अर्चना कुमारी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और मणिपुर पुलिस द्वारा जॉइंट ऑपरेशन के तहत एक लाख रुपये के इनामी अपराधी को पकड़ा गया। जो कई फर्जी दस्तावेजों, फर्जी हस्ताक्षर का प्रयोग करके खुद को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बताया था बड़ी हस्ती। पुलिस की मानें तो पकड़ा गया आरोपी खुद को रसूखदार ऐसा बताता और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लोगों के साथ तस्वीर बनवाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के योजनाओं के लिए काम करने का दावा करते हुए अपने आप को IYC यानी अंतरराष्ट्रीय युवा समितियों (international youth committees) के नाम पर बड़े मात्रा में धन उगाही किया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि एक लाख रुपए के इस इनामी को साल 2016 में मणिपुर कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया था। छानबीन के दौरान पता चला है कि इसके बाद पुलिस से बचने के लिए वह दिल्ली में छुपकर कर रह रहा था। आरोप है इसने क्लाइमेट चेंज के नाम पर देश विदेश से जारी होने वाले फंड में भी गबन किया ।
जांच कार्रवाई में पता चला है कि पकड़ा गया आरोपी कई फर्जी दस्तावेजों ,फर्जी हस्ताक्षर का प्रयोग करके खुद को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बड़ी हस्ती बताता। इतना ही नहीं उस पर आरोप है कि इसने अंतरराष्ट्रीय युवा समितियों के नाम पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय छात्रों से काफी बड़े मात्रा में लिया धन और शुल्क लेकर फरार चल रहा था।
पुलिस की तरफ से दावा किया गया है कि कई सेमिनार आयोजित करवा कर भूकंप पीड़ितों , भूकंप के दौरान मृतकों के परिजनों को मदद करने और अंतरराष्ट्रीय युवा सम्मेलन के नाम पर राहत -बचाव करने के नाम पर लाखों रुपये की अवैध उगाही देशभर में की थी । पुलिस का कहना है कि आरोपी बड़ी हस्तियों के साथ अपनी फोटो दिखाकर लोगों को प्रभावित करता था जबकि उसने फर्जी तरीके से इंटरनेशनल यूथ कमेटी बना रखी थी, जिसका मकसद लोगों की निस्वार्थ तरीके से मदद करना था लेकिन इसकी आड़ में उसने ठगी और धोखा दिया।
बताया जाता है कि वह भूकंप सहित विभिन्न आपदा में वह लोगों से मदद के लिए रुपये एकत्रित करता था और इस तरह से लाखों रुपये वह एकत्रित कर चुका था, लेकिन जल्द ही इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। जांच कार्रवाई में पता चला है जब उसके काले कारनामों की पोल खुली तो वो मणिपुर से फरार होकर दिल्ली आ गया।
आरोपी को इम्फाल ईस्ट स्थित मुख्य न्यायायिक मजिस्ट्रेट द्वारा 25 अप्रैल 2016 को भगोड़ा घोषित किया गया था। इसके बाद मणिपुर पुलिस द्वारा उसके उपर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई। इसकी सूचना मणिपुर पुलिस ने दिल्ली पुलिस को दी थी, जिसके बाद उसे धर दबोचा गया वहीं मणिपुर की टीम जल्द ही तमाम औपचारिकता को पूरा करने के बाद आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली से मणिपुर लेकर जा रही है । जहां उससे आगे की पूछताछ की जाएगी। गौरतलब है कि मणिपुर की नौ वर्षीय पर्यावरण और जलवायु कार्यकर्ता लिसिप्रिया के पिता कनार्जित उर्फ केके सिंह है । 2015 में उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। दिल्ली पुलिस ने आरोपी को मणिपुर पुलिस के हवाले कर दिया।