जग जाओ या मर जाओ , हिंदू को अब तय करना है ;
सर पर आया मौत का संकट , हर हाल में इससे लड़ना है ।
केवल लड़ने का मार्ग बचा है , लड़कर इसे हराना है ;
कायर नेता ही कमी हमारी , तत्क्षण मुक्ति पाना है ।
कायर – नेता से मुक्ति पाओ , शूरवीर – नेता को लाओ ;
सौभाग्य राष्ट्र का बनकर उभरे,यूपी-आसाम के नेता लाओ।
दिल्ली से सटा हुआ यूपी है , पहले यूपी को मौका दो ;
बाद में मौका आने पर , आसाम का नेता आने दो ।
जब पास हों इतने शूरवीर , फिर काहे को कायर नेता ?
कायर नेता को विदा करो , जो बात – बात पर है रोता ।
भारत के शाप थे गांधी-नेहरू, इनके चेलों को विदा करो ;
राष्ट्र तोड़ना नहीं चाहते तो , फौरन ही ये काम करो ।
पार्टी की कार्यकारिणी है , उसकी बैठक आहूत करो ;
योगी पीएम हों प्रस्तावित , कायर-नेता को विदा करो ।
सबका कल्याण इसी में है , सबकी रक्षा हो जायेगी ;
निवर्तमान कायर नेताओं की भी , इज्जत बच जायेगी ।
तेरी सरकार भी सदा रहेगी , पार्टी भी मजबूत बनेगी ;
गजवायेहिंद का सांप मरेगा , लाठी भी न टूटेगी ।
बिन भय प्रीत कभी न होती , योगी का भय प्रीति लायेगा ;
राष्ट्र तोड़ने वाला दुश्मन , राष्ट्र – भक्त बन जायेगा ।
वामी,कामी,जिम्मी,सेक्युलर,जेहादी , सही राह आ जायेंगे ;
भारत को आंख दिखाने वाले , सही-मार्ग पर आयेंगे ।
सारा अत्याचार मिटेगा , कानून का शासन आयेगा ;
तुष्टीकरण मिटेगा सारा , अल्पसंख्यकवाद चला जायेगा ।
सारे एक बराबर होंगे , पक्षपात कोई न होगा ;
यथा योग्य सारे पायेंगे , आरक्षण का शाप न होगा ।
कोई किसी का हक न मारे , संरक्षण सबका होगा ;
सच्चा – इतिहास सामने आये , झूठ का मुंह काला होगा ।
गांधी- नेहरू -अंग्रेजों की , सारी साजिश खुल जायेगी ;
तथाकथित आजादी की , असलियत सामने आयेगी ।
सारा अंग्रेजी- राज हटेगा , पूर्ण-स्वतंत्रता मिल जायेगी ;
चरित्रहीन नेता हैं जितने , उनकी पोल भी खुल जायेगी ।
ये सब-कुछ निश्चय ही होगा , बस योगी को आने दो ;
सारे अत्याचार मिटेगें , बस कायरता जाने दो ।
“जय हिंदू-राष्ट्र”
रचनाकार : ब्रजेश सिंह सेंगर “विधिज्ञ”