आईएसडी नेटवर्क। मनोज बाजपेयी की आगामी फिल्म ‘सिर्फ बंदा काफी है’ रिलीज से पहले ही विवादों के घेरे में आ गई है। फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद आरोप लगाया जा रहा है कि ये फिल्म आसाराम बापू के जीवन पर आधारित है। ट्रेलर के कारण फिल्म विवादों के घेरे में आ गई है।
सोमवार को मनोज बाजपेयी की फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ का ट्रेलर रिलीज किया गया। इसके बाद मंगलवार को श्री आसाराम जी चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से फिल्म निर्माताओं को नोटिस भेज दिया गया है। नोटिस में सूचना व प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड से फिल्म की रिलीज रोकने की मांग कर दी गई है। सोमवार को रिलीज हुए ट्रेलर में दिखाया गया कि एक आध्यात्मिक गुरु पर एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया जाता है और गुरु की गिरफ्तारी हो जाती है।
बच्ची को न्याय दिलाने के लिए एक वकील अदालत में लंबी लड़ाई लड़ता है। निर्देशक अपूर्व सिंह कर्की की इस फिल्म के ट्रेलर में जो आध्यात्मिक गुरु दिखाया गया है, उसकी छवि आसाराम से मिलती-जुलती है। यही कारण है कि आसाराम के भक्तों द्वारा इसका कडा विरोध किया जा रहा है। फिल्म 23 मई को ZEE 5 पर रिलीज होने जा रही है। फिल्म निर्माताओं को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि आसाराम के लिए रावण और दुष्कर्मी जैसे शब्दों का प्रयोग किया गया है, ऐसा करना उनके धार्मिक चरित्र का अपमान करने जैसा है।
नोटिस में लिखा गया है कि फिल्म की रिलीज से आसाराम की छवि देश और विदेश में धूमिल हो सकती है और आसाराम के समर्थक नाराज हो सकते हैं। नोटिस में कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका भी व्यक्त की गई है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान हाई कोर्ट में आसाराम की सजा के विरुद्ध अपील दायर की गई है। फिल्म के सह निर्माता आसिफ शेख ने कहा है कि उनकी लीगल टीम नोटिस का जवाब देगी। आसिफ के मुताबिक फिल्म के लिए वकील पीसी सोलंकी की बायोपिक के अधिकार ख़रीदे गए हैं। पीसी सोलंकी वही वकील हैं, जिन्होंने आसाराम को सज़ा दिलवाई थी।