शारदा घोटाले से संलिप्तता के आरोप में घिरे तृणमूल कांग्रेस के कई नेता केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के फंदे में फंस सकते हैं। सीबीआई के विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नारदा, शारदा और रोज वैली घोटाले के आरोप में घिरे तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं से सीबीआई जल्द ही पूछताछ कर सकती है और जरूरत पड़ने पर उन्हें गिरफ्तार भी कर सकती है क्योंकि सीबीआई ने अपनी बंगाल ईकाई को इन सारे मामलों की जांच चार महीने के अंदर पूरी करने का आदेश जारी किया है।
मुख्य बिंदु
* सीबीआई ने स्थानीय अधिकारियों को चार महीने में इन सब मामलों की जांच करने का दिया आदेश
* कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर ही सीबीआई ने नारदा, शारदा और रोज वैली मामले की जांच शुरू की
इन सारे मामलों में सीबीआई जांच धीमी पड़ जाने की वजह से पश्चिम बंगाल के भाजपा के कुछ नेताओं में यह धारणा उत्पन्न होने लगी है कि कहीं केंद्र सरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पंगा नहीं लेने के मूड में तो नहीं आ गई है। क्योंकि सीबीआई की जांच अगर तेज हुई तो इससे सबसे ज्यादा तृणमूल कांग्रेस के नेता ही प्रभावित होने वाले हैं। ममता बनर्जी प्रदेश की मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस सप्ताह के शुरू में सीबीआई के निदेशक राकेश अस्थाना पश्चिम बंगाल के दौरे पर गए थे। बताया जाता है कि उन्होंने इन मामलों में आरोप पत्र दाखिल होने में हो रही देरी की वजह से स्थानीय अधिकारियों को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने अपने मातहत और सहयोगी अधिकारियों को इन सारे मामलों की प्रगति रिपोर्ट हर पंद्रह दिनों पर भेजने का निर्देश दिया है।
वहां के स्थानीय अधिकारियों के साथ हुई बैठक करीब तीन से चार घंटे चलीं। बताया जाता है कि सीबीआई के दूसरे सबसे बड़े अधिकारी ने भी जांच में हो रही देरी पर अपनी नाराजगी जताई है। मालूम हो कि अप्रैल 2017 में नारदा न्यूज पोर्टल स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई तृणमूल कांग्रेस के 12 वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चुकी है। गौरतलब है कि सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर ही यह मामला उठाया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्थाना ने जांच अधिकारियों से कहा कि वे अभी तक जांच के दौरान जुटाए साक्ष्य के आधार पर मजबूत केस बनाएं, ताकि कोर्ट उसे खारिज न कर पाए। अधिकारियों ने जांच दल से 15 जुलाई तक नारदा स्टिंग मामले में अभी तक की जांच रिपोर्ट भेजने को कहा है। उन्हें कुछ मामलों में उन वकीलों को बदलने का भी निर्देश दिया गया है जो बेहतर ढंग से अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रहे हैं।
बैठक में मौजूद एक सीबीआई अधिकारी की माने तो सीबीआई निदेशक राकेश अस्थाना ने बाद में सभी अधिकारियों से एक-एक कर भी बात की। इसी दौरान जांच अधिकारी रंजीत कुमार की उनकी लेटलतीफी के लिए खिचाई भी की। अस्थाना ने सभी अधिकारियों से किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं आने को कहा है।
URL: CBI may arrest some senior leaders of TMC in West Bengal soon in connection with Narada and saradha scam
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