अर्चना कुमारी कनाडा की खुफिया एजेंसी के प्रमुख डेविड विग्नॉल्ट ने खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या से संबंधित मामले की जानकारी भारतीय अधिकारियों को देने के लिए फरवरी और मार्च में दो बार भारत का दौरा किया था।
घटनाक्रम से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी। ऐसा माना जा रहा है कि कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) के निदेशक विग्नॉल्ट ने हत्या के संबंध में ओटावा की जांच के दौरान सामने आई जानकारी साझा की है।
पिछले साल सितंबर में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘‘संभावित’’ संलिप्तता के आरोप लगाए जाने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था।
नयी दिल्ली ने ट्रूडो के आरोपों को ‘‘बेतुका’’ बताकर खारिज कर दिया था। विग्नॉल्ट की अघोषित भारत यात्रा कनाडा द्वारा तीन भारतीय नागरिकों क्रनप्रित28), कमलप्रीत22) और करन बरार (22) को निज्जर की हत्या में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के कुछ सप्ताह पहले हुई थी।
इसके बाद चौथे भारतीय अमनदीप को कनाडाई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था। भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) द्वारा की जा रही है। कनाडा सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हम पुष्टि कर सकते हैं कि सीएसआईएस के निदेशक डेविड विग्नॉल्ट ने भारत का दौरा किया, लेकिन हम बंद कमरे में हुई बैठकों की प्रकृति या विषय-वस्तु पर कोई टिप्पणी नहीं करते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मैंने कहा, जब से कनाडा को विश्वसनीय आरोपों के बारे में पता चला है, हमने निज्जर मामले पर भारत को विभिन्न माध्यमों से सभी सूचनाएं लगातार उपलब्ध कराई हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस बात की तस्दीक प्रधानमंत्री ट्रूडो और कनाडा के लोक सुरक्षा मंत्री ने भी सार्वजनिक तौर पर की है।’’
अधिकारी ने कहा, ‘‘शुरू से ही कनाडा की प्राथमिकता सच्चाई और जवाबदेही सुनिश्चित करना रही है। यह हमारे दोनों देशों के हित में है। इस संबंध में, कनाडा आरसीएमपी के नेतृत्व में चल रही स्वतंत्र जांच के महत्व को रेखांकित करता रहा है।
’’ विग्नॉल्ट की यात्रा के बारे में पूछे जाने पर भारतीय पक्ष की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई। उपरोक्त सूत्रों ने बताया कि विग्नॉल्ट के अलावा कुछ अन्य कनाडाई अधिकारी भी इस वर्ष निज्जर की हत्या से संबंधित मामले के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए भारत आए थे।
भारत आधिकारिक तौर पर कहता रहा है कि उसे कनाडा से इस मामले से संबंधित कोई विशेष जानकारी नहीं मिली है। नयी दिल्ली का कहना है कि मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा ने अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के जगह दी है।