अर्चना कुमारी। अजय गुर्जर उर्फ भाई जी दाऊद के भाई इकबाल इब्राहिम कासकर का करीबी है लेकिन फिलहाल दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है । स्पेशल सेल ने इस बदमाश को मथुरा रोड से गिरफ्तार किया । पुलिस का दावा है कि अंडरवर्ल्ड डॉन से जुड़े गैंगस्टर अजय गुर्जर के खिलाफ हत्या, हत्या प्रयास, जबरन उगाही, आर्म्स एक्ट आदि के दो दर्जन मामले दर्ज हैं। जबकि यह बदमाश राष्ट्रीय स्तर पर ताइक्वांडो में आठ गोल्ड मेडल जीते हैं। वह अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी रहा है। पुलिस ने उसके पास से एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल और 5 जिंदा कारतूस बरामद किए ।
पुलिस ने बताया कि इस बदमाश को इंस्पेक्टर शिवकुमार और सब इंस्पेक्टर राजेश शर्मा आदि की टीम ने गिरफ्तार किया । दरअसल अगस्त 2021 में दो बदमाशों के बीच बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था। दावा किया गया कि इस ऑडियो में सतेंद्र उर्फ सत्ते अपने साथी अजय गुर्जर को एके 47 राइफल का बंदोबस्त करने के लिए कह रहा था। बताया जाता है कि कॉल में सतेंद्र तिहाड़ जेल के एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट को मारने की बात कह रहा था।
इस डिप्टी सुपरिटेंडेंट पर तिहाड़ जेल में अंकित गुर्जर नामक बदमाश को मारने का आरोप है। इन दिनों यह मामला सीबीआई के पास है। जबकि ऑडियो वायरल होने के बाद पिछले साल 17 अगस्त को स्पेशल सेल ने सतेंद्र को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में पता चला कि वह अपने साथी अजय गुर्जर को एके-47 का बंदोबस्त करने के लिए कह रहा था। इस जानकारी पर अजय गुर्जर को भी पकड़ लिया गया । पूछताछ में पता चला है कि अजय गुर्जर खतरनाक अपराधी है। साल 2004 में पहली बार उसने झगड़ा होने पर एक युवक को चाकू मारा था।
इस मामले में वह जेल गया था। इसके बाद जेल से आने के बाद वह अपराधिक वारदातों में लिप्त बदमाशों के साथ जबरन उगाही करने लगा। उसके खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन उगाही, दंगा, आर्म्स एक्ट आदि के दो दर्जन से ज्यादा मामले दिल्ली, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज हैं। इनमें से 10 से ज्यादा मामले अकेले जबरन उगाही के हैं। उसके रिश्तेदार जेपी गुर्जर के अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन थे।
उसने अजय गुर्जर को मुंबई के गैंगस्टर हाफिज बलोच के पास छिपने के लिए भेजा था। हाफिज बलोच ने वर्ष 2008 में जुबेर पटेल उर्फ कातिया डॉन की हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद वह मुंबई से फरार होकर अजय गुर्जर के घर पर रुका था। अजय गुर्जर के संबंध हाफिज बलोच, इकबाल इब्राहिम कासकर के अलावा, आरिफ जान तथा सुभाष ठाकुर से भी रहे हैं और सभी डी कंपनी के लिए काम करते रहे हैं। फिलहाल दिल्ली पुलिस इस बारे में पूछताछ में जुटी हुई है।