अर्चना कुमारी। लोन देकर जबरन वसूली करने वाले गिरोह का दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट ने खुलासा किया । आरोपियों की पहचान सूरत गुजरात निवासी मुस्ताजाब गुलाम मोहम्मद नवीवाला, अनीसभाई अशरफभाई विंची, नादिया, पश्चिम बंगाल निवासी गोकुल बिस्वास और दिल्ली निवासी अशोक, बलवंत व नितिन के रूप में हुई है।
गिरोह ने देशभर के हजारों लोगों से कई सौ करोड़ रुपये वसूलकर क्रिप्टो करेंसी के जरिये विदेशों में भेज दिए । इन लोगों ने पिछले कुछ दिनों के भीतर 350 करोड़ रुपये जबरन वसूलकर विदेश भेज दिए हैं। गैंग ने लोगों को शॉर्ट-टर्म लोन के रूप में 83 करोड़ रुपये दिए भी हुए हैं, जिसके बदले यह लोगों से वसूली करने वाले थे।
पुलिस को नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड पोर्टल पर ”’CASH ADVANCE”’ नामक लोन एप्लीकेशन से वसूली की 1977 शिकायतें मिली । पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों में मौजूद 60 लाख रुपये फ्रीज करने के अलावा इनके पास से सात मोबाइल फोन, 15 डेबिट कार्ड, एक लैपटॉप और अन्य सामान बरामद किया है। गैंग ने देश के कई अलग-अलग शहरों में फर्जी कंपनियां खोली हुई है।
वसूली की रकम इन फर्जी कंपनी के बैंक खाताें में जाती है, वहां से इसको क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया जाता है। बैंक खातों की जांच करने पर पता चला कि आरोपियों ने दिल्ली, सूरत, केरल और कोलकाता में कई फर्जी कंपनियां बनाई हुई हैं।
रकम इन कंपनी के खातों में ट्रांसफर करने के बाद इसको किप्टो करेंसी में बदलकर विदेश भेज दिया जाता है। जांच के बाद पुलिस ने छापेमारी की।पुलिस ने दो आरोपी मुस्ताजाब व अनीसभाई को सूरत, गुजरात, गोकुल बिस्वास को नादिया, पश्चिम बंगाल, अशोक व बलवंत को सुल्तानपुरी दिल्ली और नितिन को महिपालपुर दिल्ली से दबोच लिया।
सोशल मीडिया के जरिये आरोपी अपने लोन एप का विज्ञापन करते हैं। वहां कम समय व कम ब्याज देरों पर छोटा लोन देने की बात की जाती है। इसके लिए कोई कागज भी नहीं मांगा जाता। लोन की औपचारिकताएं पूरी करने के दौरान पीड़ित के मोबाइल के सारे निजी डाटा को एक्सेस कर लिया जाता था।पीड़ित लोन चुका भी देता है, लेकिन आरोपी के मोबाइल से चोरी की गई फोटो और वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसे अश्लील बना देते हैं। बाद में उसको पीड़ित के रिश्तेदारों को भेजने की धमकी देकर वसूली की जाती है।