अर्चना कुमारी। दिल्ली पुलिस में तैनात एक रक्षक ही भक्षक बन गया। इस सिपाही को बर्खास्त कर दिया गया है लेकिन उसने पूरे महकमे को शर्मसार कर दिया। दरअसल यह कहानी है पूर्वी जिले के न्यू अशोक नगर इलाके कि जहां करीब दो माह पूर्व रोडरेज के दौरान हुई बहस में दिल्ली पुलिस के सिपाही ने पिटाई करने के बाद युवक को अगवा कर लिया। इसके बाद अगवा किए गए युवक की हत्या कर उसकी लाश को गंगनहर में ठिकाने भी लगा दिया गया। इस बीच मृतक के परिजन बेटे की तलाश में पुलिस थाने के चक्कर काटते रहे।
लेकिन स्थानीय थाना प्रभारी प्रमोद कुमार ने भी कोई मदद नहीं की जिसके बाद उसे भी अब निलंबित कर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर पिटाई का वीडियो वायरल हुआ तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने मामले की जांच करवाई। इसके बाद हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ। पुलिस ने पांडव नगर थाने में तैनात आरोपी सिपाही मोनू सिरोही और इसके दोस्त हरीश, विनीत और विकास सिरोही को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस सूत्रों का दावा है मृतक युवक की शिनाख्त अजीत (29) के रूप में हुई ।
छानबीन में पाया गया कि वह परिवार के साथ बी-ब्लॉक, न्यू कोंडली में रहता था। इसके परिवार में मां कृष्णा देवी, भाई अशोक और एक बहन नीतू है। अजीत कोंडली रोड पर फल बेचता था। 4 जून की रात को अजीत अपने दोस्त अतुल के साथ शराब पीने के बाद आईसक्रीम खाने निकला था। रास्ते में कार सवार चार लोगों ने कार से मामूली टच होने पर इनको पकड़ लिया। आरोप है कि कार सवारों ने दोनों को पकड़कर बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। अतुल तो किसी तरह छुटकर भाग गया।
लेकिन अजीत को पिटाई के बाद अगवा कर लिया गया और उसे सारे आरोपी रास्ते में पीटते गए ,जिससे उसकी मौत हो गई । इस पूरी पिटाई और उसको अगवा करने का वीडियो किसी अज्ञात शख्स ने बना लिया। बाद में यही वीडियो वायरल हुआ, जिससे अजीत के हत्यारे को पकड़ा गया। लेकिन उससे पहले अजीत का परिवार न्यू अशोक नगर थाने पहुंचा। लेकिन पुलिस ने थाने में परिवार की सुनवाई नहीं की। 13 जून को बड़ी मुश्किल से गुमशुदगी दर्ज की गई, । परिजन लगातार कुछ लोगों पर शक जताकर जांच करवाने की बात करता रहा।
इधर वीडियो बनाने वाले शख्स ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दिया। परिजनों ने वीडियो के आधार पर अधिकारियों से जांच की गुहार लगाई। करीब दो माह बाद 27 जुलाई को वीडियो के आधार पर पहले मामले में अपहरण का मामला दर्ज कर जांच पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ को सौंप दी गई। पुलिस ने जांच में पाया कि कार पांडव नगर थाने में तैनात सिपाही मोनू सिरोही की है। स्पेशल स्टाफ ने उससे पूछताछ की तो आरोपी पुलिस टीम को गुमराह करता रहा। लेकिन पूछताछ करने पर वह टूट गया।
उसने बताया कि मृतक अजीत व उसका दोस्त शराब के नशे में था। उसने व उसके दोस्तों ने भी शराब पी हुई थी। अजीत व अतुल अचानक उनकी कार के सामने आ गए और उनका शरीर कार से टच हो गया था। कहासुनी में मोनू ने अपने दोस्त विनीत, विकास और हरीश के साथ मिलकर दोनों की पिटाई कर दी। अतुल तो भाग गया। अजीत की पिटाई कर उन्होंने अगवा कर लिया। लेकिन पिटाई से अजीत ने दम तोड़ दिया।
उसके शव को गंगनहर में ठिकाने लगा दिया ।पुलिस ने हत्या, सबूत मिटाने, अपहरण और अपराधिक षडयंत्र का मामला दर्ज कर मोनू व उसके तीनों दोस्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मृतक अजीत के खिलाफ वर्ष 2017 में हत्या के प्रयास का मामला दर्ज हुआ था। वहीं अतुल के खिलाफ भी अपराधिक मामला दर्ज है। इस तरह सिपाही मोनू सिरोही ने एक परिवार के चिराग को बुझा दिया।