कांग्रेस आज भी सामंतशाही और तानाशाही मानसिकता से उबरी नहीं है। कांग्रेस आज भी यही समझती है कि उसके खिलाफ किसी को बोलने का हक नहीं है। तभी तो जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राहुल गांधी चोर कहते हैं तो पूरी पार्टी उसके पीछे कोरस गाने में जुट जाती है। लेकिन जैसे ही किसी ने उनके खिलाफ कुछ बोला उसका सिर कलम करने पर उतर जाती है। मध्य प्रदेश में एक मिडिल स्कूल के प्रिंसिपल ने वहां के मुख्यमंत्री कमलनाथ को ‘डाकू’ क्या कह दिया, प्रदेश सरकार ने उनसे नौकरी छीन ली। कांग्रेस की यह तानाशाही नहीं तो और क्या है? जबकि कमलनाथ पर तो 1984 में सिखों के खिलाफ दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान दो सिखों की हत्या करने का आरोप है। यह बात दीगर है कि उसके खिलाफ सत्ता में बैढे लोगों ने जांच नहीं चलने दी।
कमलनाथ को डाकू कहने पर नौकरी से निकालने का मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर का है। वहां के एक मिडिल स्कूल के प्रिंसिपल मुकेश तिवारी ने कांग्रेस के सत्ता में आने पर कहा था कि ‘ शिवराज जी जैसे भी हों कमलनाथ तो डाकू हैं।’ उनका शिवराज सिंह को ‘अपना’ और कमलनाथ को ‘डाकू’ कहने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कांग्रेस ने उनके इस बयान को तूल देते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर दी। कांग्रेस के इस मांग पर जिला कलक्टर छवि भारद्वाज ने भी न आव देखा न ताव मुकेश तिवारी को न केवल पद से हटा दिया बल्कि नौकरी से ही निकाल दिया।
कांग्रेस की असहिष्णुता देखिए कि उनके नेता अपने मुख्यमंत्री कमलनाथ की आलोचना में एक शब्द सुनना बर्दाश्त नहीं करते। जबकि यही कांग्रेस और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष देश के प्रधानमंत्री को चोर कहते नहीं थकते हैं।
URL : congress leaders could not tolerate his criticism, terminated principal !
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