(सरकार तुम्हारी, सिस्टम हमारा)
अभी तक आपने भाग – 1 और भाग – 2 में देखा कि किस प्रकार कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा से जुडे हुए प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में दक्षिणपंथी विचारधारा से जुडे हुए अक्षित बारू जैसे विद्यार्थियों को 25 में से मात्र 15 – 16 अंक ही दिए जाते हैं तथा कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा से जुडे हुए आकाश जैसे विद्यार्थी को 23 – 24 अंक दिए जाते हैं । साथ ही अभिषेक कुमार जी जैसे कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा से जुडे हुए सहायक प्राध्यापकों द्वारा किस प्रकार से दक्षिणपंथी विचारधारा से जुडे हुए विद्यार्थियों को डराया – धमकाया जाता है ।
अब आप देशबंधु कालेज़ के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष श्री अश्वनी शंकर के राजनैतिक पहलू को देखिए और स्वयं आंकलन कीजिए । अश्विनी शंकर जी ने 19 फरवरी, 2022 को देशबंधु कालेज के यूट्यूब चैनल (देशबन्धु कालेज के प्लेटफार्म का उपयोग किया) पर कांग्रेसी विचारधारा के प्रो. आदित्य मुखर्जी जी को वक्ता के तौर पर बुलाया । इस बेबीनार में प्रो. आदित्य मुखर्जी को “Jawahar Lal Nehru and the making of modern India” नामक विषय पर बोलना था । जिसकी सूचना श्री अश्विनी शंकर जी ने अपने ट्विटर एकाऊंट https://twitter.com/Shankar8Ashwini/status/1495284624456511492?t=EDksnMED1XvaZreY0hnN1A&s=08 के माध्यम से दी । साथ ही अपनी उस पोस्ट https://twitter.com/Shankar8Ashwini/status/1493789605954424832?t=-yQm4kG3_2jwlpEjhCiI6w&s=08 में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व प्रियंका गांधी जी, राहुल गांधी जी, डा. चयनिका, महिला कांग्रेस नेताओं को “टैग” किया ।
19 फरवरी, 2022 को बेबीनार की समाप्ति पर को देशबंधु कालेज के यूट्यूब चैनल (देशबन्धु कालेज के प्लेटफार्म का उपयोग किया) के लिंक https://www.youtube.com/watch?v=7IXDxi3FnJ4 को सांझा करते हुए 20 फरवरी, 2022 को श्री अश्विनी शंकर जी ने अपने ट्विटर एकाऊंट https://twitter.com/Shankar8Ashwini/status/1495284624456511492?t=EDksnMED1XvaZreY0hnN1A&s=08 से पुन: एक ट्विट https://twitter.com/Shankar8Ashwini/status/1495284624456511492?t=IZuhKU6eR6Z2bEEU29eAGg&s=08 किया । इस बार भी उन्होंने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व श्री राहुल गांधी जी, श्रीमती प्रियंका गांधी जी, इंडियन यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, डा. चयनिका, श्री कमलनाथ जी, श्री अजय माकन जी, श्री मनीष तिवारी जी, श्री मुकुल वासनिक जी को “टैग” किया ।
इस बेबीनार में प्रयुक्त हुए यूट्यूब लिंक https://www.youtube.com/watch?v=7IXDxi3FnJ4 के 45.10 मिनट पर प्रो. आदित्य मुखर्जी जी ने भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी पर तंज कसते हुए कहते हैं कि “उस समय नेहरू जी ने 40,000 किमी. की यात्रा की थी, उस समय पर 8,000 करोड रूपए के प्लेन नही हुआ करते थे, 46.25 मिनट पर प्रो. आदित्य मुखर्जी जी कहते हैं कि “जबकि आप देख ही रहे हैं कि आजकल हम एक गृहयुद्ध जैसी स्थिति में हो गए हैं, आंतरिक युद्ध की जैसी स्थिति होती जा रही है, जहाँ पर Open Call for Genocide किए जा रहे हैं, नरसंहार के Open Call हो रहे हैं, मार दो अल्पसंख्यकों को, लाखों के नम्बर पे मार दो, पैसे खर्च करके महंगे – महंगे बंदूकें खरीदो ताकि अल्पसंख्यकों को मार सको, ऐसे Open Call हो रहें हैं, पुलिस खडी देखती रहती है । ऐसी स्थिति में भी हम इसको सेंट्रल ईशू नही बना रहे हैं । हम अपने इतिहास से सीख नही रहे हैं” …. इत्यादि ।
