उपरोक्त शीर्षक पढ़ कर अगर आप कंफ्यूज हैं तो बता देती हूँ की ये शीषर्क प्रेरित है अमिताभ बच्चन के एक गीत से! मगर आप उस गीत को अमिताभ बच्चन के नाम से खोजें उसके पहले आप इस लेख को पूरा पढ़े। आप को वो जानकारी मिलेगी जो आप प्राइम टाइम न्यूज़ में भी नहीं पाते होंगे।
चलिए मुद्दे पर आती हूँ। दरअसल मैं जो बात कहने जा रही हूँ वो इतनी संजीदा है कि आपके मन को हल्का करना बहुत ज़रूरी था, इसलिए इतनी भूमिका लिखी अगर आप अभी तक इस लेख को पढ़ने की लिए बैठे है! तो इसका मतलब आप मनोदोहन के विज्ञान को समझ लेगें हैं क्यूंकि आप भी उसी का हिस्सा हैं कहीं न कहीं।
मनोदोहन का विज्ञान बहुत पुराना हैं!
इंसान का सोचना एक स्वाभाविक प्रवृति है मगर इंसान का बुद्धि के साथ-साथ विवेक से सोचना स्वाभाविक नहीं मुश्किल है। जिसके लिए उसे प्रयास खुद करना होता है! बात थोड़ी अटपटी है चलिए इसे सहज किये देती हूँ। इंसान सोचता हैं मगर अधिकतर मन से, और इस पर अगर भारत जैसा देश हो तो से ज़्यादातर लोगों का निर्णय भावनाओं पर आधारित होता है। कभी आपने गौर किया है, जब कोई फ़िल्मी कलाकार किसी चीज़ का विज्ञापन करता है तो क्यों करता है?
* उनकी कमाई का एक साधन है। फिल्मों में करोड़ों कमाने वाले विज्ञापन में लाखों कमाते हैं।
* विज्ञापन करने वाली कम्पनियाँ इसलिए इन लोगों का चुनाव करती है क्योंकि अपनी अदाकारी से ये लोगो की भावनाओं में बसते हैं और इस कारण उन्हें प्यार करते हैं, अपना आइडियल मानते हैं। उनकी बात पर कई बार अन्धविश्वास भी करते हैं।
अगर फिल्म जगत के लोग कुछ कहें तो उसकी गूँज ऊपर तक भी जाएगी और न केवल देश बल्कि विदेश में भी सुनाई देगी। करोड़ों का बिज़नेस करने वाले फ़िल्मी उद्योग जगत और इसके बाशिंदे इतनी ताकत रखते हैं। सोशल मीडिया पर सेलेब्स आज कल कठुआ की बच्ची हत्या कांड पर आज कल यही कर रहे हैं ताकि उनकी मज़बूत आवाज़ ऊपर तक जाए, और ये ऊपर है- केंद्र सरकार।
इस मुद्दे पर जमकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अब इसी कड़ी में सोशल मीडिया पर एक अलग तरह का कैंपेन शुरू हो गया है। इस कैंपेन में बॉलीवुड सेलेब्स हाथ में पोस्टर लिए फोटो पोस्ट कर रहे हैं। इस पोस्टर में लिखा है- मैं हिंदुस्तानी हूं! मैं शर्मिंदा हूं!
हालाँकि रेप एक विभस्त कचोटने वाली घटना है।
खबर सुनते ही मन के भावों में ज्वार भाटा सा उठने लगा, क्रोध, नफ़रत, क्षोभ सब मिलाजुला है। मगर सवाल है कि जनवरी में हुई रेप की घटना पर तब इन सेलेब्स ने आवाज क्यों नहीं उठाई!? अब क्यों! सवाल नंबर दो, राहुल गाँधी डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल कर 9:40 पर ट्वीट करते हैं और कैंडल मार्च के लिए लोगो को बुलाते हैं जो कांग्रेस ऑफिस से इंडिया गेट तक गयी।
वहां प्रियंका गाँधी जैसी महिला अपने परिवार के साथ और हज़ारों कांग्रेसियों से घिरी हुई कैंडल मार्च कर रही है और उनके साथ धक्का मुक्की हो जाती है। इतनी कांग्रेसी महिलाओं में से किसी और के साथ ऐसा क्यों नहीं होता? क्यों उन्नाव के केस के साथ ही 3 महीने पुराना कठुआ केस तेज़ी से सुलगाया जाता है? और उसी के आस पास बॉलीवुड की कई जानी मानी हस्तियां जो हिन्दुस्तान शर्मिंदा है, मैं शर्मिंदा हूँ के बोर्ड लेकर कैंपेन शुरू कर देती हैं जिनमें कम्युनिस्ट विचारधारा के लोगो को फिर एक बार मंच मिल गया क्योंकि वो जानते हैं, इसका तेज़ी से असर उन लोगो पर पड़ेगा जो अभी केवल मन में सोच रहे हैं कि ‘क्या सचमुच हिन्दू इतने नीचे गिर गए हैं’!
