अर्चना कुमारी। पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के केस में एफआईआर दर्ज की थी । अब भ्रष्टाचार के आरोप में खुद परमबीर सिंह पर केस दर्ज हुआ है । उनके अलावा डीसीपी पराग मनेरे और 31 अन्य पुलिसकर्मियों को भी आरोपी बनाया गया है ।
परमबीर सिंह ने एफआईआर को हाई कोर्ट में चुनौती दी है । इस पर 4 मई को सुनवाई हो सकती है। दरअसल महाराष्ट्र पुलिस के ही एक इंस्पेक्टर भीमराव घडगे की शिकायत पर परमवीर सिंह के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। विदर्भ के अकोला जिले में यह प्राथमिकी दर्ज की गई जबकि पुलिस इंस्पेक्टर भीमराव घडगे की शिकायत पर परमबीर सिंह, डीसीपी पराग मनेरे और 31 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया ।
सभी पुलिसकर्मियों पर 27 धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। इनमें आपराधिक षड्यंत्र, सबूतों को नष्ट करने और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम), 1989 आदि शामिल हैं। महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि अकोला पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर केस ठाणे शहर पुलिस को जांच के लिए अग्रसारित किया है ।
इंस्पेक्टर घडगे ने शिकायत में परमवीर सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि जब वह ठाणे पुलिस में तैनात थे। उनका आरोप है कि इस दौरान परमबीर सिंह के अधीन कई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त था। उन्होंने यह भी दावा किया है कि परमवीर सिंह ने उनसे कुछ ऐसे लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं करने को कहा था।
घडगे का आरोप है कि पिछड़ी जाति के होने के कारण उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। घडगे फिलहाल अकोला पुलिस नियंत्रण कक्ष में तैनात हैं। उनका आरोप है कि परमबीर सिंह के निर्देशों को मानने से इनकार करने पर उनके खिलाफ पाँच प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें निलंबित कर दिया गया। अपने आरोपों को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृहमंत्री को पत्र भी लिखा।
ज्ञात हो कि मुंबई पुलिस कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखा था। इसमें उस समय राज्य के गृहमंत्री रहे अनिल देशमुख पर निलंबित इंस्पेक्टर सचिन वाजे के जरिए वसूली का आरोप लगाया था। साथ ही दावा किया था कि देशमुख ने वाजे को सौ करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दे रखा था।
अनिल देशमुख को इन आरोपों के कारण इस्तीफा देना पड़ा था। पिछले दिनों सीबीआई ने इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। सूत्र बतातेेे हैं कि परमवीर सिंह के खिलाफ आरोप लगाने वाला इस्पेक्टर 20 अप्रैल को डीजीपी को पत्र लिखकर पूरे मामले की शिकायत की थी । पिछले महीने मुंबई पुलिस कमिश्नर के पद से तबादला होने के बाद परमबीर के खिलाफ भ्रष्टाचार की यह दूसरी शिकायत है।
वर्तमान में परमबीर महाराष्ट्र होम गार्ड के महानिदेशक हैं। उन्हें अंटीलिया कांड और मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में सरकार की किरकिरी होने के बाद हटाया गया था।इससे पहले मुंबई के पुलिस अधिकारी अनूप डांगे ने सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। महाराष्ट्र के गृह विभाग ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह पर एक पुलिस निरीक्षक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं।
आदेश के मुताबिक सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे को सौंपी गई है। परमबीर सिंह पर पुलिस निरीक्षक अनूप डांगे ने आरोप लगाए थे। डांगे को पिछले वर्ष निलंबित कर दिया गया था, लेकिन हाल में बहाल कर दिया गया। डांगे के दावे के मुताबिक उनके निलंबन को रद करने के बदले सिंह ने उनसे दो करोड़ रुपये की मांग की थी।
सिंह की इस मांग के बारे में सूचित करते हुए निरीक्षक ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को पत्र लिखा था। हालांकि सिंह ने डांगे के आरोपों से साफ इन्कार किया है। सूत्रों ने बताया कि शिकायत के आधार पर गृह विभाग ने सिंह के खिलाफ आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं।