कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन की जो संदिग्घ भूमिका है, उस मामले में एक बेहद सनसनीखेज़ खुलासा सामने आया है. चीन की महिला वांयरोलाजिस्ट लि-मेंग यान ने यह दावा किया है कि कोरोना वायरस एक मानव निर्मित वायरस है. और इसे वूहान की ही किसी लैब में बनाया गया है. लि मेंग यान हाँग कांग स्कूल आंफ पब्लिक हेल्थ में कार्यरत थीं और इसी स्कूल के अंतर्गत वे वूहान में फैले नये वायरस पर शोध कर रही थीं, जब उन्हे इस वायरस की सच्चाई का पता चला.
लि-मेंग यान , जो कि चीनी सरकार की धमकी के बाद अमरीका में आकर रह रही हैं, उन्होने अमरीका के ‘लूज़ वूमेन’ नाम के एक यूट्यूब चैनल में दिये गये इंटरव्यू में बहुत सी बातों का खुलासा किया है. उनका स्पष्ट तौर पर कहना है कि यह पूर्णतया मानव निर्मित वायरस है और यह सच्चाई वे जल्द ही अपनी रिसर्च रिपोर्ट के माध्यम से दुनिया के सामने लायेंगी.
उन्होने इंटरव्यू में बताया कि इस रिसर्च रिपोर्ट के दो भाग होंगे और इसका पहला भाग अगले कुछ दिनों में ही रिलीज़ कर दिया जायेगा. और इसमे वे कोरोना वायरस की पूरी जिनोम सीक्वेंस को विस्तृत करती हुई वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि करेंगी कि किस प्रकार यह वायरस के मानव निर्मित वायरस है, जो कि चीन की ही किसी लैब में निर्मित हुआ है.
लि –मेंग यान ने यह भी कहा कि वह चीन में कोरोना वायरस पर शोध करने वाले शुरुआती वैज्ञानिकों में से एक थीं. इस वायरस के फैलने के शुरुआती दौर में ही उन्होने अपना काम शुरू कर दिया. और जब उनका शोध आगे बढा, उन्होने कोरोना वायरस के फैलने के पैटर्न्ज़ पर गौर किया, स्थानीय डांक्टरों से बातचीत की, तभी उन्हे मालूम हो गया कि यह वायरस मानव निर्मित है. लि-मेंग के इंटरव्यू के अनुसार जब उन्होने यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन तक पहुंचाने की चेष्टा की, तो उनकी बात सुनने के बजाय संगठ्न ने उन्हे यह बात यहीं दबाकर इस सब चक्कर में न पड़्ने को कहा.
इसके बाद उन्होने किसी तरह से हिम्मत जुटाकर सब सच्चाई बयान करते हुए एक अमरीका के एक चीनी यू टूबर से संपर्क किया जिनके चैनल के माध्यम से उन्होने अपनी बात चीनी भाषा में लोगों तक पहुंचाई. उनके अनुसर उनका चीने भाषा में बना यह वीडियो लोगों के सामने जनवरी में आया. फिर धीरे धीरे कर चीनी सरकार को उनकी गतिविधियों का पता लग गया और वह उनकी दुश्मन बन गयी.
लि-मेंग यान ने इंटरव्यू में बताया कि चीई सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर जासूसी के माध्यम से उनके खिलाफ नकारात्मक माहौल बनाना शुरू कर दिया. उनके बारे में इंटरनेट पर तरह तरह की गलत बातें फैलाई गयीं. उन्हे झूठा साबित करने की कोशिश की गयी जिससे उनकी प्रोफेशनल साख पूरी तरह से नष्ट हो जाये. उनके दोस्तों और परिवारजनों को भी उनके खिलाफ करने की कोशिश की गयी.
यह सब बातें सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते है लेकिन लि-मेंग ने बताया कि चीन के लोगों के लिये ये सब बहुत ही आम बातें हैं. जिसे भी वहां की कम्यूनिस्ट सरकार गायब करना चाहती है, वह पहले उसके विरुद्ध इस प्रकार का माहौल तैयार कर देती है और फिर वह व्यक्ति अचानक से गायब हो जाता है. लेकिन अमरीका में रह रहे जिस चीनी यू ट्यूबर के वे संपर्क में थी, उनकी मदद से वे किसी तरह से चीन से भाग निकलने में कामयाब रहीं. और फिर वे अमरीका में रहने लगीं.
जो दवा लि-मेंग यान ने किया है, वह सच्चाई की कसौटी पर तो तभी खरा उतर पायेगा जब उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक होगी. लेकिन यदि वास्तविकता में उनकी रिपोर्ट पूरी दुनिया के सामने आती है और इसमे वैज्ञानिक तौर पर इस बात की पुष्टि होती है कि कोरोना वायरस मानव निर्मित है और यह वूहान की ही सरकार द्वारा नियंत्रित किसी लैब में बना है तो चीन के लिये बहुत मुश्किलें खड़ी हो जायेंगी.
वैसे भी वूहान की किसी लैब में कोरोना वायरस के बनने की संभावना को लेकर पहले भी कई बातें सामने आ चुकी हैं लेकिन कोई भी पुख्ता सुबूत न होने के कारण कुछ भी निश्चित तय्र पर नहीं कहा जा सकता. कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि पिछले कुछ महीनों में चीन ने जो विभिन्न मोर्चों पर आक्रामकता दिखाई है, उसका कोई न कोई संबंध विश्व का ध्यान कोरोना वायरस फैलाने में जो चीन की भूमिका है, उसे वहां से भटकाने से है.