कोरोना काल को शुरू हुये लगभग 17 महीने हो गये। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार समूचे विश्व में अभी तक लगभग साढ़े चौदह करोड़ लोग कोरोना से संक्रमित हुये और तीस लाख लोगों की मृत्यु हुई जो औसतन 2.06% है। इनमें से आधे से ज़्यादा मृत्यु अस्पतालों में दवाइयों के ट्रायल के कारण हुईं, बची हुई अधिकांश मृत्यु उन लोगों की हुई जो अन्य बीमारियों से ग्रसित थे और लम्बे समय से दवायें खा रहे थे जिससे उनकी इम्यूनिटी पहले से ही कमजोर थी। यदि सही ऑंकडे उपलब्ध हो जायें तो कोरोना के कारण ज़्यादा से ज़्यादा 0.5% से अधिक मृत्यु नहीं हुई होगी।
कोरोना, पूर्व में विकसित हुये सार्स, मार्स, स्वाइन फ़्लू, बर्ड फ़्लू जैसा ही एक नया विकसित वाइरस है जो हमारे वातावरण में समाहित हो चुका है और जिसकी विशेषता फ़ास्ट म्यूटेशन है। फलस्वरूप, इसके लिये कभी भी ना कोई दवा बन पायेगी, ना ही कोई थिरैपी कारगर होगी और ना ही कोई वैक्सीन लाभकारी सिद्ध होगा।
वैक्सीन को लेकर फैली अफ़वाहों से बचें और वैक्सीन की वास्तविकता को समझें।
वैक्सीन लगवाने के बाद आपकी इम्यूनिटी डाउन होती है यह सरकार, मीडिया और डॉक्टर सभी बता रहें है। अत: वैक्सीन लगने के बाद 2 महीने तक घर से बाहर ना निकलें और उसके बाद जब भी निकलें पूरे प्रिकॉशन के साथ निकलें, क्योंकि दोनों वैक्सीन लगने के 15 दिन बाद भी लोगों को कोरोना हो रहा है। मेरा सरकार से अनुरोध है कि इस संकट की घड़ी में वैक्सीन लगाकर लोगों की इम्यूनिटी को कमजोर ना करें और जब तक यह वेव समाप्त नहीं हो जाती वैक्सीनेशन की प्रक्रिया बंद कर दें अन्यथा कोरोना संक्रमण और तेज़ी से फैलेगा।
वास्तविकता यह है कि कोई भी वैक्सीन बदलते हुये स्ट्रेन पर कभी भी कारगर नहीं होगी। वैक्सीन के लॉंग टर्म साइड इफ़ेक्ट का अभी ऑंकलन भी नहीं हुआ है! वैक्सीन लगवाने के बाद मौजूदा स्ट्रेन के इनफ़ेक्शन की संभावनायें और बढ़ जाती हैं क्योंकि आपकी इम्यूनिटी एक ओर वैक्सीनेटेड वाइरस से लड़ रही होती है और दूसरी ओर कमजोर इम्यूनिटी का फ़ायदा उठाकर मौजूदा स्ट्रेन तबाही मचा देता है।
मेरी बात का यह मतलब नहीं है कि आप सरकारी नियमों का उल्लंघन करें परन्तु अपनी इम्यूनिटी का स्वयं ख़याल रखें।
सरकार मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम में कोरोना का उपचार ढूँढ रही है जो सम्भव नहीं है। वैसे भी मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम सिर्फ़ लक्षण का इलाज करता है और कोरोना ही नहीं बल्कि किसी भी अन्य बीमारी का इलाज नहीं करता। कोरोना ने मॉडर्न मेडिसिन सिस्टम की कलई खोल दी है पर साइंटिफिकली प्रूवेन के चक्कर में चकाचौंध हमारे राजनेता इनकी साज़िश नहीं समझ पा रहे और यदि समझ रहें हैं तो उनके भी साज़िश में शामिल होने की संभावनायें बढ़ जाती हैं।
जापान तथा चीन में वुहान को छोड़कर कोरोना के सक्रिय ना होने का प्रमुख कारण यह है कि उन्होंने इम्यूनिटी बढ़ाने के लिये अपने ट्रेडिशनल खानपान तथा ट्रेडिशनल मेडिसिन सिस्टम को अपनाया है। ऐसा नहीं है कि ये देश वैक्सीन नहीं बना रहे, परन्तु वे वैक्सीन अपने देशवासियों के लिए नहीं बल्कि व्यापार के लिये बना रहे हैं।
