सुशांत सिंह राजपूत हत्या केस में सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब (CFSL) के सूत्रों से जो जानकारी आ रही है, वह सुशांत सिंह राजपूत के लिए लड़ रहे वारियर्स के लिए किसी धक्के से कम नहीं होगी। ये आत्महत्या नहीं, हत्या है, इस बात पर सारा भारत आश्वस्त है, कुछ मीडिया चैनल आश्वस्त हैं कि ये निर्मम हत्या है लेकिन सीएफएसएल के सूत्र बता रहे हैं कि सुशांत ने दोनों हाथों का इस्तेमाल कर फांसी लगाई होगी।
इस आशय की ख़बरें मीडिया में छाई हुई हैं लेकिन सीबीआई की ओर से इसका न खंडन किया गया है, न समर्थन। एनसीबी की जाँच तो रफ़्तार से दौड़ रही है लेकिन सुशांत और दिशा की हत्या पर जाँच के एक माह बाद भी कोई आधिकारिक बयान न आना सुशांत समर्थकों को निराश करने लगा है।
सुशांत के लिए लड़ाई लड़ रहे न्यूज़ चैनलों के पास भी अब नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो की कार्रवाइयों को दिखाने के अलावा कोई रास्ता ही नहीं बचा है। सीबीआई सारी जाँच के बाद भी मौन है। यदि वह पिछले पंद्रह दिन से सिर्फ सुशांत की विसरा रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रही थी, तो उसके अपने अनुसंधान का क्या हुआ।
क्राइम सीन चार बार दोहराया गया, उसका क्या हुआ। सारे संदिग्धों से पूछताछ में क्या कुछ नहीं मिला। पोस्टमार्टम में गलती करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उन्हें रिमांड पर लेकर क्यों नहीं पूछा जाता कि पोस्टमार्टम में मौत का समय नहीं लिखने के लिए उन पर किसने दबाव डाला था।
ऐसे बहुत से सवाल देश के मन में उठ रहे हैं लेकिन उनके जवाब किसी के पास नहीं हैं। दिशा सालियान का मंगेतर सीबीआई को आज तक नहीं मिला है। देश की सर्वश्रेष्ठ जाँच एजेंसी दिशा के मंगेतर रोहन रॉय को आज तक नहीं खोज सकी है।
इस केस में मीडिया ने जो प्रमाण खोजे हैं, वे स्पष्ट रूप से हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं लेकिन सीबीआई न जाँच के बारे में औपचारिक बयान देती है और न मीडिया के खोजे प्रमाणों पर कोई अनुसंधान कर रही है। सीबीआई इतनी लंबी जाँच प्रक्रिया के बाद भी विसरा रिपोर्ट पर निर्भर कर रही है तो क्या उसे अपनी जाँच के परिणाम पर भरोसा नहीं है।
ये सुशांत सिंह राजपूत के वृद्ध पिता के साथ-साथ देश के लिए भी निराशाजनक स्थिति है। ये अवश्य है कि जाँच एजेंसियों विशेष रूप से एनसीबी को बॉलीवुड में अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स सिंडिकेट की थाह मिल गई। दीपिका पादुकोण से शनिवार पूछताछ होगी।
शुक्रवार की पूछताछ से उनको रियायत दी गई। इन सितारों की प्रतिष्ठा तो अब ख़त्म हो गई। हालांकि मामला केवल इतना बनता है कि ये लोग कोर्ट में स्वीकार कर ले कि वे ड्रग्स लेते थे, उन्हें माफ़ कर दिया जाए और वे आगे से ऐसा नहीं करेंगे। इस स्वीकारोक्ति से वे जेल जाने से बच सकते हैं।
इन सितारों पर ड्रग्स सेवन के अलावा कोई और मामला नहीं बन रहा है। ये बड़ी निराशाजनक स्थिति है कि ऐसी तेज़ कार्रवाई सुशांत और दिशा की हत्या के मामले में नहीं की जा रही है। रिपब्लिक भारत पर अर्नब गोस्वामी अब भी अड़े हुए हैं कि सुशांत को न्याय दिलवा कर रहेंगे।
उनके जज़्बे का मैं कायल हूँ और अब चाहता हूँ कि वे सीबीआई से कहे ‘पूछता है भारत कि सुशांत केस पर एक माह की जाँच के बाद क्या हुआ सीबीआई।’ मुझे उम्मीद है कि वे सीबीआई से ये सवाल करेंगे। उन्होंने अपने स्टूडियो में सुशांत के पिता और बिहार की जनता से वादा किया है कि सुशांत के हत्यारों को उनके अंजाम तक पहुचाएंगे।
सीबीआई की एम्स के साथ महत्वपूर्ण बैठक निरस्त क्यों की गई थी। ऐसी भी ख़बरें आई कि कोई परदे के पीछे से एम्स की सही रिपोर्ट को पटल पर आने से रोक रहा है। ऐसा चूहा कौन है जो दोनों ओर के घरों में बिल बनाए बैठा है। क्या ये संदेहास्पद नहीं है कि इतने महत्वपूर्ण मामले में जाँच रिपोर्ट में लगातार देर की जाए।
इस केस में से एनसीबी तो विजेता बनकर निकलेगी लेकिन सीबीआई की क्षमता पर हमेशा के लिए बट्टा लग सकता है। ये हास्यापद है कि देश की श्रेष्ठ जाँच एजेंसी अपने अनुसंधान को जेब में रखकर पंद्रह दिन विसरा रिपोर्ट की प्रतीक्षा में निकाल दे। रिया चक्रवर्ती और उसके भाई शौविक से ये श्रेष्ठ एजेंसी एक तिनका भी न उगलवा सकी। पूछता है भारत।
ye to hona hi tha,,, yahi he raajniti.
ड्रग्स के मुद्दे को इतना बड़ा बना दो की दिशा सालियान और सुशांत का केस पीछे छूट जाए और बाद में बॉलीवुड वालो पर केवल ड्रग का छोटा मोटा चार्ज लगाकर छोड़ दो , और महाराष्ट्र सक्कार से डील हो की बी जे पि को सत्ता सौप दे नहीं तो .. ये सब होगा.
भारत के रत्न राजीव भाई दीक्षित को शत् शत् नमन ???