ये सब कुछ उस कंपनी के शह पर हो रहा है जिसका नाम है -A
दरअसल यहाँ से बात आती है एक रहीं “A ”
ये ‘A’ अमरीका हैं और ‘B’ बीजेपी, और ‘C’ कांग्रेस पार्टी! और ‘हम सब’ हैं जनता जनार्दन। मगर आप ये नहीं जानते होंगे की एक और ‘C’ है। सी फॉर ‘कैम्ब्रिज अनलिटिका।’ जिसने अमरीका के चुनाव को डोनाल्ड ट्रम्प के हित में कर दिया के साथ मिलकर फॉर कांग्रेस के मिलकर बीजेपी के खिलाफ ठीक वैसे काम कर रहा है।
कैम्ब्रिज एनालिटिका कैसे करती है काम ?
कैम्ब्रिज एनालिटिका फेसबुक के साथ मिलकर काम करती है, फेसबुक पर किसी राज्य के लोगों का पूरा डाटा लिया जाता है जिसे सोशल प्रोफाइलिंग कहते हैं, यहाँ पर देखा जाता है कि लोग सोच क्या रहे हैं, लोग कमेन्ट क्या करते हैं, लोग अपनी सरकार के बारे में क्या राय देते हैं, उसके बाद सरकार विरोधी लोगों की लिस्ट बनाई जाती है और उनके पास सरकार विरोधी ट्वीट किये जाते हैं ताकि वो उसे शेयर करें। धीरे धीरे सरकार के विरोध में लहर तेज की जाती है, लोगों के दिमाग में धीरे धीरे झूठ के जरिये सरकार के प्रति गुस्सा भर दिया जाता है और वह सरकार के विरोध में वोट देते हैं। ऐसा ही गुजरात में हुआ है। कांग्रेस के IT सेल में करीब 1000 लोग काम कर रहे थे। जो रोजाना बीजेपी के खिलाफ झूठे ट्वीट, झूठी तस्वीरें, झूठे आंकड़े, झूठे दावे पोस्ट करते थे। कांग्रेस की टीम इतनी बड़ी थी कि सिर्फ पांच मिनट में वह किसी भी चीज को टॉप ट्रेंड में ला देते थे।
इस लेख के शीषर्क में जो अंतिम शब्द हैं वो है हम सब ‘हम सब’ यानि लोकतंत्र, जनता जनादर्न जो बिना जाने हुए मनोदोहन करवा रही है कभी कठुआ केस, कभी बॉलीवुड के सोशल साइट पर हिन्दुस्तान शर्मिंदा हूँ कैंपेन से! कभी ट्वीट पर किये जाने वाले लाइक्स से कही फेसबुक पर पूछे जाने वाले कुछ ऐसे सवालों से की आर यू सपोर्ट कठुआ? या फिर ये की प्रधानमंत्री मोदी आपके बारे में क्या कहते हैं ?
ऐसे कई इंट्रेस्टिंग गेम जो फेसबुक पर हम मन के भावों को बदलने के लिए खेलते हैं दरअसल ये बीजेपी के खिलाफ, ‘A’ और ‘C’ की चुनावों की तैयारी है, जिससे लगातार मिलने वाले आकड़ों से हवा का रुख अपनी और किया जा सके और जनता की मनोदशा का फायदा ज़्यादा वोट लेकर उठाया जा सके।
URL: Congress and Cambridge Atlantica game to broadcast false news stories
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