अत: स्पष्टरूप से कहा जा सकता है कि श्री अश्विनी शंकर जी ने इतिहास विभाग का विभागाध्यक्ष होने के कारण अपने पद का “दुरूपयोग” किया और देशबंधु कालेज़ के प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए अपने “राजनीतिक एजेन्डे” के तहत ही प्रो. आदित्य मुखर्जी को बेबीनार में बुलाया । साथ ही कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को खुश करने के लिए कांग्रेस की शीर्ष नेतृत्व को अपने दोनों ट्वीट में टैग किया । इस प्रकार से “सरकार तुम्हारी, सिस्टम हमारा” इस वाक्य को श्री अश्विनी शंकर जी ने चरितार्थ किया है ।
आईये प्रो. आदित्य मुखर्जी जी के लेखन के बारें में जानते हैं । दिल्ली विश्वविद्यालय के “हिन्दी माध्यम कार्यान्वय निदेशालय” के द्वारा “फरवरी, 2015” में “भारत का स्वतंत्रता संघर्ष” नामक एक पुस्तक का 39वां संस्करण का प्रकाशन किया गया, जिसका ISBN Number : 978 – 93 – 80172 – 05 – 7 है और इसकी कुल 10,300 प्रतियाँ प्रकाशित की गई थी । इस पुस्तक के विभिन्न लेखकों में से एक नाम प्रो. आदित्य मुखर्जी जी का भी है ।
इस पुस्तक की अनुक्रमणिका में 20वें अध्याय का नाम है – “भगत सिंह, सूर्य सेन और क्रांतिकारी आतंकवाद” । यह अध्याय इस पुस्तक के पृष्ठ संख्या 228 पर प्रकाशित है ।
इसी प्रकार से प्रो. आदित्य मुखर्जी जी एक अन्य पुस्तक और भी है, जिसके विभिन्न लेखकों में से एक नाम प्रो. आदित्य मुखर्जी जी का भी है । पुस्तक का नाम है – RSS, School Texts and the Murder of Mahatma Gandhi: The Hindu Communal Project https://amzn.eu/d/dtih5J3 । साथ ही इस पुस्तक का हिन्दी अनुवाद देशबंधु कालेज के इतिहास विभाग में कार्यरत सहायक प्राध्यापक डा. सौरभ वाजपेयी जी ने किया । जिसके अमेजान का लिंक है – RSS, Skooli Pathyapustaken aur Mahatma Gandhi ki Hatya: The Hindu Communal Project https://amzn.eu/d/b7Kvkr0
सौरभ वाजपेयी जी CAA के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे विरोध – प्रदर्शन में न केवल शामिल होते थे अपितु वहाँ पर उपस्थित जनता को संबोधित भी करते थे । य़ूट्यूब के इस लिंक पर सौरभ वाजपेयी जी के उद्बोधन को सुना जा सकता है – https://youtu.be/FGNxMvFX08I ।
इसी पृष्ठभूमि में हमें देशबन्धु कालेज के इतिहास विभाग के पूर्व विद्यार्थी आकाश को भी देखना चाहिए जो अपने कालेज के दिनों में कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा से जुडा था तथा उसे अन्य शिक्षकों द्वारा आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) में 25 में से 23 – 24 अंक दिए गए थे । इतना ही नही सौरभ वाजपेयी जी द्वारा कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस सन्देश’ के पृष्ठ 28 – 29 पर उसका एक आलेख अगस्त, 2022 में प्रकाशित भी करवाया गया, आलेख का शीर्षक है – “सावरकर माने अफसोस, सावरकर माने भय, सावरकर माने साम्प्रदायिकता” । यहाँ पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि आकाश नामक यह शोधार्थी ‘नेशनल मूवमेंट फ्रंट’ की वैचारिकी ईकाई से जुडा हुआ है । ‘नेशनल मूवमेंट फ्रंट’ के संस्थापक सदस्य “डा. सौरभ वाजपेयी” हैं जो देशबन्धु कालेज के इतिहास विभाग में सहायक प्राध्यापक हैं ।
कश्मीर फाईल्स मूवी के रिलीज होने के पश्चात् श्री अश्विनी शंकर जी ने फिर से इतिहास विभाग का एक अन्य बेबीनार रखा । इस बार इस बेबीनार में बोलने के लिए प्रो. रतन लाल हंगलू को बुलाया । बेबीनार में जो प्रो. हंगलू ने बोला उसे आप देशबंधु कालेज के यूट्यूब चैनल https://youtu.be/x-UyRDG8EHU पर सुन सकते हैं । देशबन्धु कालेज के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष श्री अश्विनी शंकर जी की सहमति से सहायक प्राध्यापक श्री अभिषेक जी के द्वारा फेसबुक पर एक पेज बनवाया गया है, जिसका नाम है OriGen DBC और इस पेज का लिंक है – https://www.facebook.com/profile.php?id=100077391370093 । इस पेज पर 20 अप्रैल, 2022 को प्रो. रतन लाल हंगलू जी से संबंधित एक पोस्ट की गई, जिसका लिंक है – https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0g9Pa8WGCLrMdf5XpKLspsrZ4amE23XVS3T7yWt1QYY5BaT3LGCcqYPV81KFzSEz6l&id=102265219026172&sfnsn=wiwspmo ।
