
वैक्सीन पर बदलते सरकार के तेवर
मार्च 2020 से लेकर आजतक में मैंने अनगिनत लेखों के माध्यम से आप सभी को वैक्सीन की वास्तविकता से अवगत कराने का प्रयास किया है। सरकार को भी हर प्रकार से ट्वीट और ईमेल के ज़रिये यह बताने का प्रयास किया कि कोरोना की ना ही कोई दवा बनेगी, ना कोई थिरैपी काम करेगी और ना ही कोई कारगर वैक्सीन तैयार होगी। परन्तु सरकार पूरे देशवासियों को वैक्सीन लगाने पर आमादा थी। पता नहीं सरकार को क्या भूत सवार है कि मॉडर्न मेडिसिन जो किसी भी बीमारी का इलाज करने में पूर्णत: अक्षम है, सिर्फ़ उसी की बात सुन रही है। मॉडर्न मेडिसिन सिर्फ़ लक्षण कंट्रोल करती है और साइड इफेक्ट के रूप में दूसरे अंगों को डैमेज कर एक नई बीमारी को जन्म देती है। वैज्ञानिक आँकड़े साक्षी हैं कि किसी भी वैक्सीन की खोज में कम से कम 10 वर्ष लगते हैं, परन्तु कोरोना जिसे मानव इतिहास का सबसे घातक वाइरस बताया जा रहा है उसकी वैक्सीन बनाने का दावा कोरोना के जन्म से ही शुरू हो गया था। पूरा विश्व वैक्सीन बनाने में जुटा है, परन्तु इस प्रकार की आपाधापी में बनी वैक्सीन के घातक सिद्ध होने की बहुत अधिक संम्भावनायें हैं। पहले जिन वैक्सीन की 95% एफीकैसी बताई जा रही थी अब 60% से 70% बताई जा रही है। इस प्रकार की वैक्सीन से कैसी सुरक्षा मिलेगी ?

उपरोक्त ट्वीट के माध्यम से श्री राजेश भूषण, हेल्थ सेक्रेटरी और डॉ बलराम भार्गव, डीजी आई सी एम आर ने देश को यह बताया कि सरकार ने कभी भी पूरे देशवासियों को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही। वैक्सीन सिर्फ़ ‘क्रिटिकल मास ऑफ पीपल’ को लगाया जायेगा, जिसके ज़रिये वाइरस फैलने की चेन को ब्रेक करने का प्रयास किया जायेगा। अभी तक सरकार पूरे देशवासियों को वैक्सीन लगवाने जा रही थी, परन्तु यह ‘क्रिटिकल मास’ में कौन शामिल होंगे और इसके क्या पैरामीटर्स होंगे? बिहार चुनाव में पूरे बिहार को मुफ़्त वैक्सीन का वादा किया गया ? कई बार न्यूज़ चैनलों के माध्यम से सरकार की वैक्सीन वितरण प्रणाली का घंटो व्याख्यान किया गया ? यदि इस प्रकार की खबर सही नहीं थी, तो सरकार ने कोरोना को लेकर छूठा प्रोपोगैंडा फैलाने के लिये न्यूज़ चैनलों पर एक्शन क्यों नहीं लिया? यह सब मिलीभगत है, देशवासियों को गुमराह करने की। वास्तविकता तो यह है कि कोरोना कंट्रोल के सभी उपाय असफल रहे- ताली-थाली से लेकर वैक्सीन तक।
मेरा सरकार और सभी देशवासियों से अनुरोध है कि कोरोना की प्रकृति और वास्तविकता को समझते हुये प्राकृतिक उपाय अपनायें जिससे देश को कोरोना मुक्त बनाया जा सके। कोरोना का एकमात्र उपाय सस्टेन्ड इम्यूनिटी है। भारतीय ट्रेडिशनल मेडिसिन सिस्टम में कोरोना को समाप्त करने का दम है, पर इस बात का किसी को विश्वास नहीं होता क्योंकि उनकी आँखों पर मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम की पट्टी बंधी है। कोरोना से बचने के लिये वैक्सीन के पीछे भागना छोड़कर अपने घर में झाँकिये। कोरोना की अभी तक की विश्वव्यापी गतिविधियों और व्यवस्था को देखते हुये यह 21वीं सदी का सबसे बड़ा पावर चेंजर स्ट्रोक कहलायेगा। यह विश्व की महाशक्तियों तथा अधम उद्योगपतियों द्वारा रचित एक ऐसी साज़िश है जिससे विकासशील एवं गरीब देशों को क्रश करके स्वयं को और अधिक शक्तिशाली बनाया जा सके। कोरोना संबंधित सभी आँकड़े और बयान महज़ गुमराह करने के लिये दिये जा रहे हैं।
हमारे देश में कोरोना का रिकवरी रेट 93.52% एवं डेथ रेट 1.47% है जिससे यह साबित होता है कि कोरोना भारत के लिये पैन्डमिक नहीं है। हमारे देश में अभी तक कोरोना से सिर्फ़ 1.38 मिलियन मृत्यु हुई हैं। कोरोना डेथ पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के कारण भी कोरोना संबंधित मृत्यु का आँकड़ा बहुत अधिक है। कोरोना के मुक़ाबले हमारे देश में वायु प्रदूषण से प्रतिवर्ष कहीं अधिक मृत्यु होती है। नीचे दी गई तालिका से आप स्वयं अंदाज़ा लगा सकते हैं कि भारत के लिये कोरोना से अधिक घातक अन्य बीमारियाँ हैं।

हमें आप सभी को यह बताते हुये ख़ुशी हो रही है कि सरकार द्वारा सभी को वैक्सीन ना देने के निर्णय में कहीं ना कहीं आपके विश्वसनीय चैनल indiaspeaksdaily.com की बहुत अहम् भूमिका है। मुझे याद है कि जब भी समूचे देशवासियों को कोरोना वैक्सीन लगाने के सरकारी बयान जारी होते थे तो संदीप जी तिलमिला जाते थे।मेरा सभी से अनुरोध है कि कोरोना वैक्सीन से बचने के लिये स्वयं को ‘क्रिटिकल मास’ की सूची में आने से बचाना होगा और कोरोना से बचने के लिये अपनी इम्यूनिटी को मज़बूत बनाये रखना होगा।
कमाण्डर नरेश मिश्रा
फाउन्डर ज़ायरोपैथी
Zyropathy |
Helping Humanity T: +91 114-745-5435M:+91 931-374-1870 M:+91 931-074-1871zyropathy@gmail.com || www.zyropathy.comZyropathy Healthcare Centre, Flat No. 2, Samta Apartment, Palam Area, Mahavir Enclave, New Delhi – 110045 |
ज्ञान अनमोल हैं, परंतु उसे आप तक पहुंचाने में लगने वाले समय, शोध, संसाधन और श्रम (S4) का मू्ल्य है। आप मात्र 100₹/माह Subscription Fee देकर इस ज्ञान-यज्ञ में भागीदार बन सकते हैं! धन्यवाद!
Select Subscription Plan
OR
Make One-time Subscription Payment
Bank Details:
KAPOT MEDIA NETWORK LLP
HDFC Current A/C- 07082000002469 & IFSC: HDFC0000708
Branch: GR.FL, DCM Building 16, Barakhamba Road, New Delhi- 110001
SWIFT CODE (BIC) : HDFCINBB
Paytm/UPI/Google Pay/ पे / Pay Zap/AmazonPay के लिए - 9312665127
WhatsApp के लिए मोबाइल नं- 9540911078
बहुत ठीक कह रहे हैं