जायसवाल की पुस्तक ‘द लॉबिस्ट’ को पढ़ने के बाद निश्चित रूप से यह जांच का विषय है कि आखिर केजरीवाल और जयपाल रेडडी के बीच वह कौन सी खिचड़ी पक रही थी, जिसके कारण केजरीवाल जनता के समक्ष फर्जी कागज लहराते हुए झूठ पर झूठ बोल रहे थे?