इस फेसबुक पोस्ट पर जो पेज अपलोड किए गए हैं उस पर प्रो. हंगलू के विचार अंकित हैं, जो इस प्रकार हैं :-
प्रो. रतन लाल हंगलू के द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को आप स्वयं पढें और आत्मचिंतन करें । ध्यान देने योग्य बात यह है कि बेबीनार का यह विषय इतिहास के पाठ्यक्रम (ग्रेजुएशन) का हिस्सा ही नही है । परंतु फिर भी TIC श्री अश्विनी शंकर जी द्वारा यह बेबीनार जबरदस्ती किया गया क्योंकि इतिहास विभाग के कुछ सहायक प्राध्यापकों ने इस बेबीनार पर अपना विरोध भी जताया था ।
इसी प्रकार से बेबीनार की इस कडी में प्रो. इरफान हबीब को बुलाया गया था । प्रो. इरफान हबीब ने अपने उदबोधन में श्री रामजन्म भूमि की न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खडा करने का भरसक प्रयास किया था । आप देशबंधु कालेज़ के यूट्यूब चैनल पर इस बेबीनार को सुन सकते हैं – https://www.youtube.com/watch?v=2ABkH_xV7JY ।
इसी प्रकार से बेबीनार की इस कडी में प्रो. हरबंस मुखिया जी को भी बुलाया गया था । उनके उदबोधन को भी देशबंधु कालेज़ के यूट्यूब चैनल पर सुन सकते हैं https://www.youtube.com/watch?v=ub3Dh6jgQ1g&t=1056s ।
बेबीनार में आए हुए वक्ताओं के विचारों को स्थायित्व प्रदान करते हुए TIC श्री अश्विनी शंकर जी के संपादन में इतिहास विभाग की ‘Revisites 2022’ नामक एक पुस्तिका तैयार की गई ।
इस पुस्तिका का ISBN Number: 978 – 93 – 95133 – 00 – 5 तथा इसके संपादक स्वयं श्री अश्विनी शंकर जी है और सह – संपादक श्रीमति सुवृत्ता खत्री (एसोसिएट प्रोफेसर), डा. लक्ष्मी नारायण मीणा (असिस्टेंट प्रोफेसर), डा. सौरभ वाजपेयी (असिस्टेंट प्रोफेसर), आशुतोष कुमार (असिस्टेंट प्रोफेसर), उपेन्द्र कुमार (असिस्टेंट प्रोफेसर), अभिषेक कुमार (असिस्टेंट प्रोफेसर) तथा रिया नेगी (विद्यार्थी) हैं ।
इस पुस्तिका में प्रो. हरबंस मुखिया जी लिखते हैं :-
इस पुस्तिका का विमोचन देशबंधु कालेज के प्रांगण में चेयरमैन श्री आर. एन. वत्स जी, प्राचार्य प्रो. राजीव अग्रवाल जी, इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष श्री अश्विनी शंकर जी, इतिहास विभाग के श्री एस. एम. झा जी (एसोसिएट प्रोफेसर), श्रीमती सुवृत्ता खत्री (एसोसिएट प्रोफेसर) समेत अन्य गणमान्य लोगों द्वारा किया गया ।
इनका ईकोसिस्टम इतना मजबूत है जिसका अन्दाजा हम इस घटना से लगा सकते हैं । देशबन्धु कालेज में मोदी@20 नामक पुस्तक पर चर्चा करने के लिए भारत सरकार के कानून मंत्री श्री किरेन रिजिजू तथा दक्षिणी दिल्ली के मा. सांसद श्री रमेश विधुडी जी आए । जिसका विरोध अश्विनी शंकर जी के निर्देशन में इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों ने कुछ इस प्रकार लच्छेदार भाषा के साथ किया ।
इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों की इन लच्छेदार बातों से ही यह अन्दाजा लगाया जा सकता है कि किस प्रकार सरकार के ये अपने विरोध का अपना एजेंडा लागू करते होंगे । जब इन विरोधी पार्टियों को भारत की जनता ने नकार दिया है तो इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों ने उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को अपना कार्यक्षेत्र बनाकर विद्यार्थियों को ही अपना “कैडर” बनाना प्रारंभ कर दिया है ।
जब इन्डिया स्पीक डेली की टीम ने इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों की पृष्ठभूमि देखा तो हम सब आश्चर्यचकित हो गए कि किस प्रकार “मोदी – विरोध” से इनका सोशल मीडिया एकाऊंट भरा पडा है । यह सब जान – समझकर आपके मन में भी इन एजेंडाधारी प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों के प्रति छवि स्पष्ट हो जाएगी । इन एजेंडाधारी सहायक प्राध्यापकों के सोशल मीडिया पोस्ट को आप भी देखिए और स्वयं चिंतन कीजिये :-
उपेन्द्र कुमार
सौरभ वाजपेयी
शाकिर