जो लोग मोदी सरकार पर यह आरोप लगा रहे हैं कि उनके कार्यकाल में घोटालेबाजों पर कार्रवाई नहीं हो रही है, उन्हें आज झटका लगा है। 3700 करोड़ के अगस्ता वेस्ट लैंड घोटाले में CBI द्वारा पूर्व वायु सेना प्रमुख एस.पी.त्यागी सहित उनके वकील गौतम खेजान और संजीव त्यागी उर्फ जूली त्यागी को गिरफ्तार किया गया है। इटली के उच्च न्यायालय में वायु सेना प्रमुख एस.पी.त्यागी के अलावा सिग्नोरा गांधी, अहमद पटेल(सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार) पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता आस्कर फर्नांडीस का नाम सामने आया था। इसमें बड़े पैमाने पर एलिट पत्रकारों के भी फंसने की उम्मीद है, क्योंकि जांच में यह भी सामने आ चुका है कि अगस्ता वेस्टलैंड की कंपनी ने न्यूज मैनज करने के लिए लुटियन जोन के पत्रकारों को 45 करोड़ रुपया रिश्वत में दिया था!
आशंका है कि पूर्व वायु सेना प्रमुख एस.पी.त्यागी उनके सहयोगियों से कई दौर की पूछताछ के बाद सीबीआई को इस मामले में आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हाथ लग चुके हैं। इसके बाद ही यह कार्रवाई की गई है। सीबीआई की जांच में यह सामने आया है कि घूस दो रूटों से आरोपियों तक पहुंचा। ब्रिटिश नागरिक क्रिश्यिन मिशेल और वकील गौतम खेतान ने मुख्य दलाल की भूमिका निभाई। इसमें जूडो हेसचेक और कार्लो गोर्सा भी दलाल की भूमिका में था। मिशेल के जरिए अरोपयिों को 30 मिलियन यूरो और अन्य दलालों के जरिए 24 मिलियन यूरो आरोपियों को मिला। आशंका यह भी है कि गौतम खेतान ने इटली कोर्ट में आए कांग्रेसी नेताओं के नामों की संलिप्तता पर भी बड़ा सबूत सीबीआई को सौंपा है! उम्मीद की जानी चाहिए कि आगामी समय में देश में बड़ा राजनीतिक भूचाल आ सकता है! नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक कांग्रेस को अभी और बेचैन कर सकती है!
गौरतलब है कि मोदी सरकार बनने के बाद ही देश के अंदर और बाहर Agusta Westland International and Finmeccanica कंपनी व भ्रष्टाचारियों पर सिकंजा कसा जाने लगा था। 3 जुलाई 2014 को मोदी सरकार ने इन दो कंपनियों सहित छह कंपनियों के सभी पूर्व के सौदों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। सीबीआई ने मोदी सरकार बनने के बाद 2014 में ही जिन छह कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, उनके नाम हैं- M/S Agusta Westland International Ltd., UK, M/S Finmeccanica, Italy, and its group companies, including subsidiaries and affiliates, M/S IDS, Tunisia, M/S Infotech Design System (IDS), Mauritius, M/S IDS Infotech Ltd, Mohali and M/S Aeromatrix Info Solution Pvt Ltd, Chandigarh.
अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने से लेकर इसमें गिरफ्तारी तक- सब वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद ही शुरु हुआ है! CBI and Enforcement Directorate (ED) अभी तक इस मामले में तीन विदेशियों के खिलाफ गिरफ्तारी व प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई कर चुकी है, जिनका नाम हैं- Carlo Gerosa, Mr. Guido Haschke Ralph and Christian Michel James. क्रिश्चियन माइकेल जेम्स के खिलाफ 24 सितंबर 2015 को गैर जमानती वारंट एवं दिसंबर 2015 व जनवरी 2016 में Money Laundering Act and Prevention of Corruption Act के तहत इंटरपोल से रेड काॅर्नर नोटिस जारी कराया जा चुका है। 4 जनवरी 2016 को सीबीआई ने व 29 फरवरी 2016 को ईडी ने यूके सरकार से मिशेल के प्रत्यर्पण की मांग की है।
इतना ही नहीं सीबीआई अभी तक इसमें संलिप्त 100 लोगों को पूछताछ कर चुकी है। सितंबर 2014 से नवंबर 2014 के बीच ही बहुत सारे लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है और कईयों की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है। इसके अलावा सीबीआई व ईडी ने माॅरिसस, ट्यूनीशिया, इटली, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, सिंगापुर, ब्रिटेन, यूएई, स्वीटजरलैंड की सरकारों को भी जांच में सहयोग के लिए पत्र लिखा जा चुका है।
जिस देश में भोपाल गैस त्रासदी के मुख्य अभियुक्त एंडरसन को भगाने का आरोप स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर हो और सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद बोफोर्स के मुख्य आरोपी क्वात्रोच्चि के बैंक एकाउंट को खुलवाने का आदेश पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने दिया हो, वहां केवल 3 साल में मोदी सरकार द्वारा अगस्ता घोटाले में आरोपी कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने से लेकर इसमें शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी तक इतनी त्वरित गति से हुई है! कांग्रेसी नेताओं और अगस्ता पत्रकारों को यह परेशान कर रहा है!
सम्बंधित ख़बरें: