केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में नंबर एक और दो अधिकारी के बीच छिड़ी जंग अब जगजाहिर हो गई है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के माध्यम से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की छवि धूमिल करने में संलग्न सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की करतूत भी सामने आ गई है। राकेश अस्थाना खुद ही भ्रष्टाचार तथा अपने ही साथियों के खिलाफ साजिश रचने जैसे छह गंभीर मामले में फंसे हैं। संदेसरा समूह से 3.8 करोड़ रुपये घूस लेने से लेकर पंजाब नेशनल बैंक से 5000 करोड़ रुपये अवैध लोन दिलाने के मामले तथा पत्रकार कम दलाल उपेंद्र राय से घनिष्ठ संबंध होने जैसे मामले में घिरे हैं। उनके खिलाफ अभी भी विभागीय जांच चल रही है। लेकिन वे हैं कि ईमानदार सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की छवि धूमिल करने में लगे हैं। गौर हो कि भाजपा नेता स्वामी ने हाल ही में आरोप लगाया था कि राकेश अस्थाना अपने भ्रष्ट अधिकारी के साथ मिलकर आलोक वर्मा जैसे ईमानदार अधिकारी पर हमला कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
* राकेश अस्थाना के खिलाफ संदेसरा समूह से 3.8 करोड़ रिश्वत लेने पर चल रही है विभागीय जांच
* पी चिदंबरम के इशारे पर पत्रकार कम दलाल उपेंद्र राय के माध्यम से ईमानदार अधिकारियों को बदनाम करने का भी है आरोप
What are the six cases against Asthana?
1. Sandesara-Sterling Dairy of Rs.3.8 cr collection
2. Links with Editor-cum-Fixer Upendra Rai
3. Generating fake PILs
4.Handing over Aircel-Maxis documents to @PChidambaram_IN
5. ??????
6. ???????https://t.co/McHIGu5gff
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) 22 September 2018
वैसे तो भ्रष्ट अधिकारियों में शुमार सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार तथा अनैतिक कार्यों में संलिप्त रहने का आरोप बहुत पहले से लगते आ रहे हैं। लेकिन अब जब उनके खिलाफ चल रही जांच अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है तो उन्होंने अपना चेहरा बचाने के लिए आलोक वर्मा जैसे ईमानदार और साहसी अधिकारी का दामन दागदार कर उन्हें अपने पद से हटवाने का दांव चल दिया है। ताकि वे अपने खिलाफ चल रही जांच को बंद कर सभी आरोपों से मुक्त हो सकें।
अस्थाना के खिलाफ जो सबसे बड़ा मामला चल रहा है वह संदेसरा समूह तथा सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकर अहमद पटेल के दामाद और बेटे से जुड़ा है। इन सब पर पीएनबी से पांच हजार करोड़ रुपये कर्ज लेकर घपला करने का आरोप है। आरोप है कि इस मामले को अस्थाना के साथ मिलकर अंजाम दिया गया। इसके साथ ही इस मामले को दबाने के लिए अस्थाना को 3.8 करोड़ रुपये रिश्वत दी गई। यह घटना तब की है जब अस्थाना सूरत में पुलिस महानिदेश के पद पर थे। इसका खुलासा संदेसरा समूह की डायरी में पैसे देनेवालों की सूची में दर्ज अस्थाना के नाम से हुआ।
दूसरा मामला अभी तिहाड़ जेल की हवा खा रहे पूर्व पत्रकार कम पी चिदंबरम के बेनामी दलाल उपेंद्र राय के साथ संबंध होने तथा उसके साथ मिलकर ईमानदार अधिकारियों को बदनाम करने के लिए बेनामी पीआईएल दाखिल करने से जुड़ा है। मासूम हो कि उपेंद्र राय पर आईटी के भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिलकर बड़े-बड़े उद्गपतियों से धन उगाही करने का आरोप है। इसलिए सीबीआई ने उसे यूसीएम घोषित कर दिया था। इसके बावजूद राकेश अस्थाना का उपेंद्र राय के साथ अच्छे संबंध हैं।
इसके साथ ही पी चिंदरबरम तथा उसके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एयरसेल मैक्सिस घोटाले के तहत दर्ज मामले को जानबूझकर लटकाने का आरोप है। इसी मामले के तहत अस्थाना पर ईमानदार ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह को परेशान करने का आरोप है। राजेश्वर सिंह के खिलाफ कई बेनामी आईपीएल दाखिल किए हैं। साथ ही अस्थाना के खिलाफ सीबीआई अधिकारियों को सीवीसी से झूठी शिकायत करने का डर दिखाकर अपने दुश्मन अधिकारियों के खिलाफ उपयोग करने का भी आरोप है। इसके अलावा सीबीआई निदेशक की अनुपस्थिति में अपने मनपसंद अधिकारियों को शामिल करने का मामला चल रहा है। इस मामले में विभागीय जांच चल रही है।
जिन सीबीआई अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ विभागीय जांच के अलावा भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के मामले में जांच चल रही हो वह एक ईमानदार अधिकारी को परेशान कर रहा है। हालांकि इस मामले में स्वामी ने पहले ही आगाह किया था कि कुछ ऐसे भ्रष्ट अधिकारी है जो ईमानदार अधिकारी को बदनाम कर बड़े भ्रष्टाचारियों को बचाने में जुटे हैं। इससे मोदी सरकार के भ्रष्टाटार पर लगाम लगाने के अभियान को भी धक्का पहुंच रहा है।
URL: CBI Chief Alok Verma Claims His Deputy Asthana Being Probed In six serious cases
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