भारत सरकार के प्रतिष्ठित उपक्रम केंद्रीय लोक निर्माण विभाग( CPWD) की फर्जी वेबसाइट बनाकर युवाओं से नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया गया। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया जो लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योजनाओं पर पलीता लगा रहे थे।
आरोपियों में एक बीटेक ड्रॉप आउट है तो वहीं दूसरे ने बीएड कर रखी है। पुलिस ने खुलासा किया है कि बीटेक ड्रॉप आउट आरोपी ने शादी करते वक्त खुद को इसी में इंजीनियर बताया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, पांच स्मार्टफोन और फर्जी आईकार्ड बरामद किए हैं। आरोपियों की पहचान लखनऊ यूपी निवासी अमित कुमार (27), गंगा नगर राजस्थान निवासी रामदयाल (27) व गुरदीप (28) के तौर पर हुई।
पुलिस उपायुक्त और पीआरओ ईश सिंघल का कहना है जानकारी मिली थी कुछ लोग सीपीडब्लयूडी की फर्जी वेबइसाइट के जरिए युवकों से ठगी कर रहे हैं। इसके लिए बकायदा वे फर्जी परीक्षा कराने से लेकर नियुक्ति पत्र तक दे रहे हैं। डिप्टी डायरेक्टर जनरल ई गवरनेंस CPWD निर्माण भवन की ओर से मिली शिकायत के बाद साउथ एवन्यू थाने में साल 2018 में धोखाधड़ी सम्बंधी धाराओं के तहत दो मुकदमे दर्ज किए गए थे। जांच के दौरान पुलिस टीम ने टैक्नीकल और साइबर विश्लेषण कर एक आरोपी की पहचान राम दयाल के तौर पर की।
12 अक्टूबर को सूचना मिली फर्जी वेबसाइट तैयार कर ठगी करने वाले लोग महिपाल पुर आएगें, जिसके बाद ट्रैप लगा इन तीनों को पकड़ लिया। अरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र और नेशनल हाईवे अथोरटी ऑफ इंडिया के विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए।
पूछताछ में पता चला है कि आरोपी अमित कुमार ने बीटेक थर्ड ईयर ड्रॉप आउट है। वही इस गैंग का सरगना है। पांच साल पहले पिता की मौत होने के बाद परिवार की जिम्मेदारी उसी के ऊपर आ गई थी। उसने कॉल सेंटर में भी नौकरी की। शादी करते समय आरोपी ने खुद को CPWD इंजीनियर बताया था। साल 2018 में नौकरी छोड़ने के बाद उसने वेब डिजाईनर से फर्जी वेबसाइट बनवायी और ठगी शुरु कर दी। हालांकि, किसी कारण से फर्जी वेबसाइट बंद कर दी गई थी। इसके बाद अमित कुमार राम दयाल और गुरदीप के संपर्क में आया।
ये राजस्थान में वेब डिजाइनिंग और वेब साइट क्रेएशन का काम करते थे। इन्हें अमित ने खुद को सीपीडब्लयूडी केरल का प्रोजेक्ट मैनेजर बताया था और उनसे सीपीडब्लयूडी की वेबसाइट बनाने के लिए कहा। एक बार को इन्हें भी शक हुआ था कि इतना बड़ा डिपार्टमेंट आखिर कैसे प्राइवेट डवलपर से साइट बनाने के लिए अप्रोच कर सकता है। लेकिन ज्यादा पैसा देने के लालच में वे झांसे में आ गए और फर्जी वेबसाइट बना दी।
अभी तक की जांच में पचास से ज्यादा बेरोजगार लोगों से दस से बारह लाख की ठगी होने की बात सामने आई है। आरोपी अमित ने लखनऊ में ठगी रकम से कुछ जमींन और कार भी ले ली थी पुलिस ने तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें रिमांड पर लिया है। पुलिस की टीम यूपी ओर राजस्थान भेजी गई है, ताकि कार, कम्पयूटर और धोखाधड़ी सम्बंधी दस्तावेजों को जब्त किया जा सके। पुलिस सूत्रों का कहना हैै कि बीते 2 वर्षों से सीपीडब्ल्यूडी की मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर लोगों को नौकरी का झांसा देकर उनके साथ ठगी की जा रही थी और लोगों को झांसे में लेने के लिए जालसाजों ने सीपीडब्ल्यूडी की वेबसाइट से भी कुछ जानकारियां लेकर अपनी वेबसाइट पर चिपका दी थी।
हैरानी की बात यह है कि वह न केवल फर्जी परीक्षा आयोजित कर रहे थे, बल्कि पीड़ितों को ऑफर लेटर भी दिया जा रहा था । पुलिस ने ठगी की रकम से लखनऊ में खरीदी गई जमीन के दस्तावेज और अमित की कार जब्त कर ली है और पुलिस ने फिलहाल तीनों आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश कर रिमांड पर लिया है। ज्ञात हो कि भारत का केन्द्रीय लोक-निर्माण विभाग जिसे CPWD नाम से जाना जाता है, भारत सरकार के प्रभुत्व वाला एक प्राधिकरण है जो कि देश के सार्वजनिक क्षेत्र के निर्माण कार्यों को करता है। सी॰ पी॰ डब्ल्यू॰ डी॰ केंद्र सरकार के शहरी विकास मन्त्रालय के अन्तर्गत कार्य करने वाली निर्माण एजेंसी है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) पर केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्तशासी निकायों की अधिकांश इमारतों के निर्माण और रखरखाव का दायित्व है।