देश से भागे भगोड़ों में शामिल हीरा व्यापारी मेहुल चौकसी का संबंध कैंब्रिज एनालिटिका के पैरेंट कंपनी एससीएल इलेक्शन से होने का खुलासा हुआ है। मालूम हो कि इसी कैंब्रिज एनालिटिका को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए हायर किया था। उसी कंपनी के कहने पर मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज से लेकर राहुल गांधी के पक्ष में माहौल बनाने तक के लिए देश के 69 बड़े पत्रकारों को हायर किया गया था। तो क्या क्या राहुल गांधी के कहने पर एससीएल इलेक्शन ने बैंक लुटेरे मेहुल चौकसी को देश से भगाने में मदद की थी?
राहुल गांधी को 2019 में सत्ता दिलाने के लिए सारी योजना का हिस्सा हैं भगोड़े बैंक लुटेरे?
राहुल गांधी को 2019 में सत्ता दिलाने के लिए सारी योजना कैंब्रिज एनालिटिका ही बना रही थी और उसके सीईओ के साथ राहुल गांधी की बैठक की गुप्त सूचना भी सार्वजनिक हो गयी थी। जिस तरह से राहुल गांधी ने विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी के भागने को मुद्दा बनाया, और जिस तरह से कैंब्रिज एनालिटिका की पैरेंटल कंपनी एससीएल इलेक्शन द्वारा मेहल चौकसी को एंटीगुआ की नागरिका दिलाने में मदद का खुलासा हुआ है, वह कहीं न कहीं कांग्रेस के प्रति संदेह पैदा करता है!
दरअसल एंटीगुआ के साथ भारत की कोई प्रत्यपर्ण संधि नहीं है, जिसके कारण मेहुल चौकसी के 2019 तक आने की कोई संभावना नहीं है और यही कांग्रेस की रणनीति है। दूसरी तरफ एंटीगुआ सरकार ने अभी-अभी कहा है कि यदि भारत की मोदी सरकार चाहेगी तो वह अपने प्रत्यर्पण नीति में बदलाव कर मेहुल चौकसी के प्रत्यपर्णण पर विचार कर सकती है। इसे मोदी सरकार की बड़ी जीत और कांग्रेस के लिए परेशानी का सबब माना जा रहा है।
उधर बैंकों का 9 हजार करोड़ लेकर भागे व्यावसायी विजय माल्या के भी ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की संभावना बन रही है। विजय माल्या के लिए पहले ही खुलासा हो चुका है कि उनके किंगफिशर एयरलाइंस में राहुल गांधी की मम्मी सोनिया गांधी बिजनस क्लास में निःशुल्क यात्रा करती थी। लंदन की अदालत ने भारत सरकार से कहा है कि वह विजय माल्या को किस जेल में रखेंगे, इसका वीडियो दें। इससे संभावना बढ़ रही है कि 2019 आम चुनाव आते-आते मेहुल चौकसी, विजय माल्या आदि भारत लाए जा सकते हैं।
ऐसे में इन्हें पहले बैंक लूट में मदद करने और फिर भगाने में मदद करने के आरोपी कांग्रेस पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है और उसका चुनावी मुद्दा छिन सकता है। ज्ञात हो कि पीएनबी बैंक को लूटने वाले नीरव मोदी की पार्टी में राहुल गांधी के आने-जाने का खुलासा कांग्रेस के ही कार्यकर्ता शाहजाद पूनावाला पहले ही कर चुके हैं। यानी देश को लूट कर भागने वाले हर शख्स का तार सीधे-सीधे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी से जुड़ रहा है।
सारे भगोड़ों से कांग्रेस के तार जुड़ने से यह स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस ने 2019 का चुनाव जीतने के लिए देश की बजाय विदेश में अपना इलेक्शन वाररूम स्थापित करने का मन बना रखा था। तभी तो उन्होंने साजिश के तहत सारे बड़े कारोबारियों को विदेश भगाने में मदद की, ताकि उसे 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ने में मदद मिल सके।
मुख्य बिंदु
* भगोडे मेहुल चौकसी का कैंब्रिज एनालिटिका के पैरेंट कंपनी एससीएल एलेक्शन संबंध इसी साजिश का हिस्सा
* एससीएल एलेक्शन कंपनी ने मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को एंटीगुआ की नागरिकता दिलाई थी
भगोड़ों पर मोदी सरकार का कसता शिकंजा और राहुल गांधी की परेशानी!
जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सारे भगोड़ों पर शिकंजा कसा है उससे कांग्रेस के सारे साजिशों से पर्दा उठने लगा है। एक दिन पहले ही लंदन कोर्ट ने देश का भगोड़ा शराब टैकून विजय माल्या को लेकर भारत से उस जेल का वीडियो रिकॉर्डिंग देने को कहा है, जिसमें उसे रखा जाना है। इससे न सिर्फ राहुल गांधी का बल्कि कांग्रेस का पानी हिला हुआ है। उसे लगता है कि अगर नीरव मोदी और विजय माल्या जैसा भगोड़ा भारत आ गया तो उसका राज खुल जाएगा। वैसे भी मेहुल चौकसी के कैंब्रिज एनालिटिका के पैरेंट्स कंपनी से संबंध का खुलासा होने से कांग्रेस की साजिश से पर्दा तो उठ ही गया है।
जानकारी के मुताबिक कैंब्रिज एनालिटिका की पैरेंट कंपनी एससीएल इलेक्शन ने ही मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को एंटिगुआ की नागरिकता दिलाने में मदद की थी। दोनों को एंटिगुआ की नागरिकता साढ़े तेरह हजार करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद दिलाई गई ताकि मोदी सरकार उसे कभी भारत नही ले जा सके।
मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को एंटिगुआ की नागरिकता लंदन आधारित कंपनी हेनली और पार्टनर ने दिलाई!
मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को एंटिगुआ की नागरिकता लंदन आधारित कंपनी हेनली और पार्टनर ने दिलाई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि हेनली और पार्टनर कंपनी का एससीएल इलेक्शन के साथ काफी निकट संबंध है। एससीएल इलेक्शन कंपनी ही कैंब्रिज एनालिटिका का पैरेंट कंपनी है। हेनली एंड पार्टनर कंपनी ने ही मेहुल चौकसी और नीरव मोदी को निवेश के तहत नागरिकता पाने की योजना तैयार करने से लेकर उसका क्रियान्वयन तक किया था। हेनली एंड पार्टनर के साथ एससीएल इलेक्शन और कैंब्रिज एनालिटिका के बीच निकट संबंध होने का खुलासा लंदन के हाउस ऑफ कॉमंस के डिजिटल, कल्चर, मीडिया तथा स्पोर्ट्स (डीसीएमएस) कमिटी ने किया है।
क्या कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार करने से लेकर फेक न्यूज प्रसारित करने तक का सारा काम एससीएल इलेक्शन के पास?
रिपोर्ट के मुताबिक एससीएल इलेक्शन कंपनी ने उन्हीं देशो में चुनाव अभियान चलाने का काम किया है जिन देशों में हेनली एंड पार्टनर कंपनी ने निवेश कार्यक्रम चलाया था। हेनली एंड पार्टनर कंपनी ने अपनी वेबसाइट में खुद को रिहाइस और नागरिकता योजना को लेकर वैश्विक खिलाड़ी के रुप में दर्शाया है। डीसीएमएस की रिपोर्ट से ही यह भी खुलासा हुआ है कि एससीएल इलेक्शन के चुनाव अभियान के पीछे क्रिश्चियन कैलिन का ही हाथ था। क्रिश्चियन कैलिन ही हेनली एंड पार्टनर का अध्यक्ष है। वही चुनाव अभियान के लिए निवेशकों की व्यवस्था करता था। इसके बाद घोषणा पत्र तैयार करने से लेकर फेक न्यूज प्रसारित करने तक का सारा काम एससीएल इलेक्शन संभालता था।
गौरतलब है कि फेसबुक से डाटा चुराने में दोषी पाए जाने के कारण कैंब्रिज एनालिटिका कंपनी बंद हो चुकी है। लेकिन राहुल का यह खेल अभी जिंदा है क्योंकि हेनली एंड पार्टनर कंपनी अभी जिदा है!
URL: Cambridge Analytica’s parent firm helped Mehul Choksi buy Antigua citizenship
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