मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को दरकिनार कर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति कर दी है. 10 मई को प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने जस्टिस ए.ए. कुरैशी के नाम की सिफारिश की थी. कॉलेजियम की सिफारिश लंबित रहते ही केंद्र ने शुक्रवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर जस्टिस रवि शंकर झा को इस पद पर नियुक्त कर दिया.
मोदी सरकार अपने फैसले में कहा है, “संविधान के अनुच्छेद 223 के तहत मिली शक्तियों के तहत, राष्ट्रपति ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के वरिष्ठतम जज जस्टिस रवि शंकर झा की नियुक्ति उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय के कर्तव्य निभाने को की है. 10 जून से यह नियुक्ति प्रभावी होगी.”
गौरतलब है कि विधि मंत्रालय का कार्यभार संभालते समय रविशंकर प्रसाद ने न्यायिक नियुक्तियों से जुड़े सवाल पर कहा था, “विधि मंत्री के तौर पर, मैं पोस्ट ऑफिस बनकर नहीं रहूंगा. (नियुक्तियों में) हमारी भी हिस्सेदारी है.
Kathua Case
कठुआ केस में पठानकोट स्पेशल कोर्ट ने मुख्य आरोपी सांझी राम (ग्राम प्रधान), स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया, पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार, रसाना गांव का परवेश कुमार, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज को दोषी करार दिया गया है. जबकि सांझी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया.
विशाल जंगोत्रा मामले में सीसीटीवी की एक फुटेज की बड़ी भूमिका रही. इसी के आधार पर विशाल को छोड़ा गया. ZEE NEWS ने सबसे पहले इस फुटेज को दिखाते हुए कहा था कि वारदात के वक्त विशाल वहां मौजूद नहीं था. उसकी जगह वह मुजफ्फरनगर के मीरापुर में मौजूद था और वहां के एक एटीएम में पैसा निकाल रहा था. एटीएम में मौजूद सीसीटीवी की फुटेज से इसकी पुष्टि होती है.