अर्चना कुमारी। हबीब खान नामक व्यक्ति सेना के कैंटीन में सब्जी सप्लाई करता था लेकिन इसकी आड़ में वह दरअसल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गोपनीय दस्तावेज देता था। केंद्रीय खुफिया ब्यूरो को जब इस बारे में जानकारी मिली और दिल्ली पुलिस को इस जासूस के बारे में बताया गया इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम राजस्थान पहुंचकर इस आरोपी को धर दबोचा ।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि राजस्थान के शहर पोखरण से हरा टिड्डा समुदाय के जासूस को गिरफ्तार किया गया। आरोपी हबीब खान ने प्रारंभिक पूछताछ में जासूसी की बात स्वीकार की है और पुलिस टीमें यह जानने में जुटी है कि अब तक उसने कौन कौन से दस्तावेज पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को उपलब्ध कराएं हैं। पुलिस यह भी जानने में जुटी है कि इस एवज में हबीब खान को कितना धन मुहैया कराया गया था।
पूछताछ में पता चला है कि आरोपी बीकानेर का रहने वाला है और भारत पाक सीमा से सटे पोकरण में उसकी गतिविधियां लंबे अरसे से संदिग्ध पाई गई थी। पुलिस का कहना है कि भारत-पाक सीमा से सटे क्षेत्र में जासूसी के संदेह में पकड़ा गया हबीब खान सेना के मूवमेंट से लेकर पोखरण में परमाणु गतिविधियों की जानकारी आईएसआई को देता था जबकि पुलिस ने इस आरोपी को पकड़ने की कार्रवाई जैसलमेर जिले के पोकरण-फलोदी मार्ग पर की ।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि आरोपी पिछले कई वर्षों से वह पोकरण क्षेत्र में रह रहा था जबकि पूछताछ में पता चला है कि वह भारतीय सेना में कॉन्ट्रेक्टर के रूप में कई वर्षों से कार्य कर रहा है। फिलहाल इसके पास आर्मी एरिया में सब्जी सप्लाई करने का ठेका है और इसके साथ ही पोकरण क्षेत्र में संचालित इंदिरा रसोई में सब्जी सप्लाई का ठेका उसी के पास होना बताया जा रहा है।
बुधवार की सुबह संदिग्ध जासूस को टीम दिल्ली लेकर पहुंची, जहां उससे पूछताछ जारी है। जांच एजेंसियों का कहना है, पिछले कुछ समय से दिल्ली पुलिस संदिग्ध जासूस हबीब खान पर नजर रखे हुए थी। मंगलवार को उसे हिरासत में लेने के बाद बुधवार को दिल्ली लाया गया। पुलिस औऱ खुफिया ब्यूरो के अधिकारी लगातार उससे पूछताछ कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है अब जांच एजेंसियों को यह भी पता लगाना है कि यह किन-किन लोगों के संपर्क में था। माना जा रहा है कि हबीब खान सेना से जुड़ा अहम जानकारी जुटाकर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ को देता रहा है । इससे पहले जांच एजेंसियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइआसआइ के लिए कथित रूप से जासूसी करने के मामले में सेना के दो जवानों को गिरफ्तार किया था ।
पंजाब पुलिस ने इस बाबत जानकारी मुहैया कराई थी। जबकि दबोचे गए आरोपियों की पहचान सिपाही हरप्रीत सिंह (23) और सिपाही गुरभेज सिंह (23) के रूप में की गई है। जहां हरप्रीत जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में तैनात था और 19 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़ा था, वहीं गुरभेज करगिल में क्लर्क के रूप में कार्यरत था और 18 सिख लाइट इन्फेंट्री से संबंधित था।
देश के साथ गद्दारी करने वाला जवान देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित 900 से अधिक गोपनीय दस्तावेजों की तस्वीरें सीमापार पहुंचा चुके थे। बताया जाता है कि दोनों जवान तस्कर रणवीर सिंह को फरवरी से मई 2021 के बीच चार महीने के अंतराल में साझा कर चुके हैं। रणवीर सिंह उन्हें पाकिस्तान के खुफिया अफसरों को भेज चुका है। हालांकि इस बारे में अभी जो चल ही रही है ।