पूरे केरल में सोशल मीडिया के माध्यम से हड़ताल की अफवाह उड़ाकर हिंसा भड़काने वालों की पहचान उजागर हो गई है। राज्य भर में हड़ताल के बहाने हिंसा फैलाने वालों के पीछे इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के सदस्य शामिल थे। इस मामले में पूरे राज्य से पुलिस जितने लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें से अधिकांश की संख्या इन्हों दो पार्टियों के सदस्यों की है।
मुख्य बिंदु
* सोशल मीडिया के माध्यम से फैलाई गई हड़ताल की अफवाह
* गिरफ्तार हुए लोगों में से अधिकांश का जुड़ा आईयूएमएल के साथ
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक हड़ताल के नाम पर हिंसा करने के आरोप में पूरे राज्य से 951 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से 535 शख्स या तो आईयूएमएल या फिर एसडीपीआई से जुड़े हैं। मालूम हो कि सबसे अधिक गिरफ्तारी केरल के उत्तरी जिले से की गई है। सबसे अधिक ध्यान देने वाला तथ्य है कि जितने लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें 125 लोगों की पहचान जहां सीपीएम के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में हुई है वहीं 60 लोगों की पहचान कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में हुई है। हालांकि गिरफ्तार लोगों में 235 ऐसे लोग भी हैं जो अपवाह को सच मानकर हड़ताल करने निकल पड़े लेकिन उनका किसी राजनीतिक पार्टी या संगठन से रिश्ता स्थापित नहीं हुआ है।
हिसां के आरोप में गिरफ्तार 951 लोगों में से पुलिस ने 250 लोगों को रिमांड पर लिया है। पुलिस ने हड़ताल से जुड़ी के तहत 350 मामले दर्ज किए हैं। अब जब पुलिस ने शख्त रूप अख्तियार किया है तो आईयूएमएल के राज्य महासचिव केबीए माजीद ने कहा कि उनकी पार्टी किसी प्रकार की हड़ताल में शामिल नहीं थी। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। एसडीपीआई ने भी हड़ताल के दौरान हुई हिंसा से दूरियां बनानी शुरू कर दी है। लेकिन पुलिस की जांच के बाद दोनों पार्टियों की राज्य में हिंसा फैलाने की सच्चाई बाहर आ चुकी है।
इस खबर के पीछे की पूरी जानकारी के लिए इस लिंक पर जाएं !
URL: Congress, Muslim and communists hands to provoke violence in Kerala
Keywprds: Violence, SDPI, IUML, cpm, Congress, Indian Union Muslim League, violence on strike, Social Democratic Party of India, आईयूएमएल या फिर एसडीपीआई