विपक्ष की साजिश का रिपब्लिक टीवी ने पर्दाफाश किया है। CII ने खुलासा किया है कि दावोस में PM के साथ ग्रुप फोटो वाली सूची में नीरव मोदी का नाम शामिल ही नहीं था! वर्ल्ड इकोनोमी फोरम के प्रायोजकों में से एक नीरव की कंपनी थी, जिस कारण अपनी कैपिसिटी पर वह एक साजिश के तहत ग्रुप में शामिल हो गया था!
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा NPA पर सख्ती को देखते हुए यूपीए सरकार में बैंक लूटने में पार्टनर रहे नेताओं ने नीरव को ग्रुप फोटो में शामिल करने की तिकड़म भिड़ाई थी ताकि पीएम पर दबाव बनाकर कार्रवाई को टाला जा सके! और यदि कार्रवाई हो तो सीधे पीएम को घसीट कर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा सके! कांग्रेस, आपा, कम्युनिस्ट पार्टी और ‘पेटिकोट पत्रकारों’ ने इसी साजिश के तहत फोटो का खेल रचा था, जो अब खुलता जा रहा है।
अभी इसकी जांच जारी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के उन नेताओं ने यह कुचक्र रचा था, जो नीरव की कंपनी में पार्टनर हैं और जिनके खाते में नीरव की कंपनी द्वारा करोड़ों ₹ ट्रांसफर यूपीए शासन के दौरान हुआ था।
नरेंद्र मोदी जैसे ईमानदार पीएम के खिलाफ विपक्ष व मीडिया के एक वर्ग द्वारा की गयी साजिश की सरकार कड़ाई से जांच करा रही है। ज्ञात हो कि भारत सरकार के ऑफिशियल डेलीगेशन का पार्ट नीरव नहीं था, यह विदेश मंत्रालय पहले ही स्पष्ट कर चुका है।