कांग्रेस हो या कम्युनिस्ट, आप हो या कोई और विरोधी दल सभी दो मुंह वाले सांप की तरह देश की जनता के साथ बर्ताव करते हैं। बाहर तो जनता से लेकर व्यापारी तक के हितैषी बनते हैं और मोदी सरकार को उसका विरोधी बताते हैं, लेकिन जब नीतिगत फैसले लेने की बात आए तो ये लोग अंदर में जनता के सबसे बड़े शोषक के रूप में काम करते हैं। ये खुलासा कोई और नहीं बल्कि असम के मंत्री तथा भाजपा नेता हिमंत विश्वास ने किया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा है कि जब जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई थी तो मोदी सरकार छोटे व्यापारियों को 75 लाख पर जीएसटी छूट देना चाहती थी। सरकार ने नीतिगत आधार पर फैसला ले लिया था। लेकिन सारे विरोधी दलों ने सरकार को ऐसा करने से मना कर दिया।
ग़ौर से सुनिए कांग्रेस का रवैया देश के छोटे व्यापारियों के प्रति @himantabiswa जी की ज़ुबानी। pic.twitter.com/hgExg2U350
— Smriti Z Irani (@smritiirani) January 13, 2019
विश्वास ने अपने संबोधन में कहा कि वे जो बात कह रहे हैं यह कोई भाषण नहीं है बल्कि जीएसटी काउंसिल की हुई बैठक के रिकार्ड में शामिल है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हो या कम्युनिस्ट पार्टी या फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी हो या कोई अन्य विरोधी पार्टी सभी, ने एक सुर में व्यापारियों की छूट सीमा 20 लाख से अधिक करने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने कहा कि वह छूट की सीमा 75 लाख करना चाहती है तो सारे विपक्ष दलों ने बवाल मचा दिया। उनलोगों का कहना था कि उन्हें भी तो कुछ कमाना है। इसलिए व्यापारियों की छूट की सीमा 20 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
विश्वास ने कहा कि अंत में सरकार किसी तरह व्यापारियों की जीएसटी छूट की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख करने में सफल हुई। उन्होंने कहा कि ये वही नेता हैं जो बाहर में खुद को व्यापारियों के हितैषी बताते हैं और मोदी सरकार को उनका दुश्मन बताते हैं। लेकिन जब व्यापारियों को छूट देने की बात आती है तो छूट देने के पक्ष में सिर्फ भाजपा होती है जबकि उसके खिलाफ सारे विरोधी पार्टी खड़े रहते हैं।
URL : Congress opposed raising GST exemption limit in council meeting!
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