सारा कुमारी। शत्रुबोध और स्वयंबोध किसी भी समाज को ऊपर उठने के लिए और लंबे समय तक survive करने के लिए इन दोनों का होना अत्यंत आवश्यक हैं। ये बात तो हम सभी जानते है। आजकल हिंदुओं के हित के लिए किए जाने वाले व्याखान में इसी की चर्चा हो रही हैं। और इसी शत्रुबोध का परिणाम है कि एक मुहिम चल पड़ी है, बायकॉट की मुहिम, बायकॉट बॉलीवुड, बायकॉट पाकिस्तानी आर्टिस्ट, बायकॉट पाकिस्तानी क्रिकेटर, बायकॉट चाइनीज प्रॉडक्ट। ये सब बायकॉट करते हुए, काफ़ी अरसा भी हो गया, परंतु हिंदुओं की स्तिथि में तथा कथित कोई सुधार नहीं आ रहा हैं। अभी भी आएदिन हमारे हिंदू भाई के मारे जानें की, हिंदू बहन के लवजिहाद में फंस कर जान गवांने की, हिंदू तीर्थ स्थलों के पर्यटन स्थल में परिवर्तित होने की, हिंदूओं के बदहाली की तरह तरह की खबरे आती ही रहती हैं।
अब सवाल ये उठता है की क्या वाकई में, हमें शत्रुबोध का एहसास हो गया है, हिंदू समाज अपने शत्रु पहचान गया है ? और उनका डट कर मुकाबला कर रहा है ? इन प्रश्नों का उत्तर हैं, नहीं !!!!! हम अभी भी अपने समाज के सबसे बड़े शत्रु का उस तरह से सामना नहीं कर रहे है, जैसे करना चाहिए, और यहीं वजह है की हिंदू पिछले कई बरसों से हारता ही जा रहा है, और कमज़ोर होता जा रहा हैं।
वैसे आप में से ज्यादातर लोग, करीब 99% उस शत्रु को जानते हैं, परंतु जानना काफ़ी नहीं है, हमें हमारे समाज को तैयार करना है, की उस शत्रु को पहचान सकें,समाज के लोगों को उस शत्रु से सावधान भी करना होगा, अंततः उसका बॉयकॉट करना होगा। उसको समाज के गाइडिंग फोर्स की position से बेदखल करना होगा।
और वो शत्रु है, हमारे ही समाज का बुद्धिजीवी वर्ग, ऐसे व्यक्ती जो समाज को प्रभावित कर सकते है, सेलेब्रिटी वर्ग, हिंदू समाज में उच्च स्थान प्राप्त वर्ग, हिंदू समाज को अपने पीछे चलाने वाला वर्ग। हिंदू समाज को अपने आगे चलने वाले उस एक व्यक्ती के बजाय अपने साथ चल रहे, समाज को तरजीह देनी होगी, समाज को कस कर पकड़े रहे, आगे खड़े लीडर को आसानी से बदल दे।
बायकॉट करना है तो धीम्मी हिंदु लीडर्स का बॉयकॉट कीजिए, जो की स्पष्ट नहीं बोल रहा है, उनका बायकॉट कीजिए, जो हमारे समाज को गुमराह कर रहा है, उनको सज़ा दिजिए।
सामने वाले दुश्मनों का बॉयकॉट करने से पहले, अपने समाज के उच्च वर्ग का बॉयकॉट कीजिए। आपको क्या लगता हैं, हमारे समाज के लीडर का बॉयकॉट करने के बाद, उनको मजहबी लोगो का समर्थन मिलने लगेगा, नहीं!!! ऐसा कभी भी नहीं होगा, क्योंकि उस हिंदू लीडर की वैल्यू सिर्फ इसीलिए है की वो, हिंदू समाज की भीड़ ( भेड़) हांक कर ला रहे है, वो भीड़ उनके पीछे से गायब, मतलब उनकी वो स्पेशल पोजीशन भी गायब। उनकी वैल्यू शून्य रह जायेगी।
भीड़ के रूप में अपनी ताकत का प्रदर्शन कीजिए, खुद मजबूती से बंधे रहिए, स्थिर रहिए, परन्त जो सबसे आगे खड़ा हैं, उसको समय समय पर बदलते रहिए, क्योंकि वो एक व्यक्ति जो आगे खड़ा हैं, वो महत्त्वपूर्ण नहीं है, पीछे जो भीड़, हमारा समाज हमारे साथ खड़ा है, वो हमारे लिए ज्यादा महत्त्वपूर्ण है, समाज हैं , तो हम हैं, हमारा अस्तित्व हैं, आगे खड़े मात्र एक व्यक्ति का कोई महत्व नहीं है, उसको बदल देंगे, तो दूसरा आ जाएगा, दूसरा नहीं तो तीसरा आ जाएगा। लेकिन समाज खत्म तो हम खत्म, जैसे अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश, पकिस्तान में खत्म हो गए।तो आगे खड़े उस एक लीडर को , अगर वो समाज हित के लिए काम नही कर रहा, उसको बॉयकॉट करना अभी सबसे जरुरी है, हिंदू के उच्च वर्ग में कोई भी लालची, स्वार्थी, धिम्मी हिंदू है तो उसका बॉयकॉट कीजिए। उसके बाद में जो तरह तरह ही बॉयकॉट मुहिम चल रहीं हैं, उसको देखिए। असली शत्रु किले के अंदर बैठ कर हमारा दरवाज़ा बार बार खोलकर बार बार हमारे समाज को दुश्मन के मुंह में धकेल दे रहें हैं, हमारे समाज, हमारी संस्कृती को ख़त्म कर रहे हैं। उस अंदर के दुश्मन से हमारे समाज को परिचित करवाना है। समाज को उनके चंगुल से छुड़ाना हैं। यहीं सही शत्रुबोध हैं।
जय हिन्द जय भारत