अर्चना कुमारी। तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में जलीकट्टू, कंबाला और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले कानूनों की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ का बड़ा फैसला। इस फैसले से स्थानीय लोग खुश हैं और लोगों ने धन्यवाद किया है।
बताया जाता है कि संविधान पीठ ने जलीकट्टू पर रोक लगाने से किया इनकार।
कोर्ट ने कहा राज्यों द्वारा जो नियम बनाये गए है वह संविधान के तहत है।
संविधान पीठ ने कहा यह खेल सांस्कृतिक विरासत है।
गौरतलब है कि जलीकट्टू तमिलनाडु में एक सदी से हो रहा है। कोर्ट ने कहा हम ये नहीं मान सकते कि जलिकट्टू तमिल कल्चर का हिस्सा नहीं नहीं है।
बता दें कि ‘जल्लीकट्टू’ को ‘एरुथाझुवुथल’ के रूप में भी जाना जाता है. सांडों को वश में करने वाला यह खेल तमिलनाडु में पोंगल फसल उत्सव अवसर पर खेला जाता है।
एनिमल बोर्ड ऑफ इंडिया बनाम ए नागराजा और अन्य ने 7 SCC 547 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करने के लिए संबंधित राज्यों को निर्देश देने के लिए दायर किया गया था।