संदीप देव। जो कहते हैं कि हिंदू विभीषण को धार्मिक मानते हैं तो अपने बच्चों का नाम उस पर क्यों नहीं रखते? मैं भी पहले यह मानता था, लेकिन मेरा भ्रम दूर किया विभीषण नाम के मेरे एक मित्र ने। CISF के जवान विभीषण यादव कभी मेरे मित्र थे। तब मैं नयीदुनिया अखबार में CISF कवर करता था। उनकी नियुक्ति तब दिल्ली के IGI एयरपोर्ट के T3 पर होती थी। तो यह कहना कि कोई विभीषण के नाम पर अपने पुत्र का नाम नहीं रखता, तथ्यगत गलत है। हां, संख्या कम है, क्योंकि धर्म की समझ भी हिंदुओं में कम ही है!
दूसरी बात, विभीषण को धर्म धारण करने के कारण ही चिरंजीवी होने का वरदान मिला, जो आज हिंदू धर्म के अष्टचिरंजीवी में सम्मिलित हैं। धर्म की तरह वह भी अमर हैं।
तीसरी बात, जो लोग धर्म के ऊपर राष्ट्र को रखते हैं, उन्हें बता दूं कि विभीषण नहीं होते तो पूरा लंका राष्ट्र समाप्त हो जाता और रावण का वंश भी मिट जाता।
चौथी बात, विभीषण ने भगवान श्रीराम की याद में आज का जो रामसेतु है, उसे प्रतिकृति के रूप में बनवाया था। वह ऐसे रामभक्त थे।
अष्ट चिरंजीवियों के नाम इस श्लोक में इस प्रकार हैं:-
अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनूमांश्च विभीषण:।
कृप: परशुरामश्च सप्तएतै चिरजीविन:॥
सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्।
जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।