अर्चना कुमारी दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी अमित कत्याल की चिकित्सा स्थिति के आकलन के लिए एक चिकित्सा बोर्ड के गठन का निर्देश दिया है।
कत्याल ने भारतीय रेलवे में कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत का अनुरोध किया है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि जेल से प्राप्त रिपोर्ट में हालांकि किसी ‘‘अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति’’ का संकेत नहीं दिया गया है, तथापि आरोपी की हाल ही में बैरिएट्रिक सर्जरी हुई है, इसलिए एम्स निदेशक को तत्काल कम से कम तीन विभिन्न विशेषज्ञता वाले डॉक्टरों की टीम गठित करने को कहा गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरोपी किस प्रकार की बीमारी से ग्रस्त है।
उच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य का अधिकार, जो अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का एक पहलू है, को यांत्रिक तरीके से कानून की उचित प्रक्रिया के बिना कम नहीं किया जा सकता है और किसी व्यक्ति को उस स्थिति में अंतरिम जमानत पर रिहा किया जा सकता है जब उसके लिये जरूरी विशेष उपचार और देखभाल की व्यवस्था जेल में न हो सके।
न्यायमू्िर्त विकास महाजन की अवकाश पीठ ने सात जून को पारित आदेश में कहा, ‘‘न्यायालय एक विशेषज्ञ की भूमिका नहीं निभा सकता और याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति के संबंध में स्वयं आकलन नहीं कर सकता..
इन परिस्थितियों में, यह न्यायालय याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति का आकलन करने के लिए एक चिकित्सा बोर्ड गठित करना उचित समझता है।’’ उच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल रिकॉर्ड का आकलन और याचिकाकर्ता आरोपी की जांच के बाद मेडिकल बोर्ड 14 जून तक या उससे पहले रिपोर्ट पेश करेगा। कत्याल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 11 नवंबर, 2023 को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया था।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कत्याल ने राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की ओर से नौकरी के इच्छुक कई लोगों से जमीन खरीदी थी। इस मामले में अगली सुनवाई 17 जून को होगी।