अर्चना कुमारी। यह सच्ची कहानी है एक ऐसे चोर की जिसने 55 लाख रुपए की चोरी एक बैंक में घुसकर कर ली लेकिन कमाल की बात तो यह है कि जिस बदमाश ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया। बैंक ने वारदात के बाद उसी को टूटी हुई दीवार की मरम्मत के लिए बुला लिया। राजमिस्त्री के भेष में छुपे चोर ने अपनी ही काटी हुई दीवार को मरम्मत की। इसके बाद वह वापस चला गया।
इस दौरान पुलिस की जांच चल रही थी, जब उस पर शक हुआ तब उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पता चला आरोपी हरी राम को जुआ खेलने की लत है। वह अपनी इसी लत को पूरा करने के लिए बैंक में चोरी किया जबकि चोरी में भागीदार उसका साथी कालीचरण को भी जुआ खेलने व सट्टा लगवाने की लत है।
कालीचरण का कहना है कि हरी राम को उसके 10 लाख रुपये देना था। इसलिए उसने उसका साथ दिया। बहर हाल यह घटना हुई थी देश की राजधानी के फर्श बाजार स्थित विश्वास नगर के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में। जहां दीवार तोड़कर 55 लाख रुपये चोरी कर लिए गए थे । पूछताछ में पता चला है कि हरीराम राजमिस्त्री का काम करता है।
करीब छह माह पूर्व उसने बैंक के स्ट्रांग रूम में रेनोवेशन का काम किया था। स्ट्रांग रूम में भारी नकदी देखकर उसका मन डोल गया और उसने तय कर लिया कि वहां सेंध लगाकर अमीर बन जाएगा । मुख्य आरोपी का कहना है कि पिछले तीन माह से वह वारदात को अंजाम देने के लिए एक-एक दिन गिन रहा था , लेकिन लॉक डाउन के कारण वह वारदात को अंजाम नहीं दे पा रहा था।
मौका लगते ही उसने वारदात को अंजाम दिया। घटना के दिन वारदात को अंजाम देने के लिए वह बैंक के बराबर वाले निर्माणाधीन मकान का इस्तेमाल किया। दरअसल पुलिस को राजमिस्त्री पर शक एक सीसीटीवी कैमरे के आधार पर हुआ । जांच के दौरान पुलिस को बैंक के पास एक इमारत के सीसीटीवी कैमरे की दिशा बदली हुई मिली।
उसकी दिशा को किसी ने आसमान की ओर किया हुआ था। कैमरे की बारीकी से जांच की गई तो पता चला कि किसी ने पहली मंजिल पर जाकर कैमरे की दिशा को बदला था, लेकिन आरोपी गलती से उसी कैमरे में कैद हो गया था। उसके आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। वैसे पकड़े जाने के बाद आरोपी राजमिस्त्री ने बताया कि वह बैंक से चंद कदमों की दूरी पर रहता है।
वह राजमिस्त्री का काम करता है। इन दिनों वह पास की इमारत में काम कर रहा था । आरोपी को पता था कि निर्माणाधीन मकान की दीवार काटकर बैंक के स्ट्रांग रूम में पहुंचा जा सकता है। घटना वाले दिन वह दिन में अपने साथी के साथ वहां पहुंचा।
ताला खोलकर निर्माणाधीन मकान के अंदर जाकर उसने पत्थर काटने वाली मशीन से दीवार काटी और बैंक के सर्वर रूम में दाखिल हो गया। इसके बाद स्ट्रांग रूम की दीवार काटकर वहां रखे रुपयों को निकाल लिया गया। इस काम में छह से सात घंटे लगे। वारदात के बाद वह फरार हो गया। उसके कब्जे से अधिकांश रुपए बरामद कर लिए गए हैं और दोनों आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच गए