हमारा सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि हमें स्वयं पर विश्वास नहीं है जिसके कारण आज भी हम ग़ुलाम मानसिकता के तहत विश्व के ऐसे देशों का अनुसरण और अनुपालन कर रहें हैं जो पूरी दुनिया में स्वार्थ एवं घटिया राजनीति के लिये प्रसिद्ध है परन्तु इसे विश्वस्तरीय पावर गेम का मोहरा बना दिया गया है।सभी को पता है कि युद्ध में सैनिक मरते हैं और पावर गेम खेलने वालों के लिये उनकी आहुति की कोई क़ीमत नहीं होती। इसी तरह कोरोना पावर गेम खेलने वालों पर लोगों की मृत्यु से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
कोरोना वाइरस एक साधारण वाइरस है जिससे डरने की ज़रूरत नहीं है। आज चारों ओर दहशत का माहौल है। हर व्यक्ति डरा हुआ है। साधारण सर्दी, खाँसी, जुकाम, बुख़ार में भी लोग ऑक्सीजन लेवल चेक कर अस्पतालों की ओर यह जानते हुये भी भाग रहे हैं कि कोरोना की कोई दवा नहीं है, बेड नहीं मिलेगा, ऑक्सीजन और वेन्टीलेटर की कमी है। इस दहशत के माहौल में सभी असहाय महसूस कर रहें हैं और दिमाग़ी संतुलन खो रहे हैं। इस अफ़रा-तफ़री में डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ़ भी मानसिक रूप से खिन्न होता जा रहा है।
मेरी मानें तो घरों में ही रहें, स्वस्थ्य पौष्टिक भोजन करें, मानसिक संतुलन बनाये रखें, साफ़ सफ़ाई और हाइजीन का विशेष ध्यान दें, संक्रमण को फैलने ना दें और आवश्यकता समझें तो www.2ndopinion.live में सम्पर्क करें। व्यक्तिगत रूप से कोरोना से बचने के लिये सिर्फ़ मज़बूत इम्यूनिटी की ज़रूरत है और समूचे देश को कोरोना से मुक्ति दिलाने के लिये हर्ड इम्यूनिटी की जरूरत है। इन दोनों को हासिल करने के लिये दवा, थिरैपी और वैक्सीन तीनों की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इनके प्रयोग से इम्यूनिटी कमजोर पड़ती है। हमारे ट्रेडिशनल मेडिसिन सिस्टम आयुर्वेद में इम्यूनिटी बढ़ाने के अनेकों सरल एवं सस्ते उपाय हैं जिनके ज़रिये पूरा देश कोरोना मुक्त हो सकता है-
- शुद्ध ताज़ा भोजन
- एक घंटा व्यायाम/योग
- 6-8 घंटे की नींद
- थकान लगने पर आराम
- तनाव मुक्त जीवन
- 30 मिनट की धूप
जिन लोगों को यह करने में असुविधा है या किसी शारीरिक व्यथा के कारण यह कर पाने में असमर्थ हैं उन्हें इम्यूनिटी बढ़ाने के लिये सप्लीमेंट का सहारा लेना चाहिये।
इतिहास गवाह है कि किसी भी विपत्ति से छुपकर, डरकर, भागकर नहीं बचा जा सकता। कोरोना एक प्राकृतिक आपदा है और हम सबको इसका सामना समझदारी पूर्ण ढंग से करना होगा। मेरे विचार से कोरोना का सामना करने के लिये हमें अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रॉंग बनाने के बाद सभी प्रकार के प्रतिबंधों से मुक्त होना पड़ेगा। पुन: कोरोना पूर्व माहौल वापस लाना होगा, जिससे देश में हर्ड इम्यूनिटी डेवलप हो सके। हम सब को आगे आने वाले समय में यदि कोरोना की नई वेव से बचना है तो हमें अपनी इम्यूनिटी को निरंतर मज़बूत बनाये रखना होगा वर्ना भविष्य में कोरोना की हर एक वेव में तबाही का आलम बढ़ता ही जायेगा।
मेरा सरकार एवं स्वास्थ्य से जुड़े हुये हर व्यक्ति से निवेदन है कि यदि देश और देशवासियों को बचाना है तो इस विचारधारा पर सोचना शुरू करें वर्ना हमारे देश की जनसंख्या जो हमारी ताकत है वही हमारी कमजोरी बन जायेगी।
कमान्डर नरेश मिश्रा
फाउन्डर ज़ायरोपैथी
टॉल फ्री-1800-102-1357
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