राजनीति में एक प्रचलन है, जो कहा जाता वह किया नहीं जाता, और जो किया जाता है वह कहा नहीं जाता। अपनी-अपनी नौकरी छोड़कर आईआईटी से ग्रैजुएट 50 छात्रों ने बहुजन आजाद पार्टी बना कर देश में नई राजनीति शुरू करने का ऐलान किया है। इन्होंने 2020 में बिहार में चुनाव लड़ने की बात कही है। लेकिन इससे पहले ही इन पर कई आरोप लगने लगे हैं। पार्टी से जुड़े लोगों ने बारी-बारी से सभी दलों से जुड़ाव होने को लेकर इनकार किया है। लेकिन एक बार भी कांग्रेस का नाम नहीं लिया है। इससे साफ है कि कांग्रेस एक बार फिर पहले ही की तरह बिहार में भी दिल्ली वाला दांव खेलना चाहती है। दिल्ली में जैसे उसने अरविंद केजरीवाल को मोहरा बनाकर भाजपा को पटखनी दी वैसे ही कांग्रेस बिहार में बहुजन आजाद पार्टी बनवाकर अपने विरोधियों को हराना चाहती है। शायद इसलिए कांग्रेस ने 50 आईआईटी ग्रेजुएटों को चुनकर हरेक को केजरीवाल बनाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस जानती है कि बिहार में अपने दम पर उसका कुछ नहीं होने वाला है इसलिए वह बहुजन आजाद पार्टी के जरिए अपना राजनीतिक दांव खेल रही है।
मुख्य बिंदु
बिहार में इन्हीं युवा नेताओं के सहारे अपनी चुनावी रणनीति बनाने में जुटी है कांग्रेस
बहुजन आजाद पार्टी का मुख्यालय भी बिहार है और तीनों संस्थापक सदस्य भी बिहारी है
बहुजन आजाद पार्टी के तीनों संस्थापक सदस्य वो चाहे विक्रांत वत्सल हो या नवीन विद्रोही या फिर सरकार अखिलेश बिहार के ही रहने वाले हैं। विक्रांत और नवीन तो अन्ना आंदोलन में भी शामिल रहे हैं । ये तीनों ही बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। एक तो बिहार की पृष्ठभूमि और दूसरा अन्ना आंदोलन का साथ। ऐसे में तो कोई दो मत नहीं राजनीतिक सूझ-बूझ इनकी बेहतर ही होगी। खास बात ये हैं कि इन लोगों में अरविंद केजरीवाल की ही तरह आईआईटी, दिल्ली और रूड़की से पास आउट होने का दंभ भी है। कांग्रेस को बिहार में अभी और क्या चाहिए। ऐसे ही लोग तो चाहिए जो विरोधियों पर भारी पड़े।
पिछले गुजरात चुनाव का उदाहरण सबके सामने है कि किस प्रकार कांग्रेस ने जिग्नेश और हार्दिक पटेल जैसे युवकों को उभार कर राजनीतिक जंग जीतने की कोशिश की। इसी प्रकार वह बिहार में नवीन, विक्रांत और अखिलेश जैसे युवकों में राजनीतिक संभावना तलाश रही है। नहीं तो आखिर क्यों ये युवा नेता उसी मुद्दे को अपना मेनिफेस्टो बता रहे है जिसे कांग्रेस वर्षों से उठाती रही है। मंशा साफ है किसी भी तरह बिहार में सत्ता पाना। कांग्रेस के पास तो ऐसे नेता तो बचे ही नहीं जिसके बलबूते कुछ किया जा सके, इसलिए कांग्रेस हाईकमान इन युवा नेताओं को आगे कर रणनीति बना रहे हैं।
URL: Congress going to turn 50 IITians into kejriwal in bihar
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