झारखंड में क्रिश्चियन मिशनरीज बड़े पैमाने पर हिंदुओं को क्रिश्चियन बनाने के खेल में सक्रिय है। प्रदेश भर में क्रिश्चियन मिशनरीज द्वारा संचालित 88 एनजीओ (गैर सरकारी संगठन) पर हुई छापेमारी से यह खुलासा हुआ है। सीआईडी द्वारा की गई छापेमारी की कार्रवाई से यह भी खुलासा हुआ है कि क्रिश्चियन मिशनरीज 250 करोड़ रुपये कनवर्जन के साथ ही सत्ता बदलने पर खर्च कर रही है। सीआइडी के एडीजी अजय कुमार सिंह के आदेश पर अलग-अलग 38 टीम बनाई गई थी, जो प्रत्येक एनजीओ में पहुंची और वहां तलाशी ली।
झारखंड के रांची में जब से निर्मल हृदय आश्रम से बच्चों को बेचने के मामले सामने आए हैं तभी से क्रिश्चियन मिशनरीज के एनजीओ की जांच की मांग हो रही थी। झारखंड सरकार के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक सीआईडी एनजीओ की गतिविधियों पर काफी दिन पहले से नजर रख रही थी लेकिन इसके खिलाफ कार्रवाई अब जाकर की है। सीआईडी के इस कदम से लगता है कि इस बार क्रिश्चियन मिशिनरीज के खिलाफ काफी पक्का सबूत हाथ लगा है।
मुख्य बिंदु
* पूरे प्रदेश में 88 चर्च एनजीओ पर सीआईडी की छापेमारी से हुआ खुलासा
* अभी तक कनवर्जन पर 250 करोड़ रुपये खर्च होने का भी हुआ खुलासा
मालूम हो कि क्रिश्चियन मिशनरीज द्वारा संचालित एनजीओ को हर साल दान के रूप में अस्सी लाख से लेकर करोड़ रूपये तक का अनुदान मिलता है। अमेरिका जैसे देश भी इन एनजीओ को फंडिंग करता है। ये सारे पैसे क्रिश्चियन मिशनरीज आदिवासियों के कनवर्जन तथा सरकार गिराने की साजिश पर खर्च करती है। यह गंभीर आरोप छापेमारी करने वाली राज्य एजेंसी सीआईडी और पुलिस ने लगाई है। कहने का मतलब है कि क्रिश्चियन मिशनरीज अब प्रदेश में सत्ता बदलने के खेल में जुट गई है। वैसे भी झारखंड का पुराना इतिहास रहा है कि जो भी सरकार क्रिश्चियन मिशनरीज के कारनामों को उजागर करने लगती है क्रिश्चियन मिशनरीज उस सरकार को ही नहीं रहने देती है। इसके लिए वह विगत में कांग्रेस पार्टी का उपयोग सत्ता गिराने के रूप में कर चुकी है।
Finally Some good news …..
More MEDIA outlets are waking up to Christian conversion issue ….and exposing them …….In JharKhand 88 Churches and NGO raided .. these NGO received Rs 250 CR for HINDU conversion from Foreign Groups
—-https://t.co/f9WJ5nIMwR
— No Conversion (@noconversion) August 14, 2018
सीआईडी और पुलिस द्वारा झारखंड में क्रिश्चियन मिशनरी द्वारा संचालित एनजीओ पर हुई छापेमारी से कई खुलासे हुए हैं। सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन सारे एनजीओ को साल 2013 और 2016 के बीच में 250 करोड़ रुपये विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत प्राप्त हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 88 क्रिश्चियन मिशनरीज एनजीओ चलाते हैं। इनमें शीर्ष 11 एनजीओ को साढ़े सात करोड़ रुपये से लेकर 39 करोड़ रुपये तक मिलते हैं। बाकी बचे एनजीओ को पौने दो करोड़ रुपये से कम मिलते हैं।
सीआईडी की रिपोर्ट के अनुसार आरोप है कि इनमें से अधिकांश एनजीओ स्कूल, अस्पताल और आश्रय घर चलाते हैं। ये क्रिश्चियन मिशनरीज काफी चालाकी से स्कूलों, अस्पतालों और आश्रय गृहों में आदिवासी महिलाओं को नौकरी पर रखती है। उसे ट्रेनिंग दिलाने के नाम पर विदेश भेज देती है, जहां दबाव डालकर उन्हें क्रिश्चियन बना दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लोग अपना अधिकांश एनजीओ दूर-दराज इलाकों में चलाते हैं ताकि पुलिस और प्रशासन की नजर में आने से बचे रहें।
सीआईडी और पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये संस्थाएं सिर्फ कनवर्ज के लिए ही सक्रिय नहीं रहती बल्कि राज्य विरोधी गतिविधि चलाने वाले राजनीतिक संगठनों को भी संरक्षण देती है। कई बात तो बड़ी-बड़ी पार्टियों को भी पैसे के लालच में फांस लेती है। प्रदेश में कांग्रेस और क्रिश्चियन मिशनरीज का चोली-दामन का साथ रहा है। तभी तो जब-जब क्रिश्चियन मिशनरीज के खिलाफ कोई कार्रवाई होती हैं कांग्रेस सक्रिय हो जाती है। सत्ता में रही तब तो कोई बात ही नहीं अगर सत्ता में नहीं रहती है तो उसे संरक्षण देने के लिए सरकार तक को गिराने पर आमादा हो जाती है। पुलिस ने कहा कि विदेशी फंड का उपयोग सरकार के खिलाफ आयोजित रैली और विरोध-प्रदर्शन के लिए करती है।
URL: Christian missionaries in Jharkhand are investing NGO’s foreign funds in conversion and politics
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