किसानों के कर्ज माफ करने के कांग्रेस के वादे का बैलून फूट चुका है। कांग्रेस पार्टी साल 2008 से ही कर्ज माफी के नाम पर किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है लेकिन किसी पेटीकोट पत्रकारों ने अब तक उसे उठाया नहीं बल्कि दबा दिया। कांग्रेस के कर्ज माफी के झूठ का खुलासा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कांग्रेस ने जब 2009 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 2008 में किसानों के कर्ज माफी का वादा किया था। लेकिन किसानों का कर्ज कभी माफ नहीं किया। आज मध्य प्रदेश और राजस्थान के किसानों के साथ वही हो रहा है जो कांग्रेस ने 2009 में सत्ता में आने के बाद किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि जब कांग्रेस ने 2008 में किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था उस समय देश के किसानों पर 6 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस जब सत्ता में आई तो महज 60 हजार करोड़ का कर्ज माफ करने की घोषणा की। कांग्रेस सरकार ने घोषणा में भी घपला कर लिया। 60 हजार करोड़ रुपये के कर्ज माफ करने की घोषणा कर 52 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। मोदी ने कहा कि इसमें कांग्रेस सरकार ने घपला किया। 52 हजार करोड़ कर्ज माफी में कांग्रेस पार्टी ने 35 लाख अपने ऐसे बिचौलियों का कर्ज माफ कर दिया जिसका खेती-किसानी से कभी कोई लेना-देना ही नहीं था। लेकिन उस समय देश में इतना बड़ा-बड़ा घोटाला उजागर हो रहा था कि कभी मीडिया ने कर्ज माफी घोटाला के बारे में छापा ही नहीं। जबकि सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया था। CAG की रिपोर्ट ने कांग्रेस की पोल खोली, लेकिन ‘पेटीकोट पत्रकार’ ‘पीडी’ बनकर मालिक की वफादारी करते रहे। मोदी ने कहा कि अगर सही मायने में किसानों का कर्ज माफ नहीं कर सकते उसके नाम पर ढिंढोरा पीटकर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद होना चाहिए।
पंजाब चुनाव के दौरान भी इस प्रकार का किसान कर्ज माफी का वादा किया गया जबकि सच्चाई यह है कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार ने आज तक किसानों के लिए कुछ किया ही नहीं। इसी प्रकार कर्नाटक चुनाव के दौरान किसानों के सारे कर्ज माफ करने के वादे किए गए। लेकिन सरकार बनने के बाद जब कर्ज माफी की बारी आई तो महज 800 किसानों को टोकन मनी देकर एक बार फिर प्रदेश के किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया।
आज मध्य प्रदेश में भी वही हो रहा है। कमलनाथ सरकार ने मध्य प्रदेश के किसानों के कर्ज माफी की जो घोषणा की है उसमें इतनी विसंगतिया हैं कि अधिकांश किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। कर्ज माफी की विसंगतियों के कारण जो किसान कर्ज माफी से वंचित रह गए हैं उनमें से दो ने तो आत्महत्या तक कर ली है। कहने का मतलब है कि जो किसान कर्ज से नहीं घबराए थे वे कमलनाथ सरकार की विसंगति भरी कर्ज माफी से परेशान होकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर है।
प्वाइंट वाइज समझिए
किसानों की भावनाओं से खिलवाड़
* किसान के कर्ज माफी पर शुरू से कि झूठ बोलती रही है कांग्रेस
* प्रधानमंत्री ने कर्ज माफी पर कांग्रेस के झूठ की खोली सारी पोल
* साल 2008 में कांग्रेस ने किसानों के सारे कर्ज माफ करने का किया था वादा
* 6 लाख करोड़ किसान कर्ज की जगह महज 60 हजार करोड़ माफी की घोषणआ की
* 60 हजार में से 52 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर पाई
* इनमें से 35 लाख अपने बिचौलियों का कर्ज मार कर दिया
* जिन बिचौलियों का कर्ज माफ किया उसका खेती-किसानी से लेना देना ही नहीं था
* सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कांग्रेस के इस घोटाले का जिक्र किया था
* लेकिन कांग्रेस के पेटीकोट मीडिया ने कभी भी कर्ज घोटाले को उजागर ही नहीं किया
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