! पूरा देश सदमे में है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत, हताश ,निराश और उग्र है। देश अब आर आर पार की लड़ाई चाहता है। भारत को अब रोज-रोज की जख्म से मुक्ति चाहिए। आम भारतीय यही सोच रहा है। 40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत के बाद हासिल लाश इस हालत में है उनके परिजनों को दर्शन नसीब नहीं होगा। ऐसी घटना पर भी कांग्रेस पार्टी ने दोगली नीति अपनाई । गैर युद्ध काल में अब तक के सबसे बड़े हमले के शिकार भारतीय जवानों की शहादत पर भी कांग्रेस ने चेक एंड बैलेंस की नीति अपनाई । अपने वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए। लेकिन 12 घंटे के अंदर देश के मिजाज को भांपते हुए पार्टी ने जो स्टैंड लिया उससे दुश्मनों में ठोस संदेश गया। लेकिन कांग्रेस के दुसरी पंग्ति के नेताओं ने वोट बैंक के लिहाज से जो संदेश दिया उसके भी अपने मायने हैं। गुरुवार को घटना पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों की शहादत की खबर आते ही कांग्रेस के आधिकारिक प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस पर पॉलिटिक्स करते हुए प्रधानमंत्री से सीधे सवाल किया कि 56 इंच कहां है। देश प्रधानमंत्री से पूछता है तुम्हारा सीना कहां है । कब जवाब दोगे। ट्वीटर पर मनीष तिवारी ने कमोबेस यही बयान जारी किया। तो नवजोत सिंह सिद्धू ने तो हद ही कर दी । यह जानते हुए कि देश गुस्से में है कांग्रेस के बड़बोले नेता और पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान पर किसी भी तरह के आरोप लगाए जाने को गलत करार देते हुए कहा कि हर देश में अच्छा और बुरा होता है। उन्माद नहीं फैलाया जाना चाहिए। सिद्धू ने पत्रकारों के सवाल पर यह जवाब उस समय दिया जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर जो आपके सद्भाव पूर्ण संबंध है क्या वो भी बरकरार है । सवाल के जबाव में सिद्धू ने कहा कोई व्यक्ति बुरा नहीं होता। कोई देश जाति या मजहब बुरा नहीं होता । उन्माद नहीं फैलाया जाना चाहिए। जिस पाकिस्तान के खिलाफ देश में अबतक के सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद इस कदर गुस्सा और नफरत है , कांग्रेस का यह स्टैंड समझ के पड़े था । लेकिन देश के मिजाज को समझते हुए बिना देरी के सुबह ग्यारह बजे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व रक्षामंत्री ए के एंटनी के साथ प्रेस के सामने आ गए। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने प्रवक्ता और गैर प्रवक्ता फायरब्रांड नेताओं के बयान से उलट जो अपना आधिकारिक बयान दिया उसमें साफ किया कि ये देश दुख की घड़ी में एक है। दुनिया की कोई ताकत भारत को रत्ती भर चोट नहीं पहुंचा सकता। कांग्रेस पार्टी सरकार और अपने जवानो के साथ हैं। राहुल ने प्रेस के माध्यम से कहा देश की सुरक्षा के मामले में कांग्रेस पार्टी 1 इंच भी इधर-उधर नहीं सोचती । सरकार इस आतंकी हमले में जो भी कदम उठाती है। कांग्रेस उसके साथ है। राहुल के बयान और पार्टी के फायर ब्रांड नेताओं के बयान में 36 का संबंध था। इसके राजनीतिक मायने निकलना लाजमी था। राजनीति में यह माना जाता है कि कुछ बयान संदेश देने के लिए दिए जाते हैं। रणदीप सुरजेवाला या मनीष तिवारी ने जो कुछ भी बोला वह अनायास नहीं बोला। दरअसल कांग्रेस का एक बड़ा वोट बैंक कश्मीर के प्रति सिंपैथी रखता है। पार्टी को उस वोट बैंक को भी संदेश देना था। जो इस कायराना आतंकी हमले में भी यह मानता है कि चुनाव के दौरान यह हादसा कराया गया। जो वोट बैंक कश्मीर के पत्थरबाजों के प्रति सिंपैथी रखता है, कांग्रेस को उस वोट बैंक का भी ख्याल रखना था। कांग्रेस प्रवक्ता और फायरब्रांड नेता उसी वोट बैंक की भावनाओ को ध्यान में रख कर राजनीति कर रहे थे। लोकतंत्र में आखिरकार नेताओं को बहुमत के मिजाज को भांपते हुए अपने बयान को नापना तौलना होता है। देश के गुस्से को देखते हुए पार्टी ने वो स्टैंड लिया जो उसे बहुमत के मिजाज में नजर आया। दरअसल सोशल मीडिया पर कांग्रेस के प्रवक्ताएं प्रति उपजे नफरत को देखकर पार्टी ने तय किया कि राहुल गांधी को मैदान में उतारकर यह संदेश दिया जाए इस विपदा की घड़ी में कांग्रेस पार्टी सरकार के साथ हैं। पुलवामा में जैसा आतंकी हमाला हुए वो देश की आत्मा को झकझोर चुका था इस घड़ी में राजनीति जनता स्वीकार नहीं कर सकती थी। लेकिन हर मामले में पेंडुलम की तरह दोहरी नीति ने अपनाने वाली कांग्रेस अपनी खास वोट बैंक के ख्याल में चेक एंड बैलेंस करती नजर आई। देश को आजादी दिलाने वाली कांग्रेस की वोट बैंक की नीति के कारण यही असली चेहरा सालों से सामने आ रहा है। कांग्रेस नहीं समझती उस की इसी दोमुही नीति के कारण आज वह 44 के आंकड़े पर आ चुकी है। सोशल मीडिया के दौर में राजनीतिक दलों को फैसले जनता के मिजाज को भांपते हुए लेने होते हैं लेकिन उतावला पन और वोट बैंक की राजनीति साधने में दोमुहापन का चेहरा अक्कसर बेनकाब हो जाता है। देश की सुरक्षा के नाम पर इस तरह का खेल राजनीतिक दलों को भारी पडता है। इसी को भांपते हुए कांग्रेस ने अपना स्टैंड बदल लिया। URL: Congress double stand on pulvam attack
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पुलवामा में 40 जवानों की शहादत पर भी कांग्रेस ने क्यों अपनाई दोमुंही नीति?

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