हाथरस में कथित गैंगरेप और हत्याकांड में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी और सीबीआई ने 22 सितंबर को दिए गए पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की है । सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने पूरा निर्णय कोर्ट के ऊपर छोड़ा है और अब अदालत की अगली सुनवाई 27 जनवरी को की जाएगी।
जिस उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप को लेकर बवाल मचा था। उसको लेकर सीबीआई ने शुक्रवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। इस महत्वपूर्ण केस की जांच अधिकारी सीमा पाहुजा और सीबीआई के अफसर हाथरस जिला कोर्ट पहुंचे और सीबीआई ने एससी/एसटी कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। बताया जाता है कि चार्जशीट में सीबीआई ने पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाते हुए मामला कोर्ट के निर्णय पर छोड़ दिया है। गौरतलब हो कि हाथरस में 14 सितंबर को पीड़िता अपने गांव के ही खेत में गंभीर हालत में मिली थी। आरोप था कि खेत में चार लड़कों ने उसके साथ गैंगरेप किया।
इसके बाद गला दबाकर उसे मारने की कोशिश की गई। इसके बाद पहले पीड़िता का इलाज अलीगढ़ के अस्पताल में किया गया लेकिन पीड़िता की हालत लगातार बिगड़ने के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पुलिस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। लड़की की मौत के बाद देशभर में प्रदर्शन हुआ था और इस दौरान यूपी पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंग रेप नहीं हुआ। यूपी पुलिस के इस बयान के बाद कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई थी।
इस मामले में योगी सरकार ने एसआईटी भी बनाई थी, जिसने जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इस मामले में राजनीतिक दलों ने प्रदर्शन किया। बाद में मामले की जांच मुख्यमंत्री योगी सरकार ने सीबीआई को सौंप दी। इसके बाद सीबीआई ने जांच संभाली और कई बार पीड़िता के परिवार से पूछताछ के अलावा अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों से पूछताछ हो चुकी है। आरोपियों का पॉलीग्राफी टेस्ट और ब्रेन मैपिंग भी किया जा चुका है।
सूत्रों की माने तो इस केस की जांच अधिकारी सीमा पाहुजा चार्जशीट दाखिल करने के लिए गाजियाबाद से सीधे हाथरस पहुंची और चार्जशीट में आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, छेड़छाड़ और एससी-एसटी एक्ट की धारा में केस बनाया गया है। मामले में गांव से पीड़िता के भाई और भाभी को भी कोर्ट में लाया गया और सभी को सीआरपीएफ की सुरक्षा में रखा गया । सूत्रों की मानें तो सीबीआई पीड़िता के भाई का पहले पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती थी लेकिन उसने मना कर दिया था।
अब सीबीआई फिर पीड़िता के भाई को गुजरात ले जा सकती है, जहां उससे पूछताछ की जाएगी। साथ ही उसका फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट भी कराया जाएगा। सीबीआई का कहना है कि केस मिलने के ढाई महीने की जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की गई है। ज्ञात हो कि हाईकोर्ट में 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआई ने 18 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल करने की बात कही थी।
इसके बाद पिछले दिनों चारों आरोपियों को सीबीआई की टीम गुजरात लेकर गई थी, जहां सभी आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट कराया गया था। चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद कोर्ट से सीबीआई पीड़िता के भाई का फॉरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट कराने की अनुमति मांग सकती है और इस टेस्ट में मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन कराया जाता है, जिसमें किसी भी व्यक्ति से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रश्न किए जाते हैं।
प्रश्न के दिए गए उत्तर को रिकॉर्ड करके मनोवैज्ञानिक पहलुओं, लक्ष्यों और उद्देश्यों को नापा जाता है। इससे यह पता चल जाता है कि व्यक्ति के दिए गए जवाब में कितनी सच्चाई है। बताया जाता है कि सीबीआई ने एससी/एसटी कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की, उस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए और इस घटना को लेकर सबसे ज्यादा बवाल मचा कर राजनीतिक रोटी सेकने वाली प्रियंका गांधी ने इसे सत्य की जीत बताया जबकि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाथरस केस पर राज्य की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार से बिना लड़े कुछ भी नहीं मिलता न इंसाफ, न हक। आपको मालूम होना चाहिए कि यह वही अखिलेश यादव है
जिसके पिता मुलायम सिंह ने रेप की घटना को लेकर कहा था इस तरह की छोटी मोटी गलतियां लड़कों से हो जाती है । एक्टर सुशांत सिंह की मौत की जांच करने वाली सीबीआई अब तक धूल फांक रही है जबकि हाथरस कथित गैंगरेप और हत्या कांड में आरोपियों पर धारा-325, SC-ST एक्ट 376 A और 376 D (गैंग रेप) और 302 की धाराओं में चार्जशीट दाखिल की गई। इस मामले में रामू, रवि, संदीप, लव कुश इन चